फरीदाबाद: जिला बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान और वरिष्ठ वकील एल एन पाराशर ने कल सुप्रीम कोर्ट में अरावली अवैध चीरहरण के खिलाफ हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी, फरीदाबाद के उपायुक्त सहित कई अधिकारियों को पार्टी बनाकर Contempt Case फाइल किया है.
वकील एल एन पाराशर ने कहा कि जब से हरियाणा की सरकार ने PL/PA एक्ट में संसोधन का बिल पारित किया है, अरावली के भूमाफियाओं का हौसला और बढ़ गया है, पहले चोरी छिपे अवैध खनन और अवैध निर्माण होता था लेकिन अब खुलेआम अवैध खनन और अवैध निर्माण हो रहा है.
उन्होंने बताया कि हमने पिछले एक दो हप्ते में कई अवैध खनन और अवैध निर्माण दिखाए लेकिन अधिकारियों ने कोई एक्शन नहीं लिया, ना तो अवैध खनन रुका, ना अवैध निर्माण रुके, ना अवैध कब्जे रुके, ना कोई FIR दर्ज हुई, दो दिन पहले खानापूर्ति करने के लिए सूरजकुंड थाने में एक FIR दर्ज हुई लेकिन एक हल्की धारा लगा दी गयी, ऐसा लगता है कि अधिकारी लोग खनन माफियाओं से मिले हुए हैं.
वकील पाराशर ने कहा कि हमें अधिकारियों पर भरोसा नहीं है इसलिए हम खुद खनन माफियाओं और अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ पुलिस में FIR दर्ज करवाएंगे. अधिकारी लोग सिर्फ खानापूर्ति के लिए FIR दर्ज करवाते हैं और हल्की सी धारा लगाकर बैठ जाते हैं, इससे अवैध खनन करने वालों का हौसला और बढ़ जाता है और ये लोग प्रशासन को अपनी जेब में समझने लगते हैं.
वकील पाराशर ने यह भी कहा कि अब हम अपनी टीम के साथ अरावली पहाड़ का दौरा करेंगे और भू-माफियाओं के काले कारनामों को सिखाएंगे, भले ही हमें इसके लिए अपनी जान जोखिम में डालना पड़े, हम स्थानीय पुलिस का भी सहयोग लेंगे.
खनन अभियंता संजय सिम्भरवाल के तबादले पर प्रतिक्रिया देते हुए एल एन पाराशर ने कहा कि ऐसे अधिकारीयों का तबादला नहीं बल्कि टर्मिनेट करना चाहिए. संजय सिम्भरवाल का तबादला इसी हप्ते यमुनानगर में हुआ है.
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