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किसानों को लूटने के लिए बनाया गया था ग्रेटर फरीदाबाद, रॉबर्ट वाड्रा कमा चुके हैं अरबों, पढ़ें

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फरीदाबाद: देश में कई जगह जमीन घोटाले के आरोपी रॉबर्ट वाड्रा ने हमारे फरीदाबाद में भी बड़े बड़े काण्ड किये हैं, ग्रेटर फरीदाबाद सिर्फ घोटाला करने के लिए डेवेलोप किया गया था, ग्रेटर फरीदाबाद इसलिए डेवेलोप किया गया क्योंकि किसानों से सस्ती जमीनें खरीदकर उसे मंहगे दामों में बचा जा सके और हुआ भी यही, किसानों से पहले सस्ती जमीनें ले लीं गयीं, उसके बाद ग्रेटर फरीदाबाद का प्लान बनाया गया, उसके बाद किसानों से ली गयीं सस्ती जमीनों को बड़े बड़े उद्योगपतियों के हाथों मंहगे दामों में बेच दिया गया, मतलब दो तीन वर्षों में कुछ लाखों के कई अरब रुपये बना लिए गए.

क्या है लूट का तरीका

मान लो किसी आदमी को लूट करनी है, पहले किसी क्षेत्र में किसानों से सस्ती जमींनें खरीद ली जाती है, उसके बाद सरकार से उस क्षेत्र को डेवेलोप करने का प्लान पास करवाया जाता है, उसके बाद उस क्षेत्र का नक्शा बनाया जाता है और उसे बड़े बड़े उद्योगपतियों को दिखाया जाता है, बड़े उद्योगपतियों को लगता है कि अगर यहाँ पर जमीनें खरीद ली जांय तो मोटा मुनाफ़ा होगा क्योंकि रोड बनने और बड़े बड़े प्रोजेक्ट आने के बाद जमीनें कई गुना मंहगी हो जाती है, रॉबर्ट वाड्रा ने अपने आदमियों के जरिये पहले ही किसानों की जमीनें खरीद ली थीं, उस समय कांग्रेस की हुड्डा सरकार सत्ता में थी, उनसे ग्रेटर फरीदाबाद का नक्शा पास करवाया गया, रोड पास करवाए गए, कई प्रोजेक्ट पास करवाए गए और उसके बाद किसानों से ली हुई सस्ती जमीनों को कई गुना मंहगे दामों में उद्योगपतियों के हाथों में बेच दिया गया, उन्हीं जमीनों पर आज बड़ी बड़ी इमारतें खड़ी हैं. ग्रेटर फरीदाबाद में किसानों की जमीनों पर आज सैंकड़ों बड़ी बड़ी इमारतें खड़ी हैं, आप सोचिये कितना बड़ा घोटाला किया गया होगा.

दुनिया में सबसे तेजी से अरबपति बने हैं रॉबर्ट वाड्रा

रॉबर्ट वाड्रा के बारे में कहा जाता है कि वह दुनिया में सबसे तेजी से अरबपति बनने वाले आदमी हैं. सिर्फ नाम की कंपनी बनाकर उन्होंने हुड्डा सरकार और राजस्थान की पूर्व गहलोत सरकार का इस्तेमाल किया, पहले कई स्थानों पर किसानों से सस्ती जमीनें खरीदी गयीं, उसके बाद वहां पर कोई बड़ा प्रोजेक्ट पास करके जमीनों को मंहगा करवाया गया, उसके बाद किसानों से ली गयीं सस्ती जमीनों को कई गुना मंहगे दामों में बेचकर अरबों रुपये बना लिए गए.

उदाहरण के लिए समझिये, मान लो मैंने किसी स्थान पर किसानों से सस्ती जमीनें खरीद लीं, उसके बाद मैं सरकार से कहूँगा कि यहाँ पर कोई बड़ा मेडिकल कॉलेज, यूनिवर्सिटी, अस्पताल आदि बना दो, ये सब प्रोजेक्ट बनने से इनके आसपास की जमीनें कई गुना मंहगी हो जाती हैं. रॉबर्ट वाड्रा ने इसी ट्रिक का इस्तेमाल किया, हुड्डा सरकार ने पूरी तरह से रॉबर्ट वाड्रा का साथ दिया इसीलिए उनके खिलाफ भी CBI जांच चल रही है.

किसान आज भी झेल रहे हैं इस घोटले की मार

ग्रेटर फरीदाबाद में किसानों को नहीं पता था कि उनकी जमीनों को सस्ते दामों में खरीदकर मोटा मुनाफ़ा कमाने का प्लान बनाया गया है, उन्होंने सरकारी प्रोजेक्ट समझकर अपनी जमीनें बेच दीं लेकिन बाद में जब उन्हें लगा कि उनकी जमीनों का रेट और अधिक होना चाहिए था तो उन्होंने सेशन कोर्ट में अर्जी दी, सेशन कोर्ट ने मुआवजा बढाने का आदेश दिया लेकिन हजारों किसानों को आज भी उचित मुआवजा नहीं मिला है. अब सरकार बदल गयी है, किसानों को मुआवजा देने के लिए करीब 2200 करोड़ रुपये का बजट खर्च होगा. किसान अब खट्टर सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं, देखिये ये VIDEO.



इस वीडियो में साफ़ दिख रहा है कि किसान करीब 2010 से मुआवजे के लिए परेशान हैं, उस समय कांग्रेस की सरकार थी, उनसे सस्ते दामों में जमीनें ली गयीं थी, बाद में जब किसानों को लूटखोरों की चाल का अहसास हुआ तो वे जमीन का मुआवजा बढ़वाने के लिए सेशन कोर्ट पहुँच गए, सेशन कोर्ट ने मुआवजा बढाने का आदेश दिया लेकिन अब सरकार बदल गयी है, पुरानी सरकार की गलती का हर्जाना वर्तमान सरकार को भुगतना पड़ेगा. रॉबर्ट वाड्रा जैसे लोग लूटकर निकल गए लेकिन किसान मुआवजे के लिए आज भी रो रहे हैं.

कैसे और किसने की लूट

प्रवर्तन निदेशालय पिछले कई दिनों से सोनिया गाँधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और उनकी माँ से पूछताछ कर रहा है, सूत्रों के मुताबिक़ इस पूछताछ में बड़े खुलासे हुए हैं. फरीदाबाद से भी एक बड़े दलाल का खुलासा हुआ है, इस दलाल ने रॉबर्ट वाड्रा के आदमी सीसी थम्पी को अमीपुर, पलवल और फरीदाबाद में जमीन दिलवाई थी और बदले में मोटा कमीशन खाया था.

जानकारी के अनुसार सीसी थम्पी के जरिये रॉबर्ट वाड्रा ने फरीदाबाद पलवल और हरियाणा के अन्य क्षेत्रों में जमीन खरीदवाई, फरीदाबाद के दलाल जो एक विधायक के भाई हैं, उन्होंने दलाल का किरदार निभाया. खूब पैसे भी कमाए.

सीसी थम्पी ने लंदन में दर्जनों फ्लैट खरीदे और उसे रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी के एक कर्मचारी के नाम कर दिए. रॉबर्ट वाड्रा ने इन संपत्तियों को अपने नाम से नहीं खरीदा बल्कि अपने ड्राईवर, अपने ख़ास कर्मचारियों के नाम से खरीदा है ताकि वे पकडे ना जा सकें लेकिन ED रॉबर्ट वाड्रा से पूछ रही है कि आपकी कंपनी के पास इतना पैसा कहाँ से आया जो आप अपने कर्मचारियों को लन्दन में इतने मंहगे फ्लैट दे रहे हैं.

इस मामले में रॉबर्ट वाड्रा, उनकी माँ, सीसी थम्पी, संजय भंडारी के अलावा फरीदाबाद का दलाल बुरी तरह से फंस चुके हैं. दलाल के घर पर पिछले दिनों जांच एजेंसी ने छापा भी मारा था.
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