फरीदाबाद: फरीदाबाद के हुडा कन्वेंशन हॉल में चल रहे तीन दिवसीय पांचवे इंडिया इंटरनेशनल टैटू कन्वेंशन के दूसरे दिन टैटू प्रेमियों का जमावडा देखा गया, दूर दराज के टैटू प्रेमी फरीदाबाद टैटू बनवाने पहुंचे। बता दें कि इस टैटू कन्वेंशन में 16 देशों के करीब 150 से ज्यादा टैटू आर्टिस्टों ने भाग लिया है और अपनी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बार टैटू कन्वेंशन में अधिकतर अपने माता पिता का टैटू बनवाने का क्रेेज युवाओं पर देखा जा रहा है।
फरीदाबाद सेक्टर-12 के हुडा कन्वेंशन सेंटर में शुक्रवार से शुरू हुए पांचवें अंतरराष्ट्रीय टैटू महोत्सव में अपने देश के विभिन्न प्रांतों से नामी टैटू आर्टिस्ट के अलावा 16 देशों से कई बड़े कलाकार आए हैं। टैटू के शौकीन इन आर्टिस्ट के नाम भली भांति जानते हैं और वह इस क्षेत्र में कितनी बड़ी सेलिब्रिटी हैं, यह भी महोत्सव में देखने को मिल रहा है। बदलता फैशन हर बार नया ट्रेंड लेकर आता है। इनमें से कपड़े, फुटवियर, मेकअप, एक्सेसरीज और हेयरस्टाइल के साथ जो फैशन सबसे ज्यादा ट्रेंड में है वह है टैटू। युवाओं में टैटू का क्रेज दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। कुछ लोग स्टाइल स्टेटमेंट, कुछ लोग अपने लव्ड वन को अपने प्यार को एक्स्प्रेस करने के लिए और बहुत सारे लोग तो अपने फेवरेट सेलिब्रिटीज से इंस्पायर होकर टैटू बनवा रहे हैं। अब टैटू फैशन का ट्रेड भी बदला है। अब अधिकतर यूथ अपनी गर्लफ्रेंड का नाम या ट्राइब टैटू की जगह अपने माता-पिता का नाम उनका पोट्रेट टैटू के रूप में अपने शरीर पर गुदवा रहे हैं।
फिलहाल टैटू महोत्सव की बात करें तो जो टैटू चलन में हैं उनमें माता पिता का टैटू, मयूरी टैटू, पोट्रेट टैटू , ट्राइबल टैटू, नाम के टैटू, भगवान के टैटू्, बटरफ्लाई का टैटू , चिडिया के टैटू, पेड़ के टैटू हैं।
टैटू आर्टिस्ट अलोक सोनी की माने तो शरीर पर टैटू बनवाने का इतिहास हजारों साल पुराना है। फर्क बस इतना है कि पहले शरीर पर टैटू सीता की रसोई के नाम से बनाया जाता था और अब इसने फैशन का रूप ले लिया है। साथ उन्होंने बताया कि फरीदाबाद से तीन मैट्रो सिटी जुडती है इसलिये इस महोत्सव के लिये फरीदाबाद को चुना जाता है, वहीं उन्होंनेे कहा कि टैटू बनवाने से कोई नुक्सान नहीं होता है ब्लड डोनेट न करने की बात भी एक झूठी है क्योंकि उसके शरीर पर कई टैटू है उसके बाद भी वो ब्लड डोनेट करते हैं।
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