दिल्ली: दिल्ली चुनाव नतीजों में आम आदमी पार्टी को 57 सीटों के साथ बहुमत मिलता दिखाई दे रहा है जबकि भाजपा को सिर्फ 13 सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं.
अरविन्द केजरीवाल ने शिक्षा, स्वास्थय, बिजली, पानी को मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ा था जबकि भाजपा ने CAA और शाहीन बाग़ को मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ा था, पडोसी राज्य हरियाणा में भी शिक्षा की बेहतरी और सरकारी स्कूलों की शिक्षा और इंफ्रास्ट्रर सुधारने पर कोई चर्चा नहीं होती इसलिए दिल्ली में भाजपा के वादों पर जनता ने भरोसा नहीं किया।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर कभी भी सरकार स्कूलों की शिक्षा सुधारने की बात नहीं करते, कभी सरकारी स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने की बात नहीं करते जबकि अरविन्द केजरीवल ने सिर्फ सरकारी स्कूलों को सुधारने की बात कहकर जनता को भरोसे में लिया और जनता ने भी उनपर भरोसा करके उन्हें बहुमत के साथ फिर से मुख्यमंत्री चुन लिया।
अगर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सरकारी स्कूलों को सुधारकर दिखाया होता तो भाजपा दिल्ली की जनता को हरियाणा के काम दिखा सकती थी लेकिन भाजपा के पास दिखाने के लिए कुछ भी नहीं था. जब भाजपा पड़ोस में अच्छा काम नहीं कर रही है, भ्रष्टाचार, लूट, खसोट चरम पर है, भाजपा नेता, विधायक घमंड में चूर हैं तो दिल्ली की जनता भाजपा पर कैसे भरोसा करती, दिल्ली में जीत के लिए भाजपा को हरियाणा में अच्छा काम करके दिखाना होगा, फिलहाल मनोहर लाल खट्टर ऐसा कोई काम नहीं कर रहे हैं जिसे भाजपा दूसरे राज्यों में दिखा सके, वहीं केजरीवाल अपने कामों को दुनियाभर में दिखाते हैं.
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