फरीदाबाद: पिछले कुछ महीनों से फरीदाबाद में दिन दहाड़े मर्डर के मामले बढ़ते जा रहे हैं, कोई तलवार से किसी का सर धड से अलग कर देता है, कोई चाकुओं से किसी को गोदकर मार डालता है तो कोई किसी को गोलियों से भूनकर भाग जाता है.
ऐसा लगता है कि फरीदाबाद के बदमाशों और अपराधियों में पुलिस की दहशत ख़त्म हो गयी है, कुछ लोग तो यह भी आरोप लगा रहे हैं कि गुंडे-बदमाश पुलिस थानों में जाते हैं तो उन्हें चाय पिलाई जाती है, ऐसे में उनके अन्दर पुलिस का डर नहीं रहेगा.
कल फरीदाबाद के एक पत्रकार के बेटे विनय शर्मा को दिन दहाड़े चाकुओं से गोदकर ह्त्या कर दी गयी, यह वारदात सेक्टर-3, बल्लभगढ़ के टैगोर स्कूल के पास हुई, विनय शर्मा भू-दत्त कॉलोनी का रहने वाला था.
इस हत्याकांड से पत्रकारों में रोष है, इस वारदात से पत्रकारों को भी डराने की कोशिश की गयी है. पत्रकार ही समाज का आइना होते हैं, दिनभर दौड़-भाग करके जनता को ख़बरें दिखाते हैं. अगर पत्रकारों को डराने की कोशिश की जाएगी तो इसका नुकसान समाज और प्रशासन को भी होगा.
विनय हत्याकांड से आक्रोशित पत्रकार आज गोल्ड क्लब में एकत्रित हुए और विनय हत्याकांड की निंदा की गयी. इस मीटिंग में DCP क्राइम राजेश कुमार भी मौजूद थे. पत्रकारों ने उन्हें सलाह दी कि अगर फरीदाबाद में शान्ति और कानून का राज स्थापित करना है तो बदमाशों के अन्दर पुलिस की दहशत पैदा करनी होगी. जब बदमाश लोग पुलिस से डरने लगेंगे तो अपराध अपने आप कम हो जाएगा.
पत्रकारों ने कहा कि फरीदाबाद हरियाणा का सबसे शांत जिला माना जाता था लेकिन अब शहर के लोगों में आतंक बढ़ने लगा है, कभी व्यापारियों से फिरौती मांगी जाती है, कभी किसी को गोलियों से भून दिया जा रहा है, पहले आम-जनता ही इसकी चपेट में थी लेकिन अब पत्रकारों में भी आतंक पैदा किया जा रहा है. पुलिस को अपने काम-काज में बदलाव लाना होगा. पत्रकार और पुलिस का चोली दामन का साथ होता है, पत्रकार पुलिस की हर कमियां जानते हैं. पत्रकार समाज का आइना होते हैं इसलिए पत्रकारों को सुरक्षा दी जाए और शहर में कानून-व्यवस्था को मजबूत किया जाए.
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