फरीदाबाद, 27 फ़रवरी: कुछ वर्ष पहले अकबरुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि मोदी सरकार सिर्फ 15 मिनट के लिए पुलिस को हटा ले, उसके बाद हम 15 करोड़ लोग अपनी ताकत दिखा देंगे।
कुछ दिन पहले ओवैसी के वारिश यानी AIMIM प्रवक्ता वारिश पठान ने भी यही खा था - उन्होंने कहा कि हम 15 करोड़ लोग 100 करोड़ पर भारी पड़ेंगे।
24 फ़रवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारत दौरे पर आये थे, 25 फ़रवरी को दिल्ली में उनके कई कार्यक्रम थे, पुलिस उनकी सुरक्षा में लगी थी।
ओवैसी के वारिशों ने मौके का फायदा उठाकर दिल्ली में जमकर मारकाट की. पूर्वी दिल्ली के शाहदरा, मौजपुर, चांदबाग, जाफराबाद, यमुना विहार आदि मुस्लिम बहुसंख्यक इलाकों में जमकर दंगे, आगजनी, उपद्रव और मारकाट हुई, अब तक 32 लोगों की मौत हुई है जबकि 200 से अधिक लोग घायल हैं, मृतकों में दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल और आईबी के अफसर अंकित शर्मा का नाम भी शामिल है।
अब सवाल ये उठता है कि क्या पुलिस की कमी का फायदा उठाया गया, क्या ओवैसी के वारिशों ने अपनी ताकत का ट्रायल दिखाया है. अगर ऐसा है तो यह देश के लिए खतरे की घंटी है, देश में नफरत का माहौल बढ़ रहा है जिसके लिए ओवैसी और उसके वारिश पूरी तरह से जिम्मेदार हैं लेकिन अभी इनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही नहीं हुई है.
ये बहुत ही दुर्भाग्य पूर्ण स्थिति इन नेताओं ने उसी जनता में दंगा करवा दिया हैं ।कितनी मौतें हुई।
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