फरीदाबाद: फरीदाबाद में घोर अंधेर चल रही है. बिजली की किल्लत से परेशान लोग क्षेत्र की विधायिका के घर पर बिजली मांगने जाते हैं तो 18 लोगों को गिरफ्तार कर लिया जाता है. अब इस मामले में सारी गलती क्षेत्र के SHO की निकाली जा रही है लेकिन हर कोई जानता है कि जब तक विधायिका जी आदेश नहीं देंगी पुलिस ऐसा कदम नहीं उठा सकती.
पहली बात तो यह सोचने लायक है - कुछ लोग यह कह रहे हैं कि ग्रीनफील्ड कॉलोनी एक प्राइवेट कॉलोनी है और वहां पर एक प्राइवेट कंपनी बिजली सप्लाई करती है, मान लेते हैं ये प्राइवेट कॉलोनी है लेकिन वहां के लोगों के वोट तो प्राइवेट नहीं हैं. सरकार बने चार साल हो गए, इस समस्या पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया, रही बात, रात में विधायिका के घर पर हंगामा करने की तो क्या बीजेपी वाले कभी विरोध प्रदर्शन नहीं करते? पूरे देश में हर कोई विरोध प्रदर्शन और हंगामा कर रहा है.
कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि हंगामा करने वालों ने दारू पी रखी थी. चालो मान लेते हैं कि 100-200 लोगों में 2-4 लोगों ने दारू पी रखी थी. तो क्या फरीदाबाद में दारू पीना जुर्म है, अगर दारू पीना जुर्म है तो सरकार ने हर गली, हर चौराहे पर दारू के ठेके क्यों खुलवा रखे हैं.
कहने का मतलब ये है कि बिना विधायिका के आदेश के 18 लोगों को गिरफ्तार नहीं किया गया होगा, अब इस मामले के SHO की गलती क्यों निकाली जा रही है. देखने पर लगता है कि फरीदाबाद में तानाशाही चल रही है, अगर कोई विरोध करेगा तो उसे गिरफ्तार करवा दिया जाएगा, कोई बिजली पानी मांगने जाएगा तो उसे हवालात में बंद करवा दिया जाएगा, आखिर यह सभी समस्याएँ पैदा ही क्यों की जा रही हैं. बीजेपी नेताओं ने तो यही समस्याएँ ख़त्म करने के लिए जनता से वोट माँगा था, दुर्भाग्य से समस्याएँ ख़त्म नहीं हो पायीं, लोग बिजली पानी मांगने जा रहे हैं तो उन्हें गिरफ्तार करवाया जा रहा है.
18 लोगों को गिरफ्तार करवाकर विधायिका जी ने यही सन्देश दिया है कि अगर आगे से किसी ने उनके घर पर बिजली, पानी या अन्य समस्याओं के लिए विरोध प्रदर्शन किया तो सीधा हवालात भेजा जाएगा.
एक सवाल यह भी खड़ा हो रहा है, आखिर विधायिका जी ऐसे कदम क्यों उठा रही हैं, कुछ लोग विधायिका को घमंडी बता रहे हैं तो कुछ लोग तानाशाह बता रहे हैं, कुछ लोग उनकी राजनीतिक समझ पर भी सवाल खड़ा कर रहे हैं, कुछ महीनों पहले इन्हीं विधायिका ने हार्डवेयर चौक पर अवैध अतिक्रमण हटाने गयी MCF टीम, SDM और पुलिस अधिकारियों को लाइव धमकी देते हुए उन्हें अवैध अतिक्रमण हटाने से रोक दिया था, उस समय भी उनकी काफी आलोचना हुई थी, अगर बार बार ऐसे ही नासमझी भरे कदम उठाये जाते रहे तो उन्हें अगले चुनावों में दिक्कत हो सकती है.
एक सवाल यह भी खड़ा हो रहा है, आखिर विधायिका जी ऐसे कदम क्यों उठा रही हैं, कुछ लोग विधायिका को घमंडी बता रहे हैं तो कुछ लोग तानाशाह बता रहे हैं, कुछ लोग उनकी राजनीतिक समझ पर भी सवाल खड़ा कर रहे हैं, कुछ महीनों पहले इन्हीं विधायिका ने हार्डवेयर चौक पर अवैध अतिक्रमण हटाने गयी MCF टीम, SDM और पुलिस अधिकारियों को लाइव धमकी देते हुए उन्हें अवैध अतिक्रमण हटाने से रोक दिया था, उस समय भी उनकी काफी आलोचना हुई थी, अगर बार बार ऐसे ही नासमझी भरे कदम उठाये जाते रहे तो उन्हें अगले चुनावों में दिक्कत हो सकती है.
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