फरीदाबाद, 1 अक्टूबर: बल्लभगढ़ के विधायक मूलचंद शर्मा चीनी व्यापारियों की मदद करके और पुलिस की कार्यवाही पर उंगली उठाकर बुरी तरह से फंस गए हैं, अब उनपर भी उंगली उठ सकती है क्योंकि चीनी व्यापारियों का जिंदल कनेक्शन सामने आया है. 2016 में कोतवाली पुलिस थाने में आरोपियों ने मुकेश गुप्ता के खिलाफ धमकी देने की शिकायत की थी जिसमें मुकेश गुप्ता ने खुद मामले की जांच की मांग की थी, यह शिकायत चार आरोपियों में से एक वैभव गोयल ने की थी, उन्होंने अपने बयान में कहा था कि हमारा SRS ग्रुप के मालिक अनिल जिंदल से लेन देन है, इसलिए हमने दो फ्लैट मुकेश गुप्ता के नाम करा दिए. (यहाँ पर आरोपियों ने गलती से मुकेश गुप्ता की जगह मुकेश गोयल लिख दिया है). अब हमारा मुकेश गुप्ता से लेन देन ख़त्म हो गया है.
मुकेश गुप्ता ने कहा कि हमें आरोपियों ने कोई फ्लैट नहीं दिए, अगर दिए होते तो उनके पास रजिस्ट्री की फोटोकॉपी या कोई दस्तावेज जरूर होता, यह सिर्फ बहानेबाजी की गयी थी.
अब सवाल यह उठता है कि चीनी व्यापारियों से अनिल जिंदल का क्या कनेक्शन था, कहीं उन्होंने भी तो नवीन जिंदल के साथ लोगों को ठगने का काम नहीं किया था, अनिल जिंदल ने हजारों लोगों से करोड़ों रुपये लिए थे और उन्हें मोटे व्याज का लालच देकर उनके पैसे डकार गए थे, आरोपियों के बयान से साफ़ साफ़ लग रहा है कि इनका भी नवीन जिंदल से कनेक्शन था, या तो ये लोग भी अनिल जिंदल के द्वारा ठगे गए होंगे या ये लोग उसके साथ कारोबार करते रहे होंगे. जांच में हर चीज का खुलासा हो सकता है.
मुकेश गुप्ता ने कहा कि यह मामला सीपी के आदेश के बाद 29 जुलाई 2018 को दर्ज हुआ था, मेरा एरिया ओल्ड पड़ता है इसलिए ओल्ड फरीदाबाद पुलिस इसकी जांच कर रही थी, इन लोगों को पूछताछ के लिए कई बार बुलाया गया लेकिन चारों आरोपियों - मिथिलेश गोयल, राम गोपाल गोयल, सुभाष गोयल और वैभव गोयल ने अपने मोबाइल स्विच ऑफ कर लिए और तफ्शीश में शामिल नहीं हुए. उसके बाद इन्होने सेशन कोर्ट में बेल लगाई जहाँ से इनकी बेल खारिज हो गयी, हाईकोर्ट से दो लोगों को सिर्फ Interim बेल मिली है जबकि दो की बेल खारिज हुई है.
मुकेश गुप्ता ने कहा कि हमें आरोपियों ने कोई फ्लैट नहीं दिए, अगर दिए होते तो उनके पास रजिस्ट्री की फोटोकॉपी या कोई दस्तावेज जरूर होता, यह सिर्फ बहानेबाजी की गयी थी.
अब सवाल यह उठता है कि चीनी व्यापारियों से अनिल जिंदल का क्या कनेक्शन था, कहीं उन्होंने भी तो नवीन जिंदल के साथ लोगों को ठगने का काम नहीं किया था, अनिल जिंदल ने हजारों लोगों से करोड़ों रुपये लिए थे और उन्हें मोटे व्याज का लालच देकर उनके पैसे डकार गए थे, आरोपियों के बयान से साफ़ साफ़ लग रहा है कि इनका भी नवीन जिंदल से कनेक्शन था, या तो ये लोग भी अनिल जिंदल के द्वारा ठगे गए होंगे या ये लोग उसके साथ कारोबार करते रहे होंगे. जांच में हर चीज का खुलासा हो सकता है.
मुकेश गुप्ता ने कहा कि यह मामला सीपी के आदेश के बाद 29 जुलाई 2018 को दर्ज हुआ था, मेरा एरिया ओल्ड पड़ता है इसलिए ओल्ड फरीदाबाद पुलिस इसकी जांच कर रही थी, इन लोगों को पूछताछ के लिए कई बार बुलाया गया लेकिन चारों आरोपियों - मिथिलेश गोयल, राम गोपाल गोयल, सुभाष गोयल और वैभव गोयल ने अपने मोबाइल स्विच ऑफ कर लिए और तफ्शीश में शामिल नहीं हुए. उसके बाद इन्होने सेशन कोर्ट में बेल लगाई जहाँ से इनकी बेल खारिज हो गयी, हाईकोर्ट से दो लोगों को सिर्फ Interim बेल मिली है जबकि दो की बेल खारिज हुई है.
उन्होंने बताया कि आरोपी पक्ष खुद DCP क्राइम लोकेन्द्र सिंह के पास गया था और वहां पर बहाना बनाया कि हमने पैसे के बदले चीनी दे दी है जबकि मुझे कोई चीनी नहीं मिली और ना ही मेरा चीनी का काम है, इनके पास कोई रशीद नहीं है, कोई बिल नहीं है, कोई रिसीविंग नहीं है, फर्जी बिल बना दिए गए हैं, यह भी एक तरह की धोखाधड़ी है.
मुकेश गुप्ता ने बताया कि आरोपियों ने पहले कहा कि उन्होंने मुझे दो फ्लैट देकर हिसाब बराबर कर दिया, उसके बाद फिर बोले कि हमने मुकेश गुप्ता को चीनी देकर हिसाब बराबर कर दिया, इसका मतलब है कि उन्होंने दोनों बार झूठ बोला.
मुकेश गुप्ता ने बताया कि आरोपियों ने पहले कहा कि उन्होंने मुझे दो फ्लैट देकर हिसाब बराबर कर दिया, उसके बाद फिर बोले कि हमने मुकेश गुप्ता को चीनी देकर हिसाब बराबर कर दिया, इसका मतलब है कि उन्होंने दोनों बार झूठ बोला.
उन्होंने बताया कि पुलिस ने ही जांच की फाइल क्राइम ब्रांच बॉर्डर में भेजी थी, संदीप चहल ने मोहित गोयल को पूछताछ के लिए बुलाया था और उससे उसकी माँ मिथिलेश के बारे में पूछा था क्योंकि वह फरार थीं, मोहित गोयल के साथ कोई टॉर्चर नहीं हुआ, एक वीडियो में दिख रहा है कि वह शुरू शुरू में अपने पैरों पर आराम से खड़ा होता है लेकिन मीडिया को दिखाने के लिए उसे अचानक दो लोग दोनों कन्धों पर टांग लेते हैं और थर्ड डिग्री टॉर्चर की झूठी कहानी रचकर इमानदार अफसर संदीप चहल पर भी झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि ये लोग मेरा पैसा वापस नहीं करना चाहते हैं, विधायक भी इस मामले को राजनीतिक रंग देकर इन्हें बचा रहे हैं, अब कोई अफसर मेरी फाइल लेने से डरेगा क्योंकि विधायक उनपर थर्ड डिग्री टॉर्चर के आरोप लगाकर उसकी नौकरी ख़त्म करवाने की कोशिश करेंगे, विधायक जी ऐसा करके सरासर मेरे साथ अन्याय कर रहे हैं और मेरा पैसा हड़पने में बेईमानों का साथ दे रहे हैं.
Post A Comment:
0 comments: