नई दिल्ली, 9 अगस्त: जब कोरोना का जन्म हुआ था तो इसके बारे में पूरी दुनिया में इतना डर फैला दिया गया जैसे कि कोरोना नहीं बल्कि स्वयं यमराज ही सबको मारने के लिए धरती पर आ गए हों, डर को ज्यादा से ज्यादा फैलाने के लिए चीख पुकार और खांस खांसकर तड़पने के वीडियो वायरल किये जाते थे, ऐसे वीडियो देखकर लोग डर जाते थे, सरकार को भी लगा कि अगर कोरोना पूरे देश में फ़ैल गया तो तबाही बचा देगा इसलिए लॉक डाउन जैसा कठिन फैसला लेना पड़ा, सरकार का मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचाने का था, खैर अब कोरोना की सच्चाई सामने आने लगी है.
कोरोना वायरस भले ही इंसानों से इंसान में फ़ैल रहा है लेकिन अधिकतर लोग 15 दिन में ठीक हो जाते हैं, उनमें से आधे से भी अधिक लोगों में कोई लक्षण ही नहीं आते.
भारत में अब तक 21,53,010 मरीजों को कोरोना वायरस का संक्रमण हुआ जिसमें से 14,80,884 मरीज ठीक हो गए जबकि 628747 मरीजों का इलाज चल रहा है. इस बीमारी से अब तक 43,379 मरीजों की मौत भी हुई है लेकिन इन्हें किडनी, लीवर, हार्ट, कैंसर, टीवी जैसी अन्य लाइलाज बीमारियां भी थीं.
कहने का मतलब ये है कि सोशल डिस्टन्सिंग का पालन करते रहने से, मास्क का इस्तेमाल करते रहने से और काढ़ा पीते रहने से कोरोना संक्रमण से भी बचा जा सकता है और इलाज भी किया जा सकता है. सावधानी ही कोरोना से बचाव का उपाय है.
लॉक डाउन की वजह से देश को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है इसलिए अब धीरे धीरे आर्थिक स्थिति मजबूत करने पर सरकार को विचार करना चाहिए और कोरोना से फैले डर को भी जनता के दिमाग से निकालने पर ध्यान देना चाहिए।
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