फरीदाबाद, 7 मई: हाल ही में फरीदाबाद पुलिस के मिसिंग सेल के प्रभारी इंस्पेक्टर सत्येन्द्र रावल ने मानव तस्करी के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश करके कई नाबालिक लड़कियों को आजाद कराया था. इस मामले पर हरियाण राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य बालकिशन गोयल ने आज 16 स्थित सर्किट हाउस में एक कार्यक्रम को संबोधित किया.
उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश में मानव तस्करी के लिये कोई जगह नही हैं। एसा घ्रणित कार्य करने वाले किसी भी व्यक्ति को किसी भी सूरत में बक्शा नही जायेगा।
उन्होंने कहा कि मानव जीवन, व्यक्ति को समाज व देश - दुनिया मे रह रहे प्राणियों की सेवा के लिये मिला है, न कि मानव तस्करी व उससे जुड़े अन्य घ्रणित कार्य करने के लिये। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्य में संलिप्त लोगो को मानव कहलाने का कोई अधिकार नही जो अपने निजी स्वार्थों के चलते छोटी उम्र के बाल, बालिकाओं की तस्करी कर उन्हे गलत व असमाजिक कार्यो की दलदल में धकेल कर नरक से भी बतत्तर जीवन जीने के लिये मजबूर कर देते है। उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि इस प्रकार के बाल अपराध की कोई भी सूचना व जानकारी किसी भी व्यक्ति को अपने आस - पास मिले तो उस की सूचना टोल फ्री नॉ 1098 पर तुरन्त दे। ताकि इस प्रकार के बाल अपराधों को मिलकर रोका जा सके।
उलेखनीय है कि पुलिस द्वारा बीते दिनों मानव तस्करी के मामले का पर्दाफाश करते हुए छोटी लड़कियों को बचाया था।
एससीपीसीआर के सदस्य बीके गोयल ने बताया कि कुछ साल पहले पीड़ितों को झारखंड से गिरोह ने तस्करी कर दी थी और उन्हें घरेलू कार्य करवाने के लिए अन्य व्यक्तियों को बेचा गया। उन्होंने कहा कि गैर सरकारी संगठन शक्ति वाहिनी की मदद से एक अभियान शुरू किया गया था। पिछले तीन दिनों के दौरान किए गए ऑपरेशन से इन लड़कियों की बरामदगी हुई, जिनमें से आज 8 लड़कियों को उनके प्रदेश झारखंड, रांची पुलिस दल, सहयोगी संस्था शक्ति संस्था के प्रतिनिधियों के साथ उनके पुनर्वास हेतु वापस भेज दिया गया है। उन्होने बताया कि जिसमें बीते दिनों मनी मिश्रा के रूप में पहचाने गए मानव तस्कर की गोरखपुर, यूपी से गिरफ्तारी के बाद यह सफलता मिली।
उन्होंने बताया कि मानव तस्करी का एक बड़ा रैकेट एनसीआर में सक्रिय है। गोयल ने कहा कि अधिकारी गिरोह के मुखिया की तलाश में थे, पुलिस सुराग पर काम कर रही थी। इस साल फरीदाबाद से 20 लड़कियों को इस सम्बंध में अब तक बचाया जा चुका है। उन्होंने कहा कि तस्करी वाली लड़कियों को मजदूरी से वंचित कर दिया गया था। पीड़ितों में से एक ने कहा कि उसे पिछले चार वर्षों से सिर्फ भोजन के लिए काम करवाया, पर वेतन नहीं दिया था।
स्थानीय पुलिस की एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को मजबूत किया जा रहा था, इस क्रम में मिसिंग एवं ह्यूमन ट्रेफिकिंग के लिये ओल्ड फरीदाबाद राजीव चौक पर पुरानी पुलिस चौकी में प्रदेश का सबसे पहला मिसिंग एवं ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल बनाया गया है। जिससे जुड़े अधिकारी इस प्रकार के अपराधों की रोकथाम के लिये विशेष तौर पर सक्रियता से अपने कार्यदायित्वो का निर्वहन कर है। जिसके लिये फरीदाबाद पुलिस प्रशासन ओर उसके अधिकारी बधाई के पात्र है। गोयल ने कहा कि जल्द ही आमजन के सहयोग से इस सम्बंध में एक विशेष अभियान शुरू किया जाएगा। सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष एचएस मलिक, जिला कार्यक्रम अधिकारी कमलेश ने कहा कि पिछले चार वर्षों में जिले में बच्चो से जुड़े लगभग 4000 मामले सामने आए हैं। पुलिस को उन सभी लोगों के खिलाफ श्रम अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर कार्यवाही की गई।
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