फरीदाबाद: शहर के टॉप वकील एलएन पाराशर ने ह्यूमन राईट कमीशन के काम के प्रति नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि जब कोई गुंडा-बदमाश या आतंकवादी मारा जाता है तो ह्यूमन राईट वाले तुरंत एक्टिव हो जाते हैं लेकिन जब किसी घटना में पुलिस या सेना के जवान मरते हैं तो ह्यूमन राईट वाले अपनी ऑंखें बंद किये रखते हैं. उन्होंने कहा कि ह्यूमन राईट कमीशन बनाने का उद्देश्य बहुत अच्छा था लेकिन यह संस्था अब उद्देश्य से भटक गयी है.
वकील पाराशर ने कहा कि ह्यूमन राईट संस्था सिर्फ कुछ लोगों के लिए काम करती है, कभी पुलिस वालों के लिए आगे नहीं आती, कभी सेना के लिए नहीं आती, कश्मीर में पत्थरबाज लोग सेना पर पत्थर फेंकते हैं तो ह्यूमन राईट वालों को सेना का दर्द नहीं दिखता लेकिन जब सेना के जवान पत्थरबाजों पर वार करते हैं तो ह्यूमन राईट तुरंत एक्टिव हो जाता है.
उन्होंने ह्यूमन राईट वालों को सलाह दी कि हर इंसान एक समान है इसलिए या तो सभी के लिए आगे आओ, वरना किसी के लिए भी आगे मत आओ.
वकील पाराशर ने CM विंडो पर भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इसे तुरंत बंद किया जाना चाहिए, जब जिले में ईमानदार पुलिस कमिश्नर हैं, लोग उनके पास शिकायत करने के लिए जा सकते हैं तो CM विंडो का क्या काम है, इसे सिर्फ पुलिस अफसरों का सिरदर्द बढ़ाने के लिए शुरू किया गया है.
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