फरीदाबाद, 23 अक्टूबर: कल हरियाणा चुनाव के फाइनल नतीजे आ जाएंगे और पता चल जाएगा कि हरियाणा में किसकी सरकार बन रही है लेकिन अलग अलग एग्जिट पोल ने राजनीतिक पार्टियों के खेमे में खलबली मचा रखी है। आज हमारे पास फरीदाबाद की एक सीक्रेट रिपोर्ट आयी है।
सीक्रेट रिपोर्ट के अनुसार फरीदाबाद जिले की 6 विधानसभा सीटों में सिर्फ एक सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी भाजपा पर भारी दिख रहे हैं और वो है NIT-86 विधानसभा के कांग्रेस प्रत्याशी नीरज शर्मा। यहाँ पर कांग्रेस की जीत तय मानी जा रही है और इसकी वजह हो सकती है पूर्व मंत्री शिवचरण लाल शर्मा के प्रति जनता की सहानुभूति और वर्तमान विधायक नागेंद्र भड़ाना के प्रति भारी नाराजगी।
नीरज शर्मा के भारी पड़ने की यह भी वजह है कि उन्होंने सिर्फ अपने दिवंगत पिता शिवचरण लाल शर्मा के काम पर जनता से वोट माँगा, उन्होंने ना तो मुख्यमंत्री मनोहर पर अटैक किया कर ना ही प्रधानमंत्री मोदी पर और ना ही हरियाणा की भाजपा सरकार पर, उन्होंने सिर्फ विधायक नागेंद्र भड़ाना को टारगेट किया इसलिए उन्हें टिकट बंटवारे से नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं का भी समर्थन मिला है, यही नहीं उन्होंने कांग्रेस के किसी भी बड़े नेता से रैलियां नहीं करवाईं क्योंकि ये नेता रैलियों में मोदी-खट्टर के बारे में उल्टा सीधा बोलकर जनता को नाराज कर सकते थे। नीरज शर्मा की यह चालाकी भी उनके काम आयी है।
नीरज शर्मा के भारी पड़ने की यह भी वजह है कि उन्होंने सिर्फ अपने दिवंगत पिता शिवचरण लाल शर्मा के काम पर जनता से वोट माँगा, उन्होंने ना तो मुख्यमंत्री मनोहर पर अटैक किया कर ना ही प्रधानमंत्री मोदी पर और ना ही हरियाणा की भाजपा सरकार पर, उन्होंने सिर्फ विधायक नागेंद्र भड़ाना को टारगेट किया इसलिए उन्हें टिकट बंटवारे से नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं का भी समर्थन मिला है, यही नहीं उन्होंने कांग्रेस के किसी भी बड़े नेता से रैलियां नहीं करवाईं क्योंकि ये नेता रैलियों में मोदी-खट्टर के बारे में उल्टा सीधा बोलकर जनता को नाराज कर सकते थे। नीरज शर्मा की यह चालाकी भी उनके काम आयी है।
अन्य विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा और कांग्रेस में कांटे की टक्कर है। फरीदाबाद विधानसभा से लखन सिंगला की जीत पहले आसान लग रही थी लेकिन उन्होंने कुमारी शैलजा, दीपेंद्र हुड्डा और अन्य कोंग्रेसी नेताओं से रैलियां करवाकर भाजपा, मोदी, खट्टर के बारे में अनाप शनाप बयान दिलवाया जिसकी वजह से टिकट बंटवारे से नाराज भाजपा कार्यकर्ता जो उनकी तरफ मुड़ रहे थे, उन्हें भी थोड़ा सा बुरा लगा और लखन की एकतरफा जीत कांटे की टक्कर में बदल गयी है। हार-जीत में ज्यादा वोटों का अंतर नहीं होगा। जीत किसी की भी हो सकती है। अगर लखन अपनी 30 साल की समाजसेवा पर भरोसा करते तो उनकी एकतरफा जीत हो सकती थी। अब वहां भाजपा और कांग्रेस किसी भी पार्टी की जीत तय नहीं मानी जा रही है।
तिगांव विधानसभा में भी ललित नागर की जीत तय मानी जा रही थी लेकिन चुनाव के कुछ दिन पहले कृष्णपाल गुर्जर की सेना पूरी तरह से एक्टिव होकर राजेश नागर को जिताने में लग गयी। इसके बाद ललित और राजेश नागर के बीच कांटे की टक्कर हो गयी। यहाँ भी जीत-हार में अधिक वोटों का अंतर नहीं होगा।
पृथला विधानसभा में नयनपाल सोहनपाल का काम बिगाड़ सकते थे लेकिन सुरेंद्र वशिष्ठ और रघुबीर तेवतिया ने भी अच्छे खासे वोट हासिल करके मुकाबला चतुर्कोणीय बना दिया है। भाजपा के परंपरागत मतदाता भाजपा को जीत की तरफ ले जाते दिख रहे हैं। अगर सुरेंद्र वशिष्ठ और रघुवीर तेवतिया कमजोर प्रत्याशी होते तो एंटी-बीजेपी वोटर नयनपाल के साथ हो जाते और उनकी जीत हो सकती थी। पृथला में एंटी-बीजेपी वोट तीन प्रत्याशियों में बंटने से तीनों को नुकसान हुआ है, वोट बंटने का फायदा भाजपा को मिला है।
बड़खल विधानसभा में भी भाजपा बढ़त में दिखाई दे रही है। बल्लभगढ़ विधानसभा में दीपक और मूलचंद शर्मा के बीच कांटे की टक्कर है।
खुफिया रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में भाजपा की ही सरकार बनेगी। खुफिया रिपोर्ट के अनुसार जनता ने भले ही मतदान में उत्साह नहीं दिखाया लेकिन भाजपा और कांग्रेस के परंपरागत वोटरों ने मतदान किया है, भाजपा को मोदी-खट्टर फैक्टर को ध्यान में रखकर मतदान किया गया है. जहाँ जहाँ भाजपा विधायकों ने अच्छा काम नहीं किया वहीं पर कांटे की टक्कर है, बाकी जगह भाजपा के पक्ष में माहौल है।
तिगांव विधानसभा में भी ललित नागर की जीत तय मानी जा रही थी लेकिन चुनाव के कुछ दिन पहले कृष्णपाल गुर्जर की सेना पूरी तरह से एक्टिव होकर राजेश नागर को जिताने में लग गयी। इसके बाद ललित और राजेश नागर के बीच कांटे की टक्कर हो गयी। यहाँ भी जीत-हार में अधिक वोटों का अंतर नहीं होगा।
पृथला विधानसभा में नयनपाल सोहनपाल का काम बिगाड़ सकते थे लेकिन सुरेंद्र वशिष्ठ और रघुबीर तेवतिया ने भी अच्छे खासे वोट हासिल करके मुकाबला चतुर्कोणीय बना दिया है। भाजपा के परंपरागत मतदाता भाजपा को जीत की तरफ ले जाते दिख रहे हैं। अगर सुरेंद्र वशिष्ठ और रघुवीर तेवतिया कमजोर प्रत्याशी होते तो एंटी-बीजेपी वोटर नयनपाल के साथ हो जाते और उनकी जीत हो सकती थी। पृथला में एंटी-बीजेपी वोट तीन प्रत्याशियों में बंटने से तीनों को नुकसान हुआ है, वोट बंटने का फायदा भाजपा को मिला है।
बड़खल विधानसभा में भी भाजपा बढ़त में दिखाई दे रही है। बल्लभगढ़ विधानसभा में दीपक और मूलचंद शर्मा के बीच कांटे की टक्कर है।
खुफिया रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में भाजपा की ही सरकार बनेगी। खुफिया रिपोर्ट के अनुसार जनता ने भले ही मतदान में उत्साह नहीं दिखाया लेकिन भाजपा और कांग्रेस के परंपरागत वोटरों ने मतदान किया है, भाजपा को मोदी-खट्टर फैक्टर को ध्यान में रखकर मतदान किया गया है. जहाँ जहाँ भाजपा विधायकों ने अच्छा काम नहीं किया वहीं पर कांटे की टक्कर है, बाकी जगह भाजपा के पक्ष में माहौल है।
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