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सैनिक कालोनी, सेक्टर 49 में फर्जी रजिस्ट्री कराने वाले घोटालेबाजों को जेल भिजवाऊंगा: LN पाराशर

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फरीदाबाद: शहर की सैनिक कालोनी, सेक्टर 49 के आस पास करोड़ों का रजिस्ट्री घोटाला हुआ है और ये घोटाला शहर के कई विभागों के अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ है जिसका खुलासा मैं जल्द पूरे सबूत के साथ करूंगा। ये कहना है बार एसोशिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एल एन पाराशर का जिन्होंने आज मौके पर दौरा किया। वकील पाराशर ने कहा कि 12th एवेन्यू में गड़बड़झाले में मेरे पास तमाम पुख्ता सबूत इकठ्ठा हो गए थे जिसके बाद मैं हाईकोर्ट गया और हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका का डायरी नंबर 2329027 CIS, CNR नंबर PHHC010225752019 है।

उन्होंने कहा कि सैनिक कालोनी में इससे भी बड़ा गड़बड़झाला हुआ है और सरकार को करोड़ों का चूना लगाकर कई फ़्लैट बनाये गए हैं और इस गड़बड़झाले में भी कई अधिकारी शामिल हैं और अगले हफ्ते इन घोटालेबाजों के खिलाफ में हाईकोर्ट जाऊंगा। उन्होंने कहा कि 12th एवेन्यू और सैनिक कालोनी में गड़बड़झाला करने वालों की जगह जेल में है क्यू कि इन्होने कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से फरीदाबाद को सरेआम लूटा है और सरकार को करोड़ों का चूना लगाया है। वकील पाराशर के मुताबिक़ 12 एवेन्यू में कुछ इस तरह से गड़बड़झाला हुआ है।

वकील पाराशर ने कहा है याचिका में मैंने लिखा है कि 12th एवेन्यू सेक्टर 49 के रजिस्ट्री काण्ड में करोड़ों नहीं अरबों का चूना साकार को लगाया गया है और चूना लगाने वालों में जेई, एसडीओ, डीटीपी, सहित कई अधिकारी शामिल हैं। वकील पाराशर ने कहा कि सरकार तमाशा देख रही है और फरीदाबाद के अधिकारी मोटे पैसे लेकर बिना बच्चे पैदा हुए ही जन्मदिन का सर्टीफिकेट बना दे रहे हैं। वकील पाराशर ने कहा कि 12th एवेन्यू सेक्टर 49 में प्लाट नंबर 4837, 4836, 4818, 4815, 4816, 4817, 4814, 4822, 4819, 4820, 4821, 4827, 4829, 4828, 4830 के कंप्लीशन में बड़ा हेरफेर किया गया और सम्बंधित अधिकारियों ने किया। पाराशर ने बताया कि इन प्लाटों के कंप्लीशन के लिए आवेदन 10 नवम्बर 2017 को किया गया था। और14 नवम्बर को कंप्लीशन मिल भी गई। जब इसकी जानकारी आरटीआई से माँगी गई तो बताया गया कि जेई, डीटीपी और एसडीओ ने 16 अगस्त 2017 को ही कंप्लीशन सर्वे रिपोर्ट पास कर रखी है यानी आवेदन के तीन महीने पहले ही कंप्लीशन दे दी। पाराशर ने कहा कि रजिस्ट्री कांड में दिन प्रतिदिन बड़े बड़े भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि बुधवार देर शाम हमने जब अचानक तहसील का दौरा किया था और युवक को दो दर्जन रजिस्ट्री के साथ पकड़कर पुलिस के हवाले किया था। अगर उस दिन तहसीलदार उस मामले को संज्ञान में लेते तो वहाँ मौजूद कई भ्रष्ट और रिश्वतखोर पकडे जाते और सरकार को जो अरबों रूपये का चूना लगा रहे हैं उनका चेहरा बेनकाब हो जाता। वकील पाराशर ने कहा कि बुद्धवार देर शाम छापेमारी के समय वहां अधिकतर दो नम्बरी मौजूद थे और इस मामले के दोनंबरी में मौजूद थे। पाराशर ने कहा कि 12th एवेन्यू गडबडझाले में एक कागज़ में एक चपरासी के भी हस्ताक्षर हैं।

उन्होंने बताया कि जेई आरिफ ने सर्वे रिपोर्ट पर 11 अगस्त 2018 को हस्ताक्षर किये, 16 अगस्त को डीटीपी महिपाल से उस कागज़ पर हस्ताक्षर किये। 17 अगस्त को उस कागज पर ज्वाइंट कमिशनर मुकेश सोलंकी के हस्ताक्षर हुए। जेई आरिफ उस दौरान सैनिक कालोनी या उस क्षेत्र के जेई नहीं थे। उसके बाद उस कागज़ पर एसडीओ ओपी मोर ने हस्ताक्षर किये जबकि जेई के बाद एसडीओ के हस्ताक्षर होने चाहिए थे। यहाँ इन अधिकारियों ने बेतुके तरीके से लेन देन करके हस्ताक्षर किये होंगे तभी ऐसा हुआ था। पाराशर के मुताबिक़ 12th एवेन्यू के तीनों मालिक इस गड़बड़झाले के जिम्मेदार हैं जिनमे आशीष मंचदा 2. Varun Manchanda  3. दीपक विरमानी मुख्य हैं और इस घोटाले में कई अधिकारी भी शामिल हैं।

वकील पराशर ने कहा कि ये सभी अधिकारी आवेदन के पहले कंप्लीशन पेपर पर हस्ताक्षर किये थे जबकि आवेदन इनके हस्ताक्षर के तीन महीने बाद किया गया। पाराशर ने कहा कि यहाँ इन अधिकारियों ने मिलकर गलत तरीके से कंप्लीशन पास कर सरकार को अरबों का चूना लगाया। उन्होंने बताया कि बने मकान को खाली बता रजिस्ट्री हुई और ये सब अधिकारी सरकार को चूना लगाते हैं। पाराशर ने कहा कि उन्हें पता चला है कि वीपी स्पेसेस के मालिक ने अधिकारियों की मिलीभगत से सरकार के साथ ये बड़ा फ्रॉड किया है। पाराशर ने कहा कि याचिका के बाद मैं इन सभी के ऊपर धारा 409, 217, 218, 219 120 बी एवं भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करवाऊंगा और प्रयास करूंगा कि अधिकारियों को तुरन्त सस्पेंड कर इनपर कार्यवाही की जाए ताकि ये जांच में बाधा न पहुंचा सकें।

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