जानकारी के मुताबिक इन गांवों में पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए दूर-दराज के गांवों से पाइप लाइन से लाकर जनस्वास्थ्य विभाग आपूर्ति करता है। भूजल खारा होने से किसानों को खेती करने में भी समस्या सामना करना पड़ रहा है. किसान गुरुग्राम नहर या फिर गौंछी ड्रेन के पानी से खेती करते हैं.
गाँव वालो ने बताया कि पृथला विधायक टेकचंद शर्मा ने सेम की समस्या के स्थायी समाधान के लिए विधानसभा के बजट सत्र में मुद्दा उठाया था, जिसका सरकार ने जल्द समाधान कराने का आश्वासन दिया है।
खारे पानी से प्रभावित बल्लबगढ़ खंड के नौ गांवों का विवरण
सिकरौना, कबूलपुर बांगर, भनकपुर, नंगला जोगियान, खंदावली, फिरोजपुर कलां, करनेरा, मोहला, फतेहपुर तगा शामिल हैं। इन गांवों में पीने के पानी गांव कैली, लदियापुर, जकोपुर, डीग से पाइप लाइन से आपूर्ति की जाती है। गांवों में पेयजल संकट का स्थायी समाधान करने के लिए जल्दी रेनीवेल योजना के पानी की आपूर्ति करने की तैयारी है। रेनीवेल योजना के तहत गांव मोहना में यमुना किनारे ट्यूवबेल लगाए जाएंगे। योजना पर काम शुरू हो चुका है।
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