नई दिल्ली, 13 अप्रैल: सोशल मीडिया पर मुस्लिम समाज के लोग एकतरफा भाजपा का विरोध करते हैं, भाजपा के खिलाफ प्रचार करते हैं, भाजपा के हर काम में कमियाँ दिखाते हैं, उनके पोस्ट देखकर भाजपा के लोग सोचते हैं कि मुस्लिम हमें वोट नहीं करते, कई बार मीडिया जब मुस्लिमों से सवाल पूछती है तो भी मुस्लिम लोग गैर-भाजपा को ही वोट देने की बात करते हैं, इससे भी भाजपा नेताओं में धारणा बनती है कि मुस्लिम भाजपा को वोट नहीं देते. कई बार मुस्लिम बहुल इलाकों में भाजपा की करारी हार होती है, इससे भी भाजपा नेता सोचते हैं कि मुस्लिम उन्हें वोट नहीं करते.
इसी बात की खुन्नस केंद्रीय मंत्री मेनका गाँधी ने निकाली है. जब उन्हें मुस्लिमों के वोट पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुस्लिम हमें यानी भाजपा को वोट नहीं देंगे तो भी उनकी जीत होगी, लेकिन जब मुस्लिम हमें वोट नहीं देंगे और हमारे पास बाद में कोई मदद मांगने या कोई काम करवाने आयेंगे तो हम भी यही सोचेंगे कि ये लोग तो हमें वोट देते नहीं, इनकी मदद क्यों करें.
केंद्रीय मंत्री ने ऐसा बयान देकर पूरे देश के मुसलमानों को सन्देश दिया है कि एकतरफा भाजपा का विरोध ना करें क्योंकि मतदान के के बाद राजनीतिक पार्टियों को लता चल जाता है कि कौन से समाज ने भाजपा को वोट दिया है और कौन से समाज ने नहीं दिया है. अगर मुस्लिमों ने भाजपा को वोट नहीं दिया तो बाद में उनकी मदद नहीं हो पाएगी.
मेनका गाँधी के इस बयान पर चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस भेजा भेजा है जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि मेरे बयान को तोड़ परोड़कर पेश किया गया. मेनका गाँधी कुछ भी बोलें लेकिन उन्होंने मुस्लिम समाज को भाजपा की तरफ से सन्देश दे ही दिया है.
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