फरीदाबाद: बहुत ही शर्मनाक खबर है. 2 नंबर के रहने वाले जतिन भाटिया के दोनों पैरों की हड्डियाँ तोड़ने वाले बदमाशों को फरीदाबाद कोर्ट से तुरंत ही बेल मिल गयी है. जतिन भाटिया को इसलिए न्याय नहीं मिल सका क्योंकि उसके पास मंहगा वकील करने के पैसे नहीं थी, अगर जतिन भाटिया ने लाखों रुपये खर्च करके मंहगा और ताकतवर वकील किया होता तो वकील अपराधियों पर बड़ी धाराएं भी लगवा देता और उन्हें जमानत भी ना लेने देता लेकिन जतिन भाटिया ऐसा नहीं कर सका, पैर टूटे होने के कारण वह खुद कोर्ट जा नहीं सकता, उसकी माँ कोर्ट में गयी थी, माँ को न्यायालय और न्यायाधीश पर भरोसा था लेकिन उसे नहीं पता था कि न्यायाधीश वही फैसले देते हैं जो वकील अपनी दलील में कहता है, वहां पर गरीब नहीं देखे जाते, वहां पर सिर्फ वकील देखे जाते हैं, वकीलों की दलील सुनी जाती है.
कहने का मतलब ये है कि अगर फरीदाबाद के बदमाश आपके दोनों पैरों की हड्डियाँ तोड़ दें तो पुलिस में शिकायत ना करें, अगर मंहगा वकील करने की हिम्मत है तभी पुलिस में शिकायत करें और अपने वकील के जरिये बदमाशों को बेल ना लेने दें, अगर ऐसा नहीं कर पाए तो पुलिस थाने और कोर्ट में आपको चक्कर लगाने होंगे, ना न्याय मिलेगा, बचा खुचा पैसा भी खर्च हो जाएगा.
कहने का मतलब ये है कि अगर फरीदाबाद के बदमाश आपके दोनों पैरों की हड्डियाँ तोड़ दें तो पुलिस में शिकायत ना करें, अगर मंहगा वकील करने की हिम्मत है तभी पुलिस में शिकायत करें और अपने वकील के जरिये बदमाशों को बेल ना लेने दें, अगर ऐसा नहीं कर पाए तो पुलिस थाने और कोर्ट में आपको चक्कर लगाने होंगे, ना न्याय मिलेगा, बचा खुचा पैसा भी खर्च हो जाएगा.
यह मामला कोतवाली पुलिस थाने में दर्ज हुआ था. इसमें पांच को आरोपी बनाया गया था जिसमें से सिर्फ सुमित और पवन को गिरफ्तार किया जा सका, दोनों को कोर्ट में पेश करते ही बेल मिल गयी. पुलिस ने कोई बड़ी और नॉन-बेलेबल धाराएं लगाई ही नहीं जिसकी वजह से उन्हें कोर्ट से खड़े खड़े बेल मिल गयी. ऐसा लगता है कि पुलिस ने बदमाशों के साथ मिलीभगत करके धाराओं का सौदा कर लिया, इसकी जांच होनी चाहिए और दोषी पुलिस अफसरों की नौकरी बर्खास्त होनी चाहिए, एक लड़के की दोनों हड्डियाँ तोड़ दी गयीं और बदमाश खुलेआम घूम रहे हैं.
इस मामले में जतिन भाटिया की जान लेने की कोशिश की गयी थी, उसके दोनों पैर खराब कर दिए गए हैं, दोनों पैरों में सरिया डाली गयी है, 307 धारा बनती थी लेकिन पुलिस ने यह धारा लगाई ही नहीं जिसकी वजह से दोनों आरोपियों को तुरंत बेल मिल गयी. डॉक्टर ने भी नार्मल रिपोर्ट दी है, उसकी भी जांच होनी चाहिए.
यह शहर का दुर्भाग्य है कि जानलेवा हमला करने वाले बदमाश बेल पर बाहर हो गए हैं लेकिन जतिन भाटिया के दोनों पैर खराब हो गए हैं. उसे ठीक होने में कई महीनें लगेंगे, पहले जैसे पैर नहीं हो पाएंगे लेकिन इतना संगीन जुर्म भी बदमाशों को कोई सजा नहीं दिला पाया.
इस मामले में पकडे गए आरोपियों के नाम पवन और सुमित हैं. फरार आरोपियों में पवन का भाई लाला और दो अन्य रोहित एवं सतीश शामिल हैं.
पवन और लाला तिगांव के बड़े बदमाश बताए जा रहे हैं. खबर लिखे जाने से पहले पुलिस इनपर हाथ डालने से बच रही थी लेकिन आखिरकार इन्हें आरोपियों को गिरफ्तार करना ही पड़ा.
बता दें कि 10 जून 2018 को आरोपियों ने जतिन भाटिया नाम के एक युवक पर मामूली कहा सुनी के बाद जानलेवा हमला कर दिया, लोहे की सरिया और पाइप से मार मार कर उसके दोनों पैर खराब कर दिए और उसे अधमरे हालत में छोड़कर फरार हो गए. कुछ लोगों ने इंसानियत दिखाते हुए उसे बीके हॉस्पिटल में भर्ती कराया जिसकी वजह से उसकी जान बची.
इस मामले में जतिन भाटिया की जान लेने की कोशिश की गयी थी, उसके दोनों पैर खराब कर दिए गए हैं, दोनों पैरों में सरिया डाली गयी है, 307 धारा बनती थी लेकिन पुलिस ने यह धारा लगाई ही नहीं जिसकी वजह से दोनों आरोपियों को तुरंत बेल मिल गयी. डॉक्टर ने भी नार्मल रिपोर्ट दी है, उसकी भी जांच होनी चाहिए.
यह शहर का दुर्भाग्य है कि जानलेवा हमला करने वाले बदमाश बेल पर बाहर हो गए हैं लेकिन जतिन भाटिया के दोनों पैर खराब हो गए हैं. उसे ठीक होने में कई महीनें लगेंगे, पहले जैसे पैर नहीं हो पाएंगे लेकिन इतना संगीन जुर्म भी बदमाशों को कोई सजा नहीं दिला पाया.
इस मामले में पकडे गए आरोपियों के नाम पवन और सुमित हैं. फरार आरोपियों में पवन का भाई लाला और दो अन्य रोहित एवं सतीश शामिल हैं.
पवन और लाला तिगांव के बड़े बदमाश बताए जा रहे हैं. खबर लिखे जाने से पहले पुलिस इनपर हाथ डालने से बच रही थी लेकिन आखिरकार इन्हें आरोपियों को गिरफ्तार करना ही पड़ा.
बता दें कि 10 जून 2018 को आरोपियों ने जतिन भाटिया नाम के एक युवक पर मामूली कहा सुनी के बाद जानलेवा हमला कर दिया, लोहे की सरिया और पाइप से मार मार कर उसके दोनों पैर खराब कर दिए और उसे अधमरे हालत में छोड़कर फरार हो गए. कुछ लोगों ने इंसानियत दिखाते हुए उसे बीके हॉस्पिटल में भर्ती कराया जिसकी वजह से उसकी जान बची.
यह वारदात 10 जून 2018 की है, जतिन भाटिया ECO गाडी चलाकर फरीदाबाद से गुरुग्राम तक सवारियों को ले जाता है और वापस आता है, इसी से उसकी कमाई होती है. 10 जून को मेट्रो चौक पर कुछ लोगों ने उसका पीछा किया और कट्टे की बट, लोहे की पाइप से उसे मारना शुरू कर दिया, जतिन को जान से मारने की कोशिश की गयी, जब बदमाशों को लगा कि जतिन मर गया है तो उसे छोड़कर चले गए.
जतिन की माँ का रो रो कर बुरा हाल है, उनके इकलौते लड़के का बदमाशों ने ये हाल कर दिया, आगे भी जान का खतरा बना है, जतिन की माँ ने कहा कि मेरे बेटे को जिंदगी भर के लिए अपाहिज बनाने की कोशिश की गयी है, कल को किसी तरह से ठीक भी हो गया तो खुलेआम घूम रहे बदमाश उसे फिर से मार देंगे, उसकी जान को खतरा है और पुलिस कोई एक्शन नहीं ले रही है. पूरी जानकारी के लिए देखें VIEO.
FIR Number - 0318, Date: 10.6.2018, कोतवाली पुलिस
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