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लॉयर्स सोशल जस्टिस फोरम और यूथ प्रमोटर्स एसोसिएशन ने किया सेमिनार का आयोजन, पढ़ें

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लॉयर्स सोशल जस्टिस फोरम के अध्यक्ष राजेश खटाना एडवोकेट व् युथ प्रमोटर्स एसोसिएशन अद्वितीय राजपूत एडवोकेट के द्वारा फरीदाबाद के होटल मेगपाई में द्वितीय बेंड सेरेमनी व् वकीलों की समाज में भूमिका पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यकर्म का मंच शांचालन ऍम पी सिंह शिक्षाविद्र्र् ने किया। 

इस बेंड सेरेमनी व सेमिनार  में मुख्यअथिति के रूप में रितु यादव चीफ जुडिशल मजिस्ट्रेट (जज )फरीदाबाद व् शील मधुर मधुर हरियाणा पुलिस  महानिदेशक विजिलेंस (आईपीएस Retd ) और विशिष्ट अतिथि के रूप में राजेश चेची ACP हरियाणा पुलिस ,सना तारिक VP मेट्रो हॉस्पिटल ,विकास वर्मा एडवोकेट आन रिकॉर्ड पूर्व अतिरिक्त महाअधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट् और विशेष अतिथि के रूप में अशोक जार्ज ,मुकेश राजपूत एडवोकेट ,संदीप सेठी पूर्व अध्यक्ष टैक्स बार ,रंजनं शर्मा एडवोकेट पूर्व चेयरमैन कंस्यूमर फोरुम,सलीम अहमद एडवोकेट हाई कोर्ट चंडीगढ़ राजेश वशिष्ठ  सतेंदर दुग्गल विंग कमांडर ,विपिन अग्गरवाल मौजूद रहे। जज रितु यादव ने कहा कि भारत में न्याय प्रणाली एक मजबूत न्याय प्रणाली का एक अच्छा उदाहरण है, जहाँ लोग जब भी अन्याय का सामना करते हैं, तो वे अदालतों का दरवाजा खटखटा सकते हैं। यहाँ अच्छी तरह से परिभाषित अदालतें और कानून हैं जो यह सुनिश्चित करते हैं कि जब भी उनके अधिकारों को खतरा हो, तो पीड़ित उनके पास जाएँ।

शील मधुर ने कहा कि कानूनी पेशे को समय की बदलती मांग के अनुरूप विकसित करके महत्व प्राप्त होता है। पोक्सो कोर्ट, फास्ट ट्रैक कोर्ट, ई कोर्ट और गांव स्तर पर नारी अदालतों का गठन समय की बदलती जरूरतों के साथ न्याय प्रणाली को मजबूत बनाता है। 

राजेश चेची ने कहा कि यह कानूनी पेशा ही है जो सुनिश्चित करता है कि भ्रष्ट लोगों पर कठोर कानून के तहत मामला दर्ज किया जाए ताकि समाज में एक कड़ा संदेश जाए और दूसरे लोग भी भ्रष्ट आचरण से दूर रहें। सभी सम्मानित अतिथियों का प्रीति चंचल ,संदीप खटाना ,बी पी खटाना ,दिनेश  तोमर ,अंजू ,करिश्मा हर्षना ,मोना ,सबनम,इंदिरा कोठारी सुंदर ,महिमा आशीष अरोड़ा , नीतीश ,हैप्पी ,जितेंद्र खटाना ,सरदार देवेंदर सिंह ,में फूल बुक्के दे कर आदर सम्मान किया।

11 मार्च को फरीदाबाद में लगेगी लोक अदालत, बैंक लोन, फौजदारी और वैवाहिक विवाद का होगा निपटारा

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फरीदाबाद, 09 मार्च। सीजेएम कम सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती सुकिर्ती गोयल ने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से आगामी 11 मार्च शनिवार को न्यायिक परिसर सेक्टर-12 में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश शर्मा की अदालत में लोक अदालत लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि परिवादी इस राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलह व समझौते के लिए स्वयं या अपने अधिवक्ता के माध्यम से अपने केसों का निस्तारण करा सकते हैं।

सीजेएम एवं जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की सचिव सुकिर्ती ने जानकारी देते हुए आगे बताया कि न्यायालय में लंबित मामलों को परस्पर सहयोग व सौहार्दपूर्ण माध्यम से निपटाने के लिए पिछले लगभग डेढ़ दशक से राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाता है। उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति का कोई मामला न्यायालय में लंबित है, तो भी वह आपसी सहमति सुलह करके राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से उसका निस्तारण कर सकता है। उन्होंने बताया कि लोक अदालत में दोनों पक्षों की आपसी सहमति व राजीनामे से सौहार्दपूर्ण वातावरण में पक्षकारों की रजामंदी से विवाद निपटाया जाता है। कानूनी रूप से राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलह किए गए केसों का भी अन्य केसों के बराबरी ही होती है।   इससे शीघ्र व सुलभ न्याय, कहीं कोई अपील नहीं, अंतिम रूप से निपटारा, समय की बचत कैसे लाभ मिलते हैं।

राष्ट्रीय लोक अदालत में आपसी सहमति से हल होने वाले मामलों में कारगर सिद्ध तो है और होती है इन केसों की सुनवाई:-

सीजेएम सुकिर्ती गोयल ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक लोन से संबंधित मामले, मोटर एक्सीडेंट, एनआई एक्ट, फौजदारी, रेवेन्यू, वैवाहिक विवाद का निपटारा किया जाता है । डालसा सचिव ने आगे बताया कि आपसी सहमति से हल होने वाले मामलों में लोक अदालत बहुत ही कारगर सिद्ध हो रही हैं और लोक अदालत में सुनाए गए फैसले की भी उतनी ही अहमियत है जितनी सामान्य अदालत में सुनाए गए फैसले की होती है। उन्होंने यह भी बताया कि लोक अदालत में सुनाए गए फैसले के खिलाफ अपील दायर नहीं की जा सकती। लोक अदालत में सस्ता और सुलभ न्याय मिलता है। इन राष्ट्रीय लोक अदालतों के माध्यम से लोगों का बिना समय व पैसा गवाएं केसों का समाधान किया जाता है। राष्ट्रीय लोक अदालतों में ना तो किसी पक्ष की हार होती है और ना ही जीत बल्कि दोनों पक्षों की आपसी सहमति से विवादों का समाधान करवाया जाता है।

फरीदाबाद: फरवरी में लगेगी लोक अदालत, जानिए कैसे होगा केसों का निपटारा!

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फरीदाबाद, 05 जनवरी। सीजेएम कम सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती सुकिर्ती गोयल ने कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार आजादी के अमृत महोत्सव की श्रंखला में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से आगामी 11 फरवरी को न्यायिक परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि परिवादी इस राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलह व समझौते के लिए स्वयं या अपने अधिवक्ता के माध्यम से अपने केसों का निस्तारण करा सकते हैं।

सीजेएम एवं जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की सचिव सुकिर्ती ने जानकारी देते हुए आगे बताया कि न्यायालय में लंबित मामलों को परस्पर सहयोग व सौहार्दपूर्ण माध्यम से निपटाने के लिए पिछले लगभग डेढ़ दशक से राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाता है। उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति का कोई मामला न्यायालय में लंबित है, तो भी वह आपसी सहमति सुलह करके राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से उसका निस्तारण कर सकता है। उन्होंने बताया कि लोक अदालत में दोनों पक्षों की आपसी सहमति व राजीनामे से सौहार्दपूर्ण वातावरण में पक्षकारों की रजामंदी से विवाद निपटाया जाता है। कानूनी रूप से राष्ट्रीय लोक अदालत में सुहल किए गए केसों का भी अन्य केसों के बराबरी ही होती है।   इससे शीघ्र व सुलभ न्याय, कहीं कोई अपील नहीं, अंतिम रूप से निपटारा, समय की बचत कैसे लाभ मिलते हैं।

- राष्ट्रीय लोक अदालत में आपसी सहमति से हल होने वाले मामलों में कारगर सिद्ध तो है और होती है इन केसों की सुनवाई

सीजेएम सुकिर्ती गोयल ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक लोन से संबंधित मामले, मोटर एक्सीडेंट, एनआई एक्ट, फौजदारी, रेवेन्यू, वैवाहिक विवाद का निपटारा किया जाता है । डालसा सचिव ने बताया कि आपसी सहमति से हल होने वाले मामलों में लोक अदालत बहुत ही कारगर सिद्ध हो रही हैं और लोक अदालत में सुनाए गए फैसले की भी उतनी ही अहमियत है जितनी सामान्य अदालत में सुनाए गए फैसले की होती है। उन्होंने यह भी बताया कि लोक अदालत में सुनाए गए फैसले के खिलाफ अपील दायर नहीं की जा सकती। लोक अदालत में सस्ता और सुलभ न्याय मिलता है। इन राष्ट्रीय लोक अदालतों के माध्यम से लोगों का बिना समय व पैसा गवाएं केसों का समाधान किया जाता है। राष्ट्रीय लोक अदालतों में ना तो किसी पक्ष की हार होती है और ना ही जीत बल्कि दोनों पक्षों की आपसी सहमति से विवादों का समाधान करवाया जाता है।

इसी महीनें फरीदाबाद में लगेगी 'राष्ट्रीय लोक अदालत', 14 जजों की बेंच करेगी केसों का निपटारा

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फरीदाबाद, 08 नवम्बर। जिला विधिक सेवा विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सुकिर्ती गोयल ने बताया कि 12 नवम्बर को राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए 14 जजों की बेंच न्यायिक परिसर में बनाई गई है। जहां  लोगों की आपसी सहमति से केसो का निपटारा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आजादी अमृत महोत्सव की श्रृंखला में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से 12 नवम्बर शनिवार को प्रात:10 बजे स्थानीय न्यायिक परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है । लोक अदालत में लंबित मुकदमों के शीघ्र निस्तारण व आपसी सुलह समझौते के लिए स्वयं या अपने अधिवक्ता के माध्यम से अपने केसों का निस्तारण किया जाएगा।

इनमें ट्रिब्यूनल आंशु संजीव तनेजा की अदालत में इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल के केसों, अतिरिक्त सैशन जज नरेन्द्र सूरा की अदालत में क्रिमिनल इल्क्ट्रीसीटी के केसों, अतिरिक्त सैशन जज संजय कुमार शर्मा की अदालत में फैमिली कोर्ट के केसों का निपटान आपसी सहमति से करवाया गया है।  एडी सीजीएम हरीश गोयल की अदालत में एमसीएफ, सिविल और क्रिमिनल केस, जुडिशल मैजिस्ट्रेट सुमित तुरकिया, जुडिशल मैजिस्ट्रेट गौरंग शर्मा, जुडिशल मैजिस्ट्रेट कुमारी ज्योति ग्रोवर, जुडिशल मैजिस्ट्रेट कुमारी अनुराधा गोयल, जुडिशल मैजिस्ट्रेट अमित नैन, जुडिशल मैजिस्ट्रेट गगनदीप गोयल  की अदालत में ट्रैफिक चालान के केसों का निपटान आपसी समझौते से किया गया है । इसी प्रकार अतिरिक्त  जुडिशल मैजिस्ट्रेट तैयब हुसैन की अदालत में एन आई एक्ट के केसों और सीनियर जज महेंद्र सिंह और प्रेजिडेंट अमित अरोङा की अदालत में सभी केसों का निपटारा लोगों की आपसी सहमति से किया गया है ।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव सुकिर्ती गोयल ने आगे बताया कि हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण पंचकूला के निर्देशानुसार व जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण वाईएस राठौड़ की अध्यक्षता में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत मेे मोटर दुर्घटना मुआवजा, चैक बाऊस, दीवानी मामले, बिजली के मामले व अन्य मामलो का मोके पर ही निपटारा किया जाएगा । उन्होंने बताया कि लोक अदालत के माध्यम से विचाराधीन विवादों का निपटारा जल्द कराया जा सकता है। लोक अदालत के माध्यम से सुलझाए गए मामलों में आगे कोई अपील/पुनरीक्षण दायर नहीं की जा सकती।राष्ट्रीय लोक अदालत में केसों का निपटान आपसी सहमति से करवाया जाता है। जिससे  समय व धन की बचत होती है।

फरीदाबाद में 12 नवंबर में लगेगी लोक अदालत, लंबित मामलों का किया जाएगा निपटारा

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फरीदाबाद, 29 अक्तूबर। सीजेएम कम सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती सुकिर्ती गोयल ने बताया कि अदालत में लंबित मुकदमों के शीघ्र निस्तारण के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से 12 नवंबर को जिला फरीदाबाद में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। राष्ट्रीय लोक  अदालत में सुलह समझौते के लिए वादीगण स्वयं या अपने अधिवक्ता के माध्यम से अपने केसों का निस्तारण करा सकते हैं।

जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की सचिव सुकिर्ती गोयल ने आगे बताया कि न्यायालय में लंबित मामलों को परस्पर सहयोग व सौहार्दपूर्ण माध्यम से निपटाने के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से 12 नवंबर को जिला में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति का कोई प्रकरण/ केस न्यायालय में लंबित है तो वह लोक अदालत के माध्यम से उसका निस्तारण कराकर  सकता है। लोक अदालत में दोनों पक्षों की आपसी सहमति व राजीनामे से सौहार्दपूर्ण वातावरण में दोनों पक्षकारों की रजामंदी से अदालती विवाद निपटाया जाता है। इससे शीघ्र व सुलभ न्याय, कोई अपील नहीं, अंतिम रूप से निपटारा, समय  बचत जैसे लाभ मिलते हैं।राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक लोन से संबंधित मामले, मोटर एक्सीडेंट, एनआई एक्ट, फौजदारी, रेवेन्यू, वैवाहिक विवाद का निपटारा किया जाएगा।

श्रीमती सुकिर्ती गोयल ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि आपसी सहमति से हल हो सकने वाले मामलों में लोक अदालत बहुत ही कारगर सिद्ध हो रही हैं और लोक अदालत में सुनाए गए फैसले की भी उतनी ही अहमियत है जितनी सामान्य अदालत में सुनाए गए फैसले की होती है। उन्होंने यह भी बताया कि लोक अदालत में सुनाए गए फैसले के खिलाफ अपील दायर नहीं की जा सकती। लोक अदालत में सस्ता और सुलभ न्याय मिलता है। इन राष्ट्रीय लोक अदालतों के माध्यम से लोगों का बिना समय व पैसा गवाएं केसों का समाधान किया जाता है। राष्ट्रीय लोक अदालतों में ना तो किसी पक्ष की हार होती है और ना ही जीत बल्कि दोनों पक्षों की आपसी सहमति से विवादों का समाधान करवाया जाता है।

फरीदाबाद: नवंबर में लगेगी लोक अदालत, लंबित मामलों का किया जाएगा निपटारा

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Faridabad News,11 अक्टूबर। सीजेएम कम सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती सुकिर्ती गोयल ने बताया कि अदालत में लंबित मुकदमों के शीघ्र निस्तारण के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से 12 नवंबर को जिला फरीदाबाद में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। राष्ट्रीय लोक  अदालत में सुलह समझौते के लिए वादीगण  स्वयं या अपने अधिवक्ता के माध्यम से अपने केसों का निस्तारण करा सकते हैं।

जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की सचिव सुकिर्ती गोयल ने आगे बताया कि न्यायालय में लंबित मामलों को परस्पर सहयोग व सौहार्दपूर्ण माध्यम से निपटाने के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से 12 नवंबर को जिला में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति का कोई प्रकरण/ केस न्यायालय में लंबित है तो वह लोक अदालत के माध्यम से उसका निस्तारण करा सकता है। लोक अदालत में दोनों पक्षों की आपसी सहमति व राजीनामे से सौहार्दपूर्ण वातावरण में दोनों पक्षकारों की रजामंदी से अदालती विवाद निपटाया जाता है। इससे शीघ्र व सुलभ न्याय, कोई अपील नहीं, अंतिम रूप से निपटारा, समय की बचत जैसे लाभ मिलते हैं।राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक लोन से संबंधित मामले, मोटर एक्सीडेंट, एनआई एक्ट, फौजदारी, रेवेन्यू, वैवाहिक विवाद का निपटारा किया जाएगा।

श्रीमती सुकिर्ती गोयल ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि आपसी सहमति से हल हो सकने वाले मामलों में लोक अदालत बहुत ही कारगर सिद्ध हो रही हैं और लोक अदालत में सुनाए गए फैसले की भी उतनी ही अहमियत है जितनी सामान्य अदालत में सुनाए गए फैसले की होती है। उन्होंने यह भी बताया कि लोक अदालत में सुनाए गए फैसले के खिलाफ अपील दायर नहीं की जा सकती। लोक अदालत में सस्ता और सुलभ न्याय मिलता है। इन राष्ट्रीय लोक अदालतों के माध्यम से लोगों का बिना समय व पैसा गवाएं केसों का समाधान किया जाता है। राष्ट्रीय लोक अदालतों में ना तो किसी पक्ष की हार होती है और ना ही जीत बल्कि दोनों पक्षों की आपसी सहमति से विवादों का समाधान करवाया जाता है।

नीमका जेल में लगाई गई लोक अदालत, 3 केसों का मौके पर ही किया गया निपटारा

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फरीदाबाद, 27 जुलाई। जिला एवं सत्र न्यायाधीश कम चेयरमैन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण वाईएस राठौर के दिशा निर्देशानुसार आज बुधवार को जिला जेल नीमका में जेल लोक अदालत का आयोजन किया गया। लोक अदालत मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सुकीर्ति गोयल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। जेल लोक अदालत में 29 केस रखे गए। जिनमें से 03 केसों का मौके पर निपटारा किया गया। जोकि चोरी व छोटी मारपीट से संबंधित थे। जेल में बंद दिनों को सजा मानकर कट गई। सजा पर आरोपी किसी दूसरे केस में वांछित नहीं थे तो ऐसे 03 बंदियों को छोड़ने का आदेश दिया गया।

इस मौके पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सुकीर्ति गोयल ने विचाराधीन बंदियों को कहा कि जाने अनजाने में जो गलती हुई है। उनका सुधार करते हुए अपना समय अच्छे काम में लगाएं। ताकि  आपका आने वाला भविष्य उज्जवल हो सके। आप अपना बेहतर जीवन समाज में जाकर मुख्यधारा से जुड़ कर जी सकें।

जेल सुपरिटेंडेंट जय किशन छिल्लर ने कहा कि जिला जेल नीमका में ऐसा कोई भी विचाराधीन बंदी नहीं है। जिसका की कोई वकील ना हो या तो उसका प्राइवेट वकील है अन्यथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से उसका सरकारी वकील प्रदान करवाया गया है।

आज बुधवार को जिला जेल लोक अदालत में जेल सुपरिटेंडेंट जयकिशन छिल्लर, डिप्टी जेल सुपरिटेंडेंट अनिल कुमार व रामचंद्र, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पैनल एडवोकेट रविंद्र गुप्ता, ओम प्रकाश सैनी रंजीता पटेल  व प्रभात शंकर स्टेनो उपस्थित रहे।