फरीदाबाद 10 अगस्त। पक्का करने और छंटनी बंद करने की मांग को लेकर आशा वर्करों द्वारा फरीदाबाद के सिविल अस्पताल परिसर में धरना दूसरे दिन भी जारी रहा है जहां धरना स्थल पर पहुंच कर अस्पताल के सिविल सर्जन गुलशन आरोडा ने सभी आशा वर्करों को अपना परिवार बतातु हुए आश्वासन दिया कि वो उनकी मांग सरकार तक पहुंचायेंगे। आशा वर्करों का पूरे प्रदेश में दो दिवसीय सांकेतिक धरना-प्रदर्शन था, जो कि सीएमओं के आश्वासन के बाद खत्म कर दिया गया।
गांवों में आशा बहनजी के नाम से जाने जानी वाली आशा वर्करों का धरना प्रदर्शन पूरे प्रदेश की तर्ज पर फरीदाबाद में भी जारी रहा है, पहले दिन सुनकर अनसुनी करने वाले सिविल सर्जन दूसरे दिन आशा वर्करों की गूंज को अनसुनी न कर सके और धरना स्थल पर पहुंच गये जहां आशा वर्करों ने उनका तालियों से स्वागत किया और अपनी मांगे उनके सम्मुख रखी। जिस पर आश्वासन देते हुए सिविल सर्जन गुलशन अरोडा ने कहा कि आशा वर्कर उनके परिवार का एक हिस्सा ही हैं आशा वर्करों की परेशानी भी उनकी परेशानी है इसलिये वो आश्वासन देते हैं कि उनकी सभी जायज मांगों को सरकार को भेज दिया जायेगा और जिला स्तर पर जो भी आशा वर्करों की मांगे हैं उनको जल्द ही पूरा कर दिया जायेगा।
वहीं कर्मचारियों की नेता आशा शर्मा ने कहा कि सातवे वेतन आयोग की तर्ज पर आश वर्करों का मानदेय भी दो गुणा किया जाएं। अभी सरकार की ओर से उन्हे जो मानदेय मिलता है, उसमें गुजारा चलाना भी मुश्किल है। एनआरएचएम के तहत काम करने के कारण उनकी नौकरी पर सदैव छंटनी की तलवार लटकी रहती है। जबकि वे दूसरे कर्मचारियों से अधिक काम करती है। वहीं जिस मकान में उप स्वास्थ्य केन्द्र बनाकर आशा वर्कर लोगों की सेवा करती हैं सरकार ने उन्हें भी किराया नहीं दिया है जिससे मकान मालिक आशा वर्करों को बुरा भला कहते हैं विभिन्न मांगों को लेकर पूरे प्रदेश की आशा वर्कर दो दिवसीय धरना प्रदर्शन पर थी जो कि आज समाप्त हो चुका है, सिविल सर्जन ने धरना स्थल पर पहुंच कर सभी को आश्वासन दिया जिससे वो संतुष्ठ हैं।
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