फरीदाबाद: आपने देखा होगा कि उत्तर प्रदेश चनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी ने अवैध कब्जाखोरी को मुद्दा बनाया था, कब्जाखोरों के खिलाफ अभियान चलाने के लिए बीजेपी ने एक ईमेल भी जारी किया था, उनका कहना था कि किसी भी कब्जाखोर के खिलाफ इस ईमेल पर शिकायत करें, हम ऐसे लोगों को सबक सिखाएंगे, कब्जाखोरों के खिलाफ जनता में इतना गुस्सा था कि लोगों ने बीजेपी का समर्थन किया और समाजवादी पार्टी की सरकार को उखाड़ फेंका.
अब ऐसा ही माहौल फरीदाबाद में भी दिख रहा है, यहाँ भी अवैध कब्जाखोर माफिया हावी हैं लेकिन यहाँ पर सीन उल्टा है, यहाँ पर बीजेपी पर कब्जाखोर माफियाओं की मदद करने के आरोप लगा रहे हैं, जब भी प्रशासन अवैध कब्जाखोरों के खिलाफ तोड़-फोड़ करने जाती है तो बीजेपी विधायक सीमा त्रिखा सामने आ जाती हैं और कहती हैं कि जो भी कब्जाखोरों के खिलाफ अभियान चलेगा उसे खुली डील में सस्पेंड कर दूँगी.
समाजवादी पार्टी के रास्ते पर चले बीजेपी नेता
आपने देखा होगा कि कब्जाखोरों को बचाने वाली समाजवादी पार्टी के खिलाफ वहां की जनता में इतना गुस्सा था कि जब चुनाव आया तो उन्होंने उसे साफ़ कर दिया, पूरी तरह से मिटा दिया, अब फरीदाबाद की बीजेपी विधायक सीमा त्रिखा भी समाजवादी पार्टी के रास्ते पर चल पड़ी हैं इसलिए फरीदाबाद में भी बीजेपी का साफ़ होना निश्चित है.
पुलिस ईमानदार लेकिन नेता खलनायक तो क्या करें
जब चोर चोरी करते हैं तो जनता कहती है पुलिस प्रशासन फेल हो रहा है, जब बेईमान लोग सरकारी जमीनों पर कब्ज़ा करते हैं तो जनता कहती है कि पुलिस और प्रशासन फेल हो रहा है, जब माफियावाद को बढ़ावा मिलता है तो जनता कहती है कि पुलिस प्रशासन फेल हो रहा है, जब हत्याएं होती हैं तो जनता कहती है कि पुलिस प्रशासन फेल हो रहा है, जनता हर आरोप पुलिस प्रशासन पर लगाती है लेकिन जनता यह नहीं समझती कि पुलिस प्रशासन तो अपनी ड्यूटी ईमानदारी से करना चाहता है लेकिन जब वे ईमानदारी से काम करते हैं तो नेता लोग उनके साथ बहुत बुरा बर्ताव करते हैं, उनका अपमान करते हैं और उन्हें सस्पेंड कर देते हैं.
आज ऐसी ही घटना फरीदाबाद में देखने को मिली, हार्डवेयर चौक पर सरकारी जमीन पर दबंग लोगों ने कब्जा कर रखा है, जनता ने जब इन अवैध कब्जाखोरी के खिलाफ शिकायत की तो प्रशासन भी नींद से जागा और आज तोड़ फोड़ करने के लिए दल बल के साथ हार्डवेयर चौक पर पहुँच गए.
मौके पर बडखल के एसडीएम रीगन कुमार भी पहुंचे, उनके पास डीसी के आदेश की चिट्ठी भी थी, उनके साथ कई पुलिस अधिकारी भी थे, नगर निगम के भी कई अधिकारी थे, तोड़ फोड़ टीम को इस बात की जानकारी थी कि नेता लोग उनके काम में जरूर बाधा डालेंगे, उन्हें बार बार फोन करेंगे, बेईमानों को बचाने की पूरी कोशिश करेंगे इसीलिए सभी लोगों ने अपने फोन स्विच ऑफ कर रखे थे.
उनका अंदेशा सही निकला क्योंकि इलाके की बीजेपी विधायक सीमा त्रिखा ने उन्हें तोड़-फोड़ से रोकने के लिए फोन करना शुरू कर दिया लेकिन उन्होंने फोन बंद कर रखा था, इसके बाद सीमा त्रिखा ने डीसी पर दबाव बनाया, वहां से काम नहीं बना तो अपने साथियों के साथ हार्डवेयर चौक पर पहुंची और दादागिरी दिखानी शुरू कर दी, उन्होंने इमानदारी से काम कर रहे पुलिस अफसरों को कहा, सस्पेंड होने का शौक है ना तो खुली डील में सस्पेंड है तू.
सीमा त्रिखा ने ना सिर्फ एसडीएम रीगन कुमार पर दादागिरी दिखाई, वहां उपस्थिति हर अधिकारी को धमकी दे दी, उन्होंने कहा कि तुम लोग सस्पेंड होना चाहते हो, अधिकारियों की गलती सिर्फ इतनी थी कि वह अवैध कब्जाखोरों से सरकारी जमीन खाली करने पहंचे थे, अवैध निर्माण को तोड़ने पहुंचे थे लेकिन विधायक सीमा त्रिखा ने उन्हें खाली हाथ लौटा दिया. सीमा त्रिखा ने तो इतना तक कह दिया कि अगर कोर्ट इन अवैध निर्माणों को तोड़ने का आदेश देगा तो भी वह तोड़-फोड़ नहीं करने देंगी. देखें पूरा वीडियो.
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