फरीदाबाद, 21 सितम्बर: हरियाणा विधानसभा चुनाव में सबसे हॉट सीट तिगांव विधानसभा की है. पिछली बार यहाँ से कांग्रेस उम्मीदवार ललित नागर की जीत हुई थी जबकि भाजपा से राजेश नागर की हार हुई थी, इस बार भी राजेश नागर भाजपा की टिकट के दावेदार हैं लेकिन देवेन्द्र चौधरी इस विधानसभा से पिछली चार वर्षों से तैयारी कर रहे हैं. यह बात पूरा प्रदेश जानता है और सभी बड़े भाजपा नेता भी जानते हैं कि देवेन्द्र चौधरी यहाँ से चुनाव लड़ना चाहते हैं.
वैसे तो कुछ लोग देवेन्द्र चौधरी पर वंशवाद का आरोप लगा रहे हैं क्योंकि वह केंद्रीय राज्य मंत्री और सांसद कृष्णपाल गुर्जर के बेटे हैं लेकिन भाजपा का मानना है कि अगर बड़े नेता के बेटे लम्बे समय से पार्टी में काम कर रहे हैं और संगठन में उनका अनुभव है तो वह वंशवाद के दायरे में नहीं आयेंगे. अगर देवेन्द्र चौधरी की बात करें तो वह वार्ड-27 से दो बार पार्षद रहे, नगर निगम में वरिष्ठ डिप्टी मेयर जैसे बड़े पद पर हैं, संगठन की बात करें तो वह जिला महामंत्री हैं, अगर फरीदाबाद भाजपा यूनिट में उनके रोल की बात करें तो मंत्री कृष्णपाल गुर्जर की अनुपस्थिति में सारा कामकाज ही वही देखते हैं.
अब बात करते हैं तिगांव विधानसभा में उनकी दावेदारी पर. भाजपा आलाकमान ने कई बार साफ़ किया है कि बड़े नेताओं के लायक बेटों को जरूर टिकट दी जाएगी. जिस तरह से देवेन्द्र चौधरी पार्टी की सेवा कर रहे हैं, लोकप्रियता में भी वह किसी से कम नहीं हैं तो वह लायक बेटे माने जाएंगे, हां अगर उन्हें अमेरिका-लंदन से सीधा बुलाकर टिकट दी जाती तो वह गलत होता लेकिन उन्होंने पार्टी में लम्बे समय तक काम करके खुद को लायक बेटे के साथ साथ भाजपा का सच्चा सिपाही भी साबित किया है. इस लिहाज से वह टिकट की दावेदारी में फिट बैठते हैं.
आपने देखा होगा मंत्री कृष्णपाल गुर्जर पिछले दो तीन वर्षों से तिगांव विधानसभा में ताबड़तोड़ विकास कार्य शुरू किये हैं. चाहे मंझावली का पुल हो, चाहे बाईपास रोड हो, आगरा नहर पर दर्जनों पुल हों, ग्रेटर फरीदाबाद में विज्ञान भवन हो, अवैध कॉलोनियों को नियमित करके सैकड़ों करोड़ रुपये से सीवर, वाटर पाइपलाइन बिछाने अक काम हो, सेक्टर-31 टाउन पार्क और इनडोर स्टेडियम का काम हो, मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने तिगांव विधानभा पर इतना ध्यान ऐसे ही नहीं दिया. उन्हें पता है कि अगर देवेन्द्र चौधरी को तिगांव से लड़ाना है और कांग्रेस से यह सीट छीननी है तो जनता को विकास कार्य दिखाने होंगे.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी जानते हैं कि देवेन्द्र तिगांव से लड़ना चाहता है, अमित शाह और मोदीजी भी जानते हैं. हरियाणा भाजपा सरकार ने मंत्री कृष्णपाल गुर्जर की तिगांव विधानसभा में विकास के लिए पैसे देने में पूरी मदद की है. आमतौर पर देखा जाता है कि कांग्रेस के इलाके में भाजपा वाले ढेला भी नहीं लगाते लेकिन मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने तो करीब 3000 करोड़ रुपये के विकास कार्य शुरू करवा दिए.
जनता भी इस बात को मानती है कि अगर तिगांव से देवेन्द्र चौधरी को विधायक बनाएंगे तो कृष्णपाल गुर्जर की ताकत बढ़ जाएगी, कृष्णपाल गुर्जर के रास्ते में रुकावट बन रहे कांग्रेसी विधायक की विदाई हो जाएगी और उसके बाद देवेन्द्र चौधरी और कृष्णपाल गुर्जर मिलाकर पूरी ताकत के साथ तिगांव विधानसभा में विकास कार्य कर सकेंगे.
जनता भी इस बात को मानती है कि अगर तिगांव से देवेन्द्र चौधरी को विधायक बनाएंगे तो कृष्णपाल गुर्जर की ताकत बढ़ जाएगी, कृष्णपाल गुर्जर के रास्ते में रुकावट बन रहे कांग्रेसी विधायक की विदाई हो जाएगी और उसके बाद देवेन्द्र चौधरी और कृष्णपाल गुर्जर मिलाकर पूरी ताकत के साथ तिगांव विधानसभा में विकास कार्य कर सकेंगे.
इन सब बातों पर अगर ध्यान दिया जाए तो देवेन्द्र चौधरी को टिकट मिलनी तय है लेकिन अगर दूसरे नेता राजेश नागर को भी टिकट मिली तो भाजपा इस बार यहाँ से सीट निकाल सकती है. देवेन्द्र चौधरी के लिए प्लस पॉइंट ये है कि विपक्षी नेता भी उन्हें टिकट दिए जाने का विरोध कर रहे हैं क्योंकि वे जानते हैं कि अगर देवेन्द्र चौधरी को टिकट मिली तो कृष्णपाल गुर्जर यह सीट जीतने के लिए पूरी ताकत लगा देंगे.
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