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मैं दुखी और आहत हूं, जिन्होंने मेरी बेटी के जीने का अधिकार छीना, कोर्ट ने उन्हें जीने का अधिकार दिया: मूलचंद तोमर

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फरीदाबाद 27 मार्च: 26 अक्टूबर 2020 को निकिता तोमर की तौसीफ और रेहान ने साजिश रचकर गोली मारकर हत्या की थी जिन्हें फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दोषी करार दिया लेकिन इन्हें फांसी की सजा ना देकर सिर्फ आजीवन कारावास की सजा दी गई जिसे सुनकर निकिता तोमर के पिता मूलचंद तोमर दुखी और आहत हैं क्योंकि वह सिर्फ फांसी की सजा की मांग कर रहे थे.

निकिता तोमर के पिता मूलचंद तो बनने अपना दुख व्यक्त करते हुए कहा - यह परिवार पिछले 50 साल से राजनीति में रसूख रखता है, भारत की सरकार चलाने में भी ऊंचे पदों पर परिवार के लोग रहे हैं हरियाणा की सरकार चलाने में भी अनेकों बार ऊंचे पदों पर इनके परिवार के लोग रहे और आज भी इनके घर में कांग्रेस के एमएलए हैं। इनका परिवार बहुजन समाज पार्टी में भी बहुत ऊंचे रसूख रखता है मायावती से भी के सीधे संबंध है। शासन और प्रशासन  में भी बहुत ऊंचे ऊंचे पदों पर इनके परिवार के लोग बैठे हैं। 

उन्होंने बताया कि हमारी तरफ से अदालत को फांसी देने के लिए अनेकों अनेकों प्रयाप्त साक्ष्य प्रस्तुत किए गए है।

सभी लोगों को एक होकर इसके लिए मोदी जी और अमित शाह जी से मिलकर इस विषय पर चर्चा करनी होगी। क्योंकि कोई मुस्लिम लड़का किसी की हिंदू बेटी को जबरन अपहरण करने की कोशिश करेगा और जब वह नहीं मानेगी तो उसको गोली मार देगा। कोई किसी का जीने का अधिकार कैसे छीन सकता है और ऐसे हत्यारों को अदालत मामूली  सजा देकर खुलेआम घूमने का अधिकार कैसे दे सकती है । यह अत्यंत संवेदनशील विषय है अगर इसी तरह की सजा मिलती रही इसी तरह अपराधी छूटते रहे तो बहन बेटियों को कोई कैसे बचा पाएगा। क्या हिंदू वीरांगना निकिता तोमर को  इसी तरह का न्याय मिलेगा। मैं इस फैसले से अत्यंत दुखी और आहत हूं
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Crime

Faridabad News

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