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अब तो हद हो गयी, KPG ने छोटे और खोटे मन वाले चेले को लताड़ा, बहुत दिनों से काट रहा है पैर, पढ़ें

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फरीदाबाद, 19 अक्टूबर: फरीदाबाद के सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर करीब 30 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी की सेवा कर रहे हैं, वह भाजपा से पहली बार 1996 में मेवला महाराजपुर से विधायक बने थे, उन्होंने कभी दल बदल नहीं किया, वह भाजपा के एक सच्चे सिपाही है, विरोधियों पर बड़े नेताओं की तरह हमला करते हैं, राहुल गाँधी तक को वह करारा जवाब देते हैं और उनके बयानों में भार भी होता है.

दूसरी तरफ फरीदाबाद ओल्ड के विधायक विपुल गोयल हैं जो 2014 विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए, मंत्री कृष्णपाल उन्हें राजनीति में लेकर आये. मोदी लहर में विपुल गोयल की जीत हुई. विपुल गोयल ने कभी भी कांग्रेस या अन्य विरोधी पार्टियों पर राजनीतिक हमला नहीं किया, वह सॉफ्ट कार्नर रखते हैं ताकि अगर कभी दल बदल करने का मौका मिले तो कर सकें, वैसे भी वह एक बिजनेसमैन हैं. वह किस्मत से चुनाव जीते और किसी बड़े बाबा की सिफारिश पर मंत्री बना दिए गए. कांग्रेस के छोटे मोटे नेता भी दिन रात मोदी-योगी, खट्टर को उल्टा सीधा बोलते रहते हैं लेकिन विपुल गोयल के मुंह से कभी भी कांग्रेस, राहुल गाँधी, केजरीवाल या अन्य विपक्षी नेताओं के खिलाफ एक शब्द भी नहीं निकलते. 

विपुल गोयल को कृष्णपाल गुर्जर राजनीति में लेकर आये थे लेकिन मंत्री बनने के बाद विपुल गोयल की महत्वाकांक्षा बढ़ गयी है. अब वह सांसद या हरियाणा का मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं लेकिन कृष्णपाल गुर्जर के रहते यह संभव नहीं है इसलिए पिछले कुछ समय से विपुल गोयल मंत्री कृष्णपाल गुर्जर का पैर काटने की कोशिश कर रहे हैं ताकि उनका साम्राज्य ख़त्म करके फरीदाबाद में अपना साम्राज्य फैला सकें.

आपको याद होगा, 2014 लोकसभा चुनावों में कृष्णपाल गुर्जर ने पूर्व कांग्रेस सांसद अवतार भड़ाना को बहुत बड़े अंतर से हराया था, अवतार भडाना की जमानत जब्त हो गयी थी. अवतार भडाना दल बदलू नेता हैं, हार के बाद उन्होने दल बदल कर लिया और भाजपा में शामिल हो गए. उन्हें मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने ही भाजपा में शामिल कराया लेकिन अब अवतार भडाना और विपुल गोयल दोनों मिलकर मंत्री कृष्णपाल गुर्जर का ही पैर काट रहे हैं. मतलब जिस नेता ने दोनों को भाजपा में शामिल कराया, दोनों को विधायक बनने का मौक़ा दिया, ये दोनों उसी का पैर काटकर उसके साम्राज्य पर कब्जा करना चाहते हैं.

अवतार भडाना दल बदलू हैं, पहले कांग्रेस में थे, हार के बाद इनेलो में शामिल हुए, उसके बाद भाजपा में शामिल होकर योगी सरकार में विधायक बन गए. अब वह फिर से दल बदल की सोच रहे हैं. वह चाहते हैं कि मंत्री कृष्णपाल गुर्जर का पैर काटकर यहाँ के फिर से सांसद बन जाएं, अगर उन्हें कोई बड़ी पार्टी टिकट देगी तो वह दल बदल करने में नहीं हिचकेंगे और उन्होंने इसका इशारा भी कर दिया है.

आपने देखा होगा, कृष्णपाल गुर्जर के मामा का मुद्दा सबसे पहले अवतार भडाना ने ही उठाया था, मामा-भांजे का उन्होंने डायलाग बना रखा है और हर सभा में जरूर बोलते हैं.

विपुल गोयल और अवतार भडाना की बहुत अच्छी बन रही है और दोनों फरीदाबाद में समय समय पर मुलाकात करके उल्टे सीधे बयान देकर कृष्णपाल गुर्जर को चिढ़ाते हैं.

आपने देखा होगा, विपुल गोयल के घर गणपति प्रोग्राम में अवतार भडाना को बुलाया गया था, विपुल गोयल ने उन्हें माइक लेकर उनके कान में कुछ बोलने का इशारा किया, उसके बाद अवतार भडाना ने कहा - फरीदाबाद के दुष्टों का विनाश करें और यहाँ का विकास करें. उनके ऐसा कहते ही विपुल गोयल और उनके साथी बहुत खुश हो गए थे क्योंकि अवतार भडाना ने वही कहा था जो उन्होंने कहने को वोला था, एक सीनियर पत्रकार और विपुल गोयल एक ख़ास ने सोशल मीडिया पर लिख भी दिया कि अवतार भडाना ने दुष्ट शब्द कृष्णपाल गुर्जर और उनके मामा के लिए निकाले हैं.

एक बात और बता दें, तिगांव विधानसभा से देवेन्द्र चौधरी को तैयार किया जा रहा है, विपुल गोयल यह बात भली भाँती समझते हैं इसके बावजूद भी वह राजेश नागर को प्रमोट कर रहे हैं जो हारे हुए नेता हैं. विपुल गोयल के सभी सपोर्टर और नजदीकी पार्षद राजेश नागर को तिगांव से भावी विधायक बताते हैं, अगर बाद में राजेश नागर को टिकट नहीं मिला तो वह भाजपा से नाराज हो जाएंगे और निर्दलीय मैदान में उतरकर देवेन्द्र चौधरी के टिकट काट देंगे, विपुल गोयल यह बात भली भाँती समझते हैं इसलिए राजेश नागर को बलि का बकरा बनाया जा रहा है.

मतलब विपुल गोयल और अवतार भडाना मिलकर कृष्णपाल गुर्जर और उनके बेटे देवेन्द्र चौधरी दोनों के पैर काटना चाहते हैं. पूरा फरीदाबाद इस बात को समझ रहा है. आज दोनों ग्रुपों के बीच चल रही खींचतान खुलकर सामने आ गयी जब दशहरा मैदान में दोनों नेताओं ने एक दूसरे को उंगली दिखाकर बात की.

एक बात और गौरतलब है, राजेश भाटिया पूर्व भाजपा विधायक चंदर भाटिया के भाई हैं, चंदर भाटिया दल बदल कर चुके हैं. मतलब अब राजेश भाटिया और चंदर भाटिया विपक्षी बन चुके हैं उसके बावजूद भी विपुल गोयल राजेश भाटिया का समर्थन कर रहे हैं जो पार्टी की लाइन के भी खिलाफ है. भाजपा के लोग राजेश भाटिया पर सट्टा खेलने के आरोप लगा रहे हैं जबकि विपुल गोयल उनका समर्थन कर रहे हैं. यह अपने आप में कई सवाल खड़े करता है. यही नहीं, NIT-1 नंबर में शोभा यात्रा राजेश भाटिया द्वारा निकलवाई जा रही थी लेकिन पुलिस ने उनके बयान साथ अन्य लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया, कहा जा रहा है कि राजेश भाटिया के ऊपर विपुल गोयल का हाथ था इसलिए पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया.

विपुल गोयल के द्वारा जिस प्रकार से कृष्णपाल गुर्जर के पैर खींचे जा रहे हैं, मंत्री कृष्णपाल गुर्जर भी इस बात को अच्छी तरह समझते हैं लेकिन विपुल गोयल भाजपा विधायक और मंत्री हैं इसलिए वह कभी विपुल गोयल के खिलाफ बयान नहीं देते लेकिन उन्हें भी पता है कि अवतार भडाना से उनके और उनके मामा के खिलाफ अनाप शनाप बयान दिलवाने वाले विपुल गोयल ही हैं. आज जब पानी सर से ऊपर पहुँच गया तो मंत्री कृष्णपाल गुर्जर का सब्र जवाब दे दिया और उन्होंने चेले यानी विपुल गोयल को इशारों इशारों में बहुत कुछ कह दिया जो वीडियो में आप सुनेंगे. देखें वीडियो.

मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा - हमने ना तो जनता के साथ राजनीति की है, ना किसी से धोखा किया है, ना किसी की जमीन हडपी है, हमने ना किसी को सट्टा खिलाया है, ना किसी को जुआ खिलाया है, कृष्णपाल गुर्जर ने अपने जीवन में अच्छाई के रास्ते पर चलना सीखा है, जहाँ तक राजनीति का सवाल है, हम कई लोगों को राजनीति में पकड़ कर लाए हैं, उनको राजनीति सिखाई है.

कृष्णपाल गुर्जर ने कहा - अटल जी कहा करते थे, छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे दिल से कोई खड़ा नहीं होता. जिनका मन खोटा है उनका एकाद बार तो दांव लग जाता है लेकिन बार बार दांव भी नहीं लगता. उन्होंने शायद विपुल गोयल को छोटे और खोटे मन वाला आदमी बोला है.

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