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कांग्रेस की टिकट की घोषणा में देरी, मतलब अवतार भड़ाना ने शुरू की अपनी कलाकारी, कल होगा फैसला

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फरीदाबाद: अब तक कांग्रेस पार्टी की तरफ से फरीदाबाद लोकसभा के उम्मीदवार का ऐलान कर दिया जाना था, पांच बजे का समय दिया गया था लेकिन 9 बजे रात के बाद भी उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया गया है, इसका सिर्फ एक कारण हो सकता है, ऐसा लगता है कि अवतार भड़ाना ने अपनी कलाकारी दिखानी शुरू कर दी है. हमारी जानकारी के अनुसार आज का फैसला कल पर टाल दिया गया है. कल 11 बजे फिर से मीटिंग करके टिकट के लिए माथापच्ची की जाएगी.

अवतार भडाना को अच्छी तरह से जानने वाले लोग उनकी कलाकारी समझते हैं, वह हर कीमत पर फरीदाबाद लोकसभा की टिकट चाहेंगे, चाहे इसलिए लिए किसी के हाथ जोड़ने पड़े और चाहे पैर, अगर उन्हें रोना पड़ेगा तो रोयेंगे. कई बार ऐसे मौके पर उनके आंसू भी छलके हैं, दरअसल वह इमोशनल हैं और किसी को भी इमोशनल कर सकते हैं. फरीदाबाद का टिकट उनके लिए आत्मसम्मान की लड़ाई है. इसके लिए वह कुछ भी कर सकते हैं. अवतार भडाना दिल्ली में मौजूद हैं और ऐसा लगता है कि अपनी कलाकारी से कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के मन को बदलने की कोशिश कर रहे हैं.

हमारी जानकारी के मुताबिक़ करण दलाल के नाम पर सहमति बन गयी थी, करण दलाल ही अवतार भडाना के रास्ते का सबसे बड़ा रोड़ा हैं लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो अवतार भड़ाना करण दलाल को भी मनाने और उन्हें बिठाने की कोशिश कर सकते हैं. अवतार भडाना टिकट पाने के लिए हर कोशिश करेंगे. अब देखते हैं कि करण दलाल क्या निर्णय लेते हैं.

हमारे पास पक्के सूत्रों से खबर आयी है कि टिकट का फैसला कल सुबह 11 बजे के लिए टाल दिया गया है. आज रात में कोई भी फैसला नहीं आएगा. अब अवतार भडाना की तरफ पलड़ा झुकता दिख रहा है. यह भी देखा जाएगा कि करण दलाल को क्या जवाब दिया जाता है क्योंकि सिलेक्शन में बाद अगर उन्हें टिकट नहीं दिया गया तो उनके आत्मसम्मान को भी ठेस पहुँच सकती है.

अनुभव अवतार का प्लस पॉइंट लेकिन दल-बदलना गलती

अवतार भडाना का प्लस पॉइंट ये है कि उन्हें कांग्रेस पार्टी से फरीदाबाद का तीन बार सांसद होने का अनुभव प्राप्त है, उनसे सिर्फ यह गलती हुई है कि उन्होंने मुसीबत में पार्टी को उसके हाल पर छोड़कर पहले इनेलो और बाद में भाजपा का दामन थाम लिया, इसी वजह से कांग्रेसी कार्यकर्ता और स्थानीय नेता उनसे नाराज हैं लेकिन अगर आलाकमान कहेगा तो सभी स्थानीय नेता उन्हें समर्थन देने को मजबूर हो जाएंगे.
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