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फरीदाबाद: स्कूलों ने बच्चों को जिंदाबाद-मुर्दाबाद करने करने के लिए किया मजबूर

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फरीदाबाद। जिन नन्हें मुन्ने बच्चों के हाथों में कलम होनी चाहिये उन बच्चों के हाथों को जिंदाबाद मुर्दाबाद करने वाली तख्तियां थामने के लिये निजी स्कूलों ने मजबूर कर दिया है, निजी स्कूलों की लूट-खसोट अब चरम सीमा पर है और बढ़ी हुई फीस न भरने पर स्कूलों से बच्चों के नाम काटे जा रहे है। जिससे गुस्साएं अभिभावकों ने अपने स्कूली बच्चों के साथ उपायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन किया और मांग की कि निजी स्कूलों की हरकतों पर लगाम लगाई जाएं। अभिभावक एकता मंच ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल के विधायक, मंत्री से लेकर शिक्षा विभाग और प्रशासनिक अधिकारी निजी स्कूलों के साथ मिले हुए है। अब वे निजी स्कूलों के साथ-साथ विधायकों व मंत्रियों के खिलाफ भी हल्ला बोलेंगें और उन्हे बता देगें कि जिन लोगों की वोट के कारण वे विधायक व मंत्री बने है, उन्हे स्कूलों के दबाव में पीसने नहीं दिया जायेगा। 

अंकल हमें स्कूल में पढऩा है, बढ़ी हुई फीस न भरने कारण उन्हे घर बैैठा दिया गया, जिससे उनका भविष्य खराब हो रहा है। यह कहना है, उपायुक्त कार्यालय पर स्कूल के ड्रेस में प्रदर्शन कर रहे इन बच्चों का। एक तरफ राज्य सरकार बेटी- बचाओंए बेटी पढ़ाओं का ढोल पीट रही है और वहीं ये बेटिया पढऩे से केवल इसलिए वंचित है कि इनके अभिभावक बढ़ी हुई भारी-भरकम फीस देने में असमर्थ है। निजी स्कूलों की लूट खसोट के खिलाफ अभिभावक एकता मंच लगातार आंदोलन कर रहा है। लेकिन सत्ताधारी नेताओं के संरक्षण और प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत के कारण इन पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। मंच इस बारे में जिले से लेकर प्रदेश के सभी विधायकों व मंत्रियों से गुहार लगा चुका है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। लेकिन इसका फायदा यह हुआ है कि निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ अब अभिभावक एकजुट हो गए है। 

प्रदर्शन करने वाले बच्चों का कहना है कि उनका स्कूल से नाम केवल इसलिए काट दिया गया कि उनके अभिभावक बढ़ी हुई फीस नहीं भर पायें। अब वे घर बैठे है। उनका डीसी अंकल से कहना है कि वे पढऩा चाहते है और स्कूलों में पहले जैसी नियमानुसा फीस ही ली जाएं। 

वहीं अपने बच्चों के साथ काम-धंधा छोडकर प्रदर्शन में शामिल हुए अभिभावकों का कहना है कि उन्होने पुरानी दर पर चैक से फीस स्कूल को भेजी थी, जिसे उन्होने स्वीकार नहीं किया और उनके बच्चों का नाम काट दिया गया। अगर स्कूल वाले नियमानुसार टयूशन फीस लेगें तो वे अपने बच्चों को पढ़ायेंगें, वरना नहीं पढ़ायेंगें।

अभिभावक एकता मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने विधायकों, मंत्रियों और अधिकारियों पर स्कूल प्रबंधनों के साथ मिलिभगत का खुला आरोप लगाते हुए कहा कि अब जान चुके है कि ये लोग उनके साथ नहीं बल्कि स्कूलों के साथ है। वे निजी स्कूलों के साथ अब इन विधायकों के घर भी हल्ला बोलेगें और उनका पुतला फूंक बता देगें कि वे जिस जनता के वोटों से विधायक बने है, उसी जनता का शोषण कर रहे है। 14 सितम्बर को पंचकुला में शिखा निदेशालय पर जोरदार प्रदर्शन किया जायेगा।
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