नई दिल्ली: दो दिन पहले एक पोस्ट वायरल हो रही थी जिसमें कहा जा रहा था कि हाई कोर्ट ने आदेश दिया है - गर्मी की छुट्टियों में कोई भी निजी स्कूल छात्रों से फीस नहीं लेगा, अगर कोई स्कूल फीस मांगता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी.
यह पोस्ट पढ़कर फरीदाबाद के लोग खुश हो गए क्योंकि फरीदाबाद के लोगों की अधिकतर कमाई बच्चों को पढ़ाने में खर्च होती है, प्राइवेट स्कूल सबसे बड़े लुटेरे साबित हो रहे हैं, कभी फीस के नाम पर, कभी ड्रेस के नाम पर, कभी कॉपी-किताबों के नाम पर और कभी टूर पर ले जाने के नाम पर बच्चों के अभिभावकों को लूटा जाता है.
जैसे ही शहर के लोगों ने यह खबर सुनी लोग खुश हो गए लेकिन जब पता चला कि यह आदेश भारतीय कोर्ट ने नहीं बल्कि पाकिस्तानी कोर्ट ने दिए हैं तो लोग दुखी हो गए.
अब फरीदाबाद के लोग पाकिस्तानी कोर्ट की तारीफ कर रहे हैं, वहां के जजों को दुवा दे रहे हैं जबकि भारत की अदालतों और जजों की आलोचना हो रही है, कहा जा रहा है कि पाकिस्तानी कोर्ट बच्चों के पेरेंट्स का दर्द समझती है, स्कूलों की लूट पर लगाम लगाई है लेकिन भारतीय अदालतें ऐसा फैसला नहीं सुनाती और ना ही यहाँ की सरकारें ऐसा कदम उठाती हैं. यहाँ तो प्राइवेट स्कूलों को लूटने की पूरी छूट मिली हुई है.
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