फरीदाबाद: पैसा सबसे बड़ी चीज होती है, पैसे के लिए नेता लोग कुछ भी करने को तैयार रहते हैं, सूरजकुंड मेले में टिकट और दुकानों के किराए से हरियाणा सरकार की अंधाधुंध कमाई होती है, 1 फ़रवरी से 15 फ़रवरी तक यह मेला होता है, पिछली बार मोदी सरकार के बजट के चलते खट्टर सरकार ने यह मेला एक दिन के लिए लेट किया था लेकिन अबकी बार सरकार को पैसे से इतना ज्यादा मोह हो गया है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर मोदी सरकार के बजट को भी इग्नोर कर रहे हैं, एक तरफ मोदी सरकार बजट पेश करेगी तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सूरजकुंड मेले का उद्घाटन कर रहे होंगे, दो तीन घंटे आने जाने में लगेंगे इसलिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर बजट से विल्कुल बेखबर रहेंगे. उनके साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस भी होंगे.
मतलब संसद में 11 बजे वित्त मंत्री पियूष गोयल बजट पेश करेंगे तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री खट्टर, मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस एवं फरीदाबाद के नेता लोग 11 बजे मेले का उद्घाटन कर रहे होंगे.
मतलब संसद में 11 बजे वित्त मंत्री पियूष गोयल बजट पेश करेंगे तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री खट्टर, मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस एवं फरीदाबाद के नेता लोग 11 बजे मेले का उद्घाटन कर रहे होंगे.
आप देखते होंगे कि आज के दिन सभी भाजपा नेता केंद्र सरकार के बजट को देखते हैं, उन्हें अच्छी तरह से समझते हैं और बजट का सन्देश मीडिया के जरिये जनता तक पहुंचाने की कोशिश करते हैं, विपक्षी पार्टियों के नेता भी आज बजट को बारीकी से देखेंगे और उसमें जो भी कमियां होंगी उसे पहचान कर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला जाएगा, जनता को भर्मित करने का प्रयास किया जाएगा क्योंकि विपक्षियों का काम ही है सरकार के सभी कामों के कमी निकालना.
मुख्यमंत्री खट्टर को अगर अपनी पार्टी की चिंता होती तो वह पिछले साल की तरह एक दिन मेला आगे बढ़ा देते और बजट को अच्छी तरह से देख और समझकर विपक्षियों के वार का जवाब देते, लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया क्योंकि सूरजकुंड मेले की कमाई से उन्हें अधिक प्रेम है. पैसा इतना बड़ा हो गया कि मुख्यमंत्री मोदी सरकार के बजट को भी इग्नोर कर रहे हैं.
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