सूरजकुंड (फरीदाबाद), 09 फरवरी: 33वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड क्राफ्ट मेले में शनिवार सायं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कवि सम्मेलन में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन चंडीगढ के अध्यक्ष डा. अनमोल रतन सिंधू मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थे।
कवि सम्मेलन में पधारे सुरेंद्र शर्मा, डा. सुरेंद्र दूबे, सरदार मनजीत सिंह, गजेंद्र सोलंकी, महेंद्र अजनबी और बुद्धि प्रकाश ने सरस्वती वंदना के साथ कवि सम्मेलन का शुभारंभ किया। कार्यक्रम का मंच संचालन कवि सरदार मनजीत सिंह ने किया। मनजीत सिंह ने काव्य पाठ के दौरान कहा कि हनुमान जी तो इतने बुद्धिमान और बलशाली थे, उन्होंने कभी भी तिल को नहीं बनने दिया ताड़, जब उन्हें संजीवनी बूटी नहीं दिखाई दी तो उठा लाए पूरा पहाड़। पुलिस वाले भी तो यही तरकीब काम में लाते हैं जब उन्हें अपराधी नहीं मिलता ना पूरा परिवार ही उठा लाते हैं।
महेंद्र अजनबी ने हास्य व्यंग की रचनाओं से श्रोताओं को गुदगुदाया। प्रसिद्ध हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा ने भी भारतीय संस्कृति और रिश्तों के महत्व पर बेहतरीन कविताएं सुनाई। बुजुर्गों की शान में सुरेंद्र शर्मा ने जहां रचनाएं सुनाईं वहीं नेताओं पर भी व्यंग कसे। इस देश में राजा कौरव हो या पांडव जनता तो बेचारी सीता है। ऐसी रचनाओं से भी सुरेंद्र शर्मा ने चिंतन को विवश किया। गजेंद्र सोलंकी ने देशभक्ति से परिपूर्ण कविताएं प्रस्तुत की:- भारत के परिंदों की जग में पहचान तो जिंदा है।
हास्य कवि बुद्धि प्रकाश ने चाय पर आधारित और टाइम की कीमत विषय पर अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। सरदार मनजीत सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह की खामोशी पर भी चुटकियां लीं। कवि सुरेंद्र दूबे ने वर्तमान समय में संस्कारों, नैतिक मूल्यों में आ रही गिरावट को लेकर अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। इस अवसर पर मुख्य चौपाल में बड़ी संख्या में दर्शकगण मौजूद थे।
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