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अनीता शर्मा केस: तीन पत्रकारों को फंसाकर सीमा त्रिखा और KP गुर्जर को बदनाम करने की हुई साजिश

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फरीदाबाद: बीजेपी महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष अनीता शर्मा मानहानि केस में आज बड़ा खुलासा हुआ है, इस मामले में नामजद तीनों पत्रकारों के समर्थन में आज जिले के समस्त पत्रकारों ने बीके चौक पर धरना दिया, धरने में बड़े बड़े खुलासे हुए, यह भी खुलासा हुआ कि अनीता शर्मा की तरफ से पुलिस ने तीनों पत्रकारों पर दबाव बनाया था कि इस मामले में बडखल बीजेपी विधायक सीमा त्रिखा और लोकसभा सांसद एवं केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर का नाम ले लें तो पत्रकारों पर से मुकदमा हटा लिया जाएगा.

अनीता शर्मा की तरफ से पुलिस द्वारा दी गयी इस शर्त को तीनों पत्रकार नहीं मानें और कहा कि आप भले ही हमें जेल भिजवा दो लेकिन हम बिना मतलब के सीमा त्रिखा और कृष्णपाल गुर्जर को बदनाम नहीं करेंगे. इसके बाद पत्रकारों को कोर्ट में पेश करके धमकी के अनुसार जेल भिजवा दिया गया हालाँकि उन्हें दूसरे ही दिन जमानत मिल गयी.

अब सवाल यह उठता है कि बीजेपी महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष अनीता शर्मा बडखल विधायक सीमा त्रिखा और कृष्णपाल गुर्जर को बदनाम क्यों करना चाहती थीं, कहीं वह बडखल विधानसभा या फरीदाबाद लोकसभा का टिकट तो नहीं पाना चाहतीं. पत्रकारों द्वारा लिखी खबर में ना तो उनकी फोटो का इस्तेमाल किया गया था और ना ही उनका नाम लिखा गया था, ऐसे में उन्हें कैसे पता चला कि यह खबर उनके लिए लिखी गयी थी, दूसरी बात, पुलिस ने जांच में यह सब क्यों नहीं देखा.

कई बार ऐसा होता है कि पब्लिसिटी पाने के लिए जान बूझकर लोगों को फंसाया जाता है, पुलिस में मामले दर्ज करवाए जाते हैं, उसके बाद धरना प्रदर्शन करके मीडिया में सुर्खियाँ बटोरी जाती हैं ताकि ऐसे लोगों के नाम की हर जगह चर्चा हो, सहानुभूति मिले और चुनावों में टिकट मिले. फरीदाबाद में भी ऐसा ही हुआ, अनीता शर्मा ने पहले ही दिन पुलिस कमिश्नर दफ्तर के बाहर धरना दिया, अपने साथ सैकड़ों महिलाओं को ले गयीं, कई बार और धरना प्रदर्शन दिया गया, कोर्ट में सुनवाई के दिन भी सैकड़ों महिलाओं से नारेबाजी करवाई गयी, यह सब देखकर ही साजिश की बू आ रही है और पब्लिसिटी स्टंट लगता है.

इस मामले में फरीदाबाद के सभी पत्रकार एकजुट हैं. आज तीनों पत्रकारों को इस मामले में निर्दोष बताया गया साथ ही मुख्यमंत्री से मिलकर मामले को खारिज करने की बात कही गयी.

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