फरीदाबाद: फरीदाबाद के पूर्व नगर निगम कमिश्नर मोहम्मद शाइन फरीदाबाद में 11 महीनें रहे, लोग उन्हें काफी ईमानदार समझते थे, यहाँ पर उनके दामन पर कोई दाग नहीं लगा लेकिन 2007-10 में अम्बाला के उपायुक्त पद पर नियुक्ति के समय उनके दामन पर भ्रष्टाचार का दाग लग चुका था लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई, 25 करोड़ के मनरेगा घोटाले में उनके अलावा समीर पाल सरों, रेणु फुलिया, सुमेधा कटारिया एवं आरपी भरद्वाज भी आरोपी हैं, ये चारों ही IAS हैं और अम्बाला के उपयुक्त रह चुके हैं. समीर पाल सरों मुहम्मद शाइन से पहले MCF के कमिश्नर रह चुके हैं.
आपकी जानकारी के लिए बता दें की 2007-10 में हुए इस बहुचर्चित घोटाले में लोकायुक्त जांच में ये चारों दोषी पाए गए हैं लेकिन इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई, इस मामले में RTI एक्टिविस्ट पीपी कपूर हरियाणा सरकार की कार्यवाही से निराश हैं इसलिए उन्होंने घोटाले के सबूत CBI निदेशक को भिजवा दिए हैं.
पीपी कपूर का कहना है कि जब विजिलेंस जांच और लोकायुक्त जांच का कोई फायदा ही नहीं है तो इन दोनों को भंग करके हरियाणा में भ्रष्टाचार को कानूनी मान्यता देनी चाहिए या इसकी जांच CBI से करवाई जाए.
क्या है मनरेगा घोटाला
वर्ष 2007-10 के बीच हरियाणा सरकार ने अम्बाला में नर्सरी हर्बल पार्क विकसित करने के लिए 25.14 करोड़ रुपये जारी किये थे लेकिन ये पैसे डकार लिए गए. इस मामले में अम्बाला के तत्कालीन वन विभाग के अधिकारी, तत्कालीन डीसी और एडीसी आरोपी हैं. इस मामले की जांच विजिलेंस विभाग के तत्कालीन डीजीपी शरद कुमार ने पूरी करके 2012 में मुख्य सचिव को सौंप दी लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई.
इस मामले में वन विभाग के तत्कालीन DFO जगमोहन शर्मा, फारेस्ट रेंज ऑफिसर गोकुल शर्मा, राजेश राणा, प्रशांत शर्मा, विनोद कुमार, लक्ष्मणदास एवं दीपक अलाहाबादी भी आरोपी हैं.
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