Faridabad, 22 July: फरीदाबाद के एक युवक संदीप चपराना ने हरियाणा में कांग्रेस के पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह पर पुत्र मोह में अंधे होकर धृतराष्ट्र बनने का आरोप लगाया है, युवक का कहना है कि महेंद्र प्रताप सिंह जानते हैं कि कि उनके दोनों पुत्र विजय एवं विवेक धोखाधडी और फ्रॉड का काम करते हैं, उन्होंने मेरे साथ भी करोड़ों रुपये का फ्रॉड किया है इसके बावजूद भी वे अंधे बने हुए हैं और केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर पर अपने पुत्रों को फंसाने का आरोप लगा रहे हैं।
आज प्रेस वार्ता में संदीप चपराना ने कहा कि पूर्व मंत्री के पुत्रों विजय प्रताप और विवेक प्रताप ने उनके साथ धोखाधड़ी कर करोडों रूपये हडपे हैं जिसका मामला दर्ज हो चुका है और पूर्व मंत्री इस मामले को राजनीतिक द्वेष के चलते एक सोची समझी चाल बता रहे हैं। उनकी मांग है कि कानून अपना काम करें और उन्हें न्याय मिले।
डालते हैं मामले पर पूरी नजर
- एक जमीन का एग्रीमेंट किया गया था जिसके मुताबिक यह जमीन 22664 वर्ग गज थी लेकिन रेवेन्यू रिकार्ड की जांच में वह जमीन मात्र 11310 वर्ग गज ही निकली।
- एग्रीमेंट में संदीप चपराना का शेयर 60 प्रतिशत, धमेंद्र का शेयर 20 प्रतिशत ओर हरेंद्र भोला का शेयर 20 प्रतिशत था, इस जमीन पर लगभग 6.5 करोड़ बैंक लोन था।
- शेयर के हिसाब से संदीप चपराना का 3 करोड़ 90 लाख रूपये का हिस्सा बनता है। मैं 5.5 करोड़ दे चुका था। बैंक लोन क्लीयर होने के बाद हमारे नाम एग्रीमेंट होना था। जो नही हुआ।
- वो एग्रीमेंट पूर्व मंत्री पुत्र विजय प्रताप ने धोखे से अपने रिश्तेदार धर्मेद्र के नाम करा दिया जो कि मेरा ही पार्टनर था।
- इसमें धर्मेंद्र द्वारा 2 करोड़ देना दिखाया गया बाकि तब से आज तक एक भी पैसे का लेन देन नही हुआ, 3 करोड़ के जो चैक दिए गए वो फर्जी थे, मेरी आंखों में धूल झोंकने के लिए विजय प्रताप ने यह चाल चली थी।
संदीप चपराना ने बताया कि 'मुझे जब पता चला तो मैने मंत्री पुत्रों से कहा कि मेरे साथ धोखाधडी हुई हिया इसलिए मै इसकी शिकायत पुलिस आयुक्त को दूंगा, तब इन लोगों ने हमसे समझौता करने का प्रयास किया, फिर हमे बुलाकर हमारे नाम रजिस्ट्री कराने की बात कही, उसके बाद विजय प्रताप के कहने पर 1.25 करोड़ की पेमेंट धर्मेंद्र के खाते में डाली जिसमें 41 लाख रूपये चैक से और 85 लाख रूपये नकद दिए। एक हफ्ते में मेरी रजिस्ट्री कराने की बात की, जिसके लिए मैने 17.50 लाख के स्टांप पेपर भी ले लिए लेकिन रजिस्ट्री नही हुई, आज कल आज कल करते हुए पूरी तीन महीने बिता दिए। तब मैनें एक मुकदमा कोर्ट में डाल दिया ताकि इस जमीन पर स्टे हो जाए।
फिर मैने दिनांक 8-5-2015 को प्रोपर्टी पर स्टे के लिए मुकदमा डाला ताकि प्रोपर्टी पर स्टे हो जाए। तब मुझे विजय प्रताप ने फिर सोची समझी चाल के मुताबिक 25-5-2015 को त्यागी के दिल्ली घर लेकर गया और एक हफ्ते के अंदर रजिस्ट्री करने की बात हुई। मेरे कोर्ट केस में 27-5-2015 की डेट लगी हुई थी, इन्होने मुझसे केस वापिस लेने के लिए कहा। जब इन्होंने मेरी शर्त मान ली और एक हफ्ते में रजिस्ट्री करने का आश्वसन मिलने पर मैने कोर्ट से केस वापिस ले लिया। इसके बाद विजय प्रताप मुझे तारीख के बाद तारीख, तारीख के बाद तारीख कई महीने तक देते रहे। इस मामले में कई बार समाज की पंचायतें हुई जिसमें पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप और उनके दोनो पुत्र शामिल थे, पंचायत में रजिस्ट्री एवं पैसे की हां भरने के बाद भी मुझे ना पैसे दिए ना ही रजिस्ट्री की।
संदीप चपराना ने बताया कि समाज में भी मुझे न्याय नही मिला तो उसके बाद में पुलिस की शरण में गया। मैं चाहता हूं कि पुलिस मेरे साथ न्याय करे आरोपियो को तुरंत गिरफ्तार करे, पूर्व मंत्री के प्रभाव व बहकावे में ना आए। मुझे हमारी न्याय प्रणाली पर पूर्ण विश्वास है मुझे न्याय मिलेगा। पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप को इस मामले की पूरी जानकारी है लेकिन पुत्रमोह में जानबूझकर धृतराष्ट्र बने बैठे हैं।
पीडित संदीप चपराना द्वारा 17 जुलाई को सूरजकुंड थाने में कांग्रेस सरकारों में पांच बार विधायक और कई महत्वपूर्ण विभागों के केबनीनेट मंत्री रह चुके पूर्व मंत्री महेन्द्र प्रताप सिंह के पुत्रों विजय और विवेक प्रताप सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था। जिसमें जमीनों की खरीद फरोख्त के संबंध में 27 करोड का मामला है। जिसको लेकर गत दिवस पूर्व मंत्री महेन्द्र प्रताप ने अपने पुत्रों के पक्ष में एक प्रेसवार्ता आयोजित की और वर्तमान सरकार में सांसद और मंत्री कृष्णपाल गुर्जर पर द्धेष भावना के चलते अपने बेटों के खिलाफ मामला दर्ज करवाने का आरोप लगाया था, उसी के जबाब में आज पीडित संदीप चपराना ने एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया जिसमे उन्होंने साफ - साफ कहा कि उनके मामले से मंत्री कृष्णपाल र्गुजर का कोई लेना देना नहीं हैं, पूर्व मंत्री महेन्द्र प्रताप अपने पुत्रों के प्रेम में धृतराष्ट्र बन गये हैं और धोखधडी के मामले को राजनीतिक रंग देकर समाप्त करना चाहते हैं।
इतना ही नहीं संदीप ने कहा है कि उनका जमीन का मामला कांग्रेस सरकार के समय का है जब पूर्व मंत्री महेन्द्र प्रताप खुद मंत्री थे और वो भी उनके साथ ही रहता था मगर धोखा मिलने के बाद उसने पार्टी और महेन्द्र प्रताप के परिवार को छोड दिया। संदीप ने बताया कि वो पिछले तीन साल से खून के आंसू रो रहा है पूर्व मंत्री के परिवार ने उसे कहीं का भी नहीं छोडा है। इतना ही नहीं संदीप ने आरोप लगाये हैं कि पूरे शहर में उनके अलावा सैंकडों लोग हैं जो पूर्व मंत्री के पुत्रों की धोखाधडी का शिकार है मगर वो उनके डर से आवाज नहीं उठा पा रहे हैं। इसलिये उनकी मांग है कानून अपना काम करें और उन्हें न्याय दिलाये। इस प्रेस वार्ता में संदीप चपराना के साथ उनके साथी प्रेम कृष्ण आर्य भी मौजूद थे।
इतना ही नहीं संदीप ने कहा है कि उनका जमीन का मामला कांग्रेस सरकार के समय का है जब पूर्व मंत्री महेन्द्र प्रताप खुद मंत्री थे और वो भी उनके साथ ही रहता था मगर धोखा मिलने के बाद उसने पार्टी और महेन्द्र प्रताप के परिवार को छोड दिया। संदीप ने बताया कि वो पिछले तीन साल से खून के आंसू रो रहा है पूर्व मंत्री के परिवार ने उसे कहीं का भी नहीं छोडा है। इतना ही नहीं संदीप ने आरोप लगाये हैं कि पूरे शहर में उनके अलावा सैंकडों लोग हैं जो पूर्व मंत्री के पुत्रों की धोखाधडी का शिकार है मगर वो उनके डर से आवाज नहीं उठा पा रहे हैं। इसलिये उनकी मांग है कानून अपना काम करें और उन्हें न्याय दिलाये। इस प्रेस वार्ता में संदीप चपराना के साथ उनके साथी प्रेम कृष्ण आर्य भी मौजूद थे।
संदीप चपराना ने बताया कि 'मेरे साथ पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह के पुत्र विवेक प्रताप एवं विजय प्रताप ने 9. 50 करोड़ रूपये की धोखाधडी की है। ये लोग लगभग तीन साल से मुझे खून के आंसू रूला रहे हैं। इन सभी बातों की पूरी जानकारी पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह को है क्योंकि पूर्व मंत्री लगभग आधा दर्जन पंचायतों में शामिल हुए थे इन पंचायतों में समाज के सामने मुझसे कहा गया था कि आपकी रकम और आपकी जमीन एक हफ्ते में मिल जाएगी लेकिन वह एक हफ्ता कभी नही आया और इस मामले को लेकर हमारे समाज की दर्जनों पंचायते हुई लेकिन कोई निर्णय नही निकला।
मंत्री पुत्रों की इस धोखाधड़ी के कारण मैं मानसिक रूप से परेशान रहने लगा। मेरे रिश्तेदार एवं परिजन मुझे ताना देने लगे। इस धोखाधड़ी के चलते मैं रातों को ठीक से सो नही पाता था। अंत में मैने इन से तंग आकर इस परिवार और पार्टी को छोड दिया। इसके बाद मैने पुलिस आयुक्त फरीदाबाद से न्याय की गुहार लगाई। कई महीने की जांच पडताल के बाद पुलिस ने इनके खिलाफ जमीन खरीद में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया। अपने बचाव के लिए पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप का परिवार इस मामले को लेकर राजनैतिक रूप दे रहा है ताकि इस मामले की जांच प्रभावित हो और इनके पुत्र गिरफ्तारी से बच जाएं। पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप द्वारा केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर पर लगाए गए राजनैतिक आरोप बिल्कुल गलत हैं उनका इस मामले से कोई लेना देना नही है। यह मामला 2013 का है जब देश व प्रदेश में कांग्रेस पार्टी का शासन था, महेंद्र प्रताप स्वयं कैबिनेट मंत्री थे। मंत्री होने का नाजायज फायदा उठाते हुए मेरे मामले को लटका दिया। जबकि उनके दोनो पुत्र फरीदाबाद के सबसे बडे धोखेबाज है मैं ही नही बल्कि सैंकड़ों इनके धोखे के शिकार हैं लेकिन कोई सामने नही आता। जल्द ही इनके खिलाफ धोखाधडी के शिकार लोग सामने आएंगें। इन धोखेबाजों को सजा दिलाएंगें।
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