हाथरस: हाथरस मामला अब करवट बदल रहा है, अब मीडिया चैनलों ने इसे TRP का जरिया बना लिया है और तीन चार न्यूज़ चैनलों में आपस में ही महाजंग शुरू हो गयी है, तीन चैनलों तो खुलेआम एक दूसरे के खिलाफ लाइव शो में या सोशल मीडिया पर बोल रहे हैं हालाँकि ये चैनल एक दूसरे का नाम लेकर बुलाने के बजाय कोड वर्ड में बुलाते हैं.
रिपब्लिक भारत
रिपब्लिक चैनल सुशांत मामले को उठाकर TRP के मामले में नंबर 1 बन गया और कई वर्षों तक पहले नंबर पर रहा आजतक काफी पीछे छूट गया. अब दोनों चैनलों के बीच काफी फासला है और गोटी रिपब्लिक भारत के चीफ अर्नब गोस्वामी के हाथों में है, अर्नब गोस्वामी जिस रास्ते पर चलते हैं, आजतक भी उसी रास्ते पर चल पड़ता है इसीलिए लगातार पिछड़ता जा रहा है.
आजतक
TRP की रेस में रिपब्लिक भारत से पिछड़ने के बाद आजतक को हाथरस का मुद्दा मिल गया, आजतक ने इस मुद्दे को अपनी TRP बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया, राहुल गाँधी, प्रियंका गाँधी का दौरा करवाया गया, उनका वीडियो वायरल किया गया. आज तक के पत्रकारों ने खुद पीड़ितों को फोन करके ऐसा वीडियो, वैसा वीडियो बनाने को कहा और ऐसा बयान, वैसा बयान देने को बोला ताकि यह मुद्दा लंबा खिंचे और आजतक की TRP फिर से पहले जैसी हो जाए.
ज़ी न्यूज़
ज़ी न्यूज़ TRP के मामले में काफी पीछे हो गया है और उसके निशाने पर आजतक और रिपब्लिक भारत है. सुधीर चौधरी तो इशारों इशारों में रिपब्लिक को शोर मचाने वाला, नौटंकी दिखाने वाला चौनल बताते हैं, असल बात ये है कि रिपब्लिक टीवी की वजह से ही ज़ी न्यूज़ काफी पीछे हो गया.
रिपब्लिक भारत ने बदल दिया गेम
आज तक ने जो प्लान किया था वैसा कुछ भी नहीं हुआ. रिपब्लिक भारत ने हाथरस मामले में दो तीन दिनों तक ख़ामोशी बनाए रखी और अचानक सुशांत मामले को छोड़कर हाथरस मुद्दे को पकड़ लिया लेकिन उसने अलग रास्ता चुना।
रिपब्लिक भारत ने कांग्रेस पार्टी को टारगेट किया और उसके बाद आजतक को टारगेट करना शुरू कर दिया, आपको बता दें कि रिपब्लिक भारत आजतक का नाम नहीं लेता बल्कि 'तक वाले' बताता है.
पहले आजतक सिर्फ पीड़ित परिवार की ही ख़बरें दिखा रहा था लेकिन आज तक की इस रिपोर्टिंग से दूसरा पक्ष नाराज हो गया, क्योंकि इस रिपोर्टिंग के जरिये ऐसा सन्देश दिया जा रहा था कि सवर्ण समुदाय बहुत बड़ा विलेन है और ये लोग लड़कियों की इज्जत नहीं करते।
रिपब्लिक भारत ने इसे महसूस किया और दूसरे पक्ष की रिपोर्टिंग करनी शुरू की जिसकी वजह से बाजी अचानक पलट गयी. दूसरे पक्ष ने बताया कि यह मामला हॉनर किलिंग का हो सकता है क्योंकि पीड़िता और आरोपी संदीप के बीच में कई वर्षों से प्रेम सम्बन्ध थे, जब दोनों की काल डिटेल निकलवाई गयी तो पता चला कि दोनों आपस में कई कई घंटों तक बात चीत करते हैं और सैकड़ों कॉल हो चुकी है.
आजतक को भी जब महसूस हुआ कि रिपब्लिक भारत ने गेम बदल दिया है तो वह भी रिपब्लिक भारत के रास्ते पर चल पड़ा और दूसरे पक्ष की रिपोर्टिंग करने जा पहुंचा, उसके बाद अन्य कई चैनल भी ऐसा करने लगे लेकिन अब आजतक सिर्फ रिपब्लिक के हाथों का डमरू बनकर रह गया है और अन्य चैनल भी रिपब्लिक भारत की कॉपी करने में लगे हैं.
पहले न्यूज़ चैनल एक दूसरे को टारगेट नहीं करते थे लेकिन अब न्यूज़ चैनल सीधा एक दूसरे को टारगेट करते हैं और एक दूसरे की खबर को फेक बताते हैं. हाथरस में अब राजनीतिक पार्टियों की नहीं बल्कि न्यूज़ चैनलों के बीच में महाजंग हो रही है, देखते हैं कि यह महाजंग कहाँ पर जाकर रुकती है.
क्यों हो रही महाजंग?
दरअसल महाजंग की वजह ये है कि जो चैनल TRP में नंबर 1 हो जाता है उसे बड़े बड़ी कम्पनियाँ लाखों करोड़ों रुपये का विज्ञापन देती हैं, कई वर्षों तक आजतक नंबर 1 था और उसने खूब पैसा कमाया, अब रिपब्लिक भारत नंबर 1 है तो अधिकतर विज्ञापन उसे मिल रहे हैं, आजतक को ये बात हजम नहीं हो रही है और ज़ी न्यूज़ भी इसलिए परेशान है.
Post A Comment:
0 comments: