फरीदाबाद: करीब 8-10 वर्षों से फरीदाबाद नगर निगम को फरीदाबाद नरक निगम कहा जाने लगा, ऐसा इसलिए क्योंकि नगर निगम में भ्रष्टाचार और घूसखोरी जड़ तक समा गयी. अभी भी हालत बदले नहीं हैं, कुछ अधिकारी अभी भी भ्रष्टाचार और घोटालों के समुंदर में डूबे हुए हैं लेकिन अब नगर निगम के दर्जनों पार्षद इनके खिलाफ एकजुट हो रहे हैं.
ख़ास सूत्रों के अनुसार लगभग 25-30 पार्षद किसी बड़े अधिकारी के कामकाज के तरीके से नाराज हैं, इसके कारनामें देखकर पार्षदों ने इसका नाम यादव सिंह रख दिया है, यादव सिंह उत्तर प्रदेश का महा-घोटालेबाज अफसर था जिसे CBI ने गिरफ्तार किया था.
भ्रष्ट अफसरों की वजह से शहर का विकास बहुत धीमा हो गया है जिसका नुकसान भाजपा सरकार के साथ साथ नगर निगम के पार्षदों को भी हो रहा है क्योंकि उनके क्षेत्र में विकास की योजनाएं पास नहीं हो रही हैं. करीब 25 पार्षदों की एक कमेटी बनाई गई है जिसका अध्यक्ष पार्षद महेंद्र सरपंच को बनाया गया है। पार्षद दीपक चौधरी और कपिल डागर को उस टीम में ख़ास स्थान मिला है।
जल्द ही पार्षदों की एक मीटिंग होने वाली है जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी, फिलहाल घोटालेबाज अफसर की शिकायत आला कमान को कर दी गयी है. अब देखते हैं कि इस मामले में क्या होता है.
Post A Comment:
0 comments: