फरीदाबाद, 24 अगस्त: सैनिक कॉलोनी, NIT 3 में मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा क़त्ल किये गए संजय के परिवार से मिलने के लिए ना तो राहुल गाँधी आये, न केजरीवाल आये, ना मायावती आयीं और ना ही ममता बनर्जी जैसे नेता आये, यही नहीं जिग्नेश मेवानी ने भी इस मामले पर कोई ट्वीट नहीं किया, सभी नेताओं ने आँखें बंद कर रखी हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि यहाँ दलित दामाद को मुस्लिमों ने दर्दनाक मौत दी है, अगर संजय की जगह जुनैद या रक्बर होता और मारने वाला कोई सवर्ण हिन्दू होता तो अब तक फरीदाबाद में नेताओं और मीडिया का जमावड़ा लग चुका होता.
कांग्रेस, सपा, बसपा, टीएमसी और आप पार्टी को सैनिक कॉलोनी कांड में कोई राजनीतिक फायदा नहीं दिख रहा है इसलिए इन नेताओं ने आँखें बंद कर रखी हैं. अगर दलित के घर जाएंगे तो मुस्लिम नाराज होंगे और दलित-मुस्लिम गठजोड़ के खिलाफ गलत सन्देश जाएगा इसलिए सभी नेताओं ने ऑंखें बंद कर रखी हैं और पीडिता दलित परिवार को उनके हाल पर छोड़ रखा है. अगर कोई और होता तो अब तक उसके लिए करोड़ों रुपये की मदद मांगी जाती, सरकारी नौकरी मांगी जाती, केजरीवाल, ममता बनर्जी करोड़ों रुपये की मदद का ऐलान कर देते लेकिन अगर यहाँ दलित परिवार के लिए करोड़ों रुपये का ऐलान करेंगे तो मुस्लिम नाराज हो जाएंगे और उन्हें वोट नहीं देंगे इसलिए मृतक दलित संजय के परिवार को उसके हाल पर छोड़ दिया गया है.
कल मृतक संजय का अंतिम संस्कार भी सही ढंग से नहीं हो पाया, भारी पुलिस बल तैनात किया गया, संजय के परिजनों और दलित समाज के लोगों को श्मशान घाट में नहीं जाने दिया गया लेकिन अगर संजय की जगह जुनैद होता तो उसकी शव यात्रा निकाली जाती भले ही उसके लिए सरकार को CRPF बुलानी पड़ती लेकिन संजय का ठीक ढँक से अंतिम संस्कार भी नहीं हो पाया.
संजय के मर्डर की कहानी
बता दें कि दलित समाज के संजय ने मुस्लिम समाज की लड़की से एक साल पहले भागकर शादी कर ली थी, कुछ महीनों पहले दोनों फरीदाबाद वापस लौटे थे लेकिन जब लड़की अपने घर गयी तो वहां से नहीं लौटी, उसका बच्चा गिरवा दिया गया और दोनों का सेक्टर 12 कोर्ट में तलाक करवा दिया गया. उसके बाद दोनों अलग अलग रहने लगे.
15 अगस्त के आस पास लड़की का भाई सलीम अपने दोस्तों के साथ संजय के घर आया और उसे बहला फुसला कर अपनी बहन से मिलाने के लिए ले गया लेकिन अपने दोस्तों और पिता के साथ मिलकर उसकी ह्त्या कर दी.
बता दें कि संजय का क़त्ल पहाड़ी पर 15 अगस्त के आसपास किया गया था लेकिन उसका शव दर्दनाक हालत में 21 अगस्त को पहाड़ी से बरामद हुआ, उसकी हालत देखकर दलित समाज के लोग भड़क गए. उसकी गर्दन भी अलग थी अरु गुप्तांग भी गायब था. अब कई दिनों से बवाल की स्थिति पैदा हो रही है लेकिन पुलिस हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है.
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