फरीदाबाद: जनता को लूटने के कई तरीके हैं, सड़क बनाने में घटिया माल लगाकर जनता को लूटा जाता है, सरकारी योजनाओं में घोटाला करके जनता को लूटा जाता है और आजकल फरीदाबाद की जनता को पानी के लिए परेशान करके लूटा जा रहा है.
अब मान लिजिये मैं नेता हूँ और मुझे जनता को लूटना है, मैं नगर निगम अधिकारियों, ट्यूबवेल पर बैठे कर्मचारियों और टैंकर माफियाओं के साथ सेटिंग करूँगा और अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके पानी की सप्लाई रोक दूंगा, जब जनता के घरों में दो तीन दिनों तक पानी नहीं आएगा तो जनता मरने लगेगी और मजबूर होकर टैंकर से पानी खरीदेगी, टैंकर से पहले से ही मेरी सेटिंग होगी इसलिए टैंकर वालों की कमाई का हिस्सा मेरे घर पहुँच जाएगा.
फरीदाबाद में भी ऐसा ही हो रहा है, 15 दिनों से यहाँ की जनता पानी के लिए परेशान है, पूरे शहर में ही पानी की सप्लाई रोकी गयी है, लोग टैंकर वालों को मुंहमांगा दाम देकर पानी खरीद रहे हैं.
अब मान लीजिये मैं 20 दिनों तक पानी रुकवाता हूँ, अगर शहर के पांच लाख परिवार 2-2 हजार रुपये टैंकर वालों को देकर पानी खरीदेंगे तो भी कुल पैसे आयेंगे 100 करोड़ रुपये. मतलब 20 दिन में मैं जनता से 100 करोड़ रुपये लूट लूँगा और उसमें से कुछ पैसा अधिकारियों, टैंकर माफियाओं और अन्य लूट के हिस्सेदारों को दे दूंगा. अगर मुझे 50 करोड़ रुपये भी बच गए तो बहुत है, अगले साल फिर से 50 करोड़ लूटूँगा और पांच साल की सरकार में 250 करोड़ रुपये कमाऊंगा. जनता बहुत भोली होती है, कुछ दिनों में कष्ट भूल जाती है और मान लो कष्ट ना भूली और अगले चुनाव में मुझे वोट ना भी दिया तो कोई बात नहीं, मेरे पास ढाई सौ करोड़ रुपये तो रहेंगे, इतने में तो मेरी सात पुश्तें बैठकर खाएंगी.
फरीदाबाद में कुछ कुछ ऐसा ही हो रहा है, एक तरफ तो नगर निगम अवैध ट्यूबवेल, अवैध बोरिंग, अवैध टैंकर माफियाओं पर कार्यवाही करने की बात करती है और दूसरी तरफ पानी की कमीं पैदा करके टैंकर वालों से पानी बिकवाया जा रहा है. इस वक्त हालात ऐसे हो गए हैं कि अगर टैंकर वाले पानी बेचने ना आएँ तो जनता प्यासी मर जाए.
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