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'रावल इंस्टीट्यूशंस' हुआ में 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति' पर व्याख्यान, जानिए क्या बोले वक्ता?

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जकोपुर स्थित रावल इंस्टीट्यूशंस का मानना है कि हमें लगातार सीखने की कोशिश करते रहनी चाहिए और अपनी शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को विकसित करना चाहिए। इस श्रृंखला में रावल इंस्टीट्यूशंस के परिसर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020,NAAC और मूल्यांकन और प्रत्यायन के बीच संबंधों के बारे में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को उन्मुख करने के लिए एक व्याख्यान का आयोजन किया गया।

इस व्याख्यान के मुख्य वक्ता डॉ. कृष्ण कांत, प्रिंसिपल, अग्रवाल पी.जी. कॉलेज, बल्लभगढ़ थे। कार्यक्रम के प्रारंभ में अनिल प्रताप सिंह, प्रशासक, रावल इंस्टीट्यूशंस  ने  डॉ. कृष्ण कांत का स्वागत किया। डॉ. कृष्ण कांत ने बहुत ही सरल भाषा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, NAAC और गुणवत्ता पर आधारित शिक्षा पर सभी का मार्गदर्शन किया। उन्होंने शिक्षक को शिक्षा व्यवस्था का महत्वपूर्ण स्तंभ बताया और कहा कि वह विद्यार्थियों को निरंतर सीखने के लिए प्रोत्साहित करें। 

उन्होंने सभागार में मौजूद सभी को अपनी सभी प्रक्रियाओं में गुणवत्ता और उत्कृष्टता प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए बताया कि कैसे हम अपने दैनिक जीवन में सोशल मीडिया के जाल में फंसते जा रहे हैं और इसका शिक्षा व्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने NEP 2020, NAAC और मूल्यांकन और मान्यता मानदंड के विभिन्न पहलुओं से संबंधित और शिक्षकों को सामान्य रूप से शिक्षा के उच्च लक्ष्यों और विशेष रूप से NEP 2020 तक पहुंचने के लिए प्रेरित किया । रावल इंस्टिट्यूशंस की परंपरा के अनुरूप श्री अनिल प्रताप सिंह ने डॉ. कृष्ण कांत को स्मृति चिन्ह देकर आभार व्यक्त किया I कार्यक्रम के अंत में डॉ. सोनल छाबड़ा, प्रिंसिपल, रावल कॉलेज ऑफ एजुकेशन ने डॉ. कृष्ण कांत को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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Faridabad News

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