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स्वराज इंडिया ने लगाया वित्त मंत्री पर किसानों को धोखा देने का आरोप, जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

Swaraj India Faridabad members submit gyapan to dc office accusing Finance Minister Arun Jaitley cheated Indian farmers
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फरीदाबाद, 22 फ़रवरी: भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार के वित्त मंत्री पर किसानों को धोखा देने का आरोप लगाते हुए आज 22 फरवरी को हरियाणा के सभी जिलों में जिला अघिकारी को स्वराज इंडिया व जय किसान आंदोलन द्ववारा ज्ञापन सौंपा गया।

स्वराज इंडिया फरीदाबाद इकाई ने सेक्टर 12 जिला अधिकारी को किसानों के साथ बजट में हुए इस भद्दे मज़ाक के ख़िलाफ़ ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर स्वराज इंडिया फरीदाबाद के जिला अध्यक्ष सूबेदार जवाहर सिंह, सचिव मोहन जोशी, धौज अध्य्क्ष आबिद हुसैन, सुनील पराशर ,विशाल पाराशर,पिनाकी रंजन, राहुल चौहान, मनीराम, रतनलाल एडवोकेट, कुणाल कांत एडवोकेट व अन्य साथी मौजूद थे.

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क्या कहना है स्वराज इंडिया का

देशभर के किसान लंबे समय से फसल की लागत का डेढ़ गुना भाव दिए जाने की मांग कर रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए स्वामीनाथन आयोग ने अपनी रिपोर्ट में किसान की पूरी लागत का 50% अधिक भाव देने का सुझाव दिया था। इसी मांग की आवाज सुनकर देश के प्रधानमंत्री मोदी ने चुनाव से पहले किसानों को फसल की पूरी लागत का डेढ़ गुना दाम किए जाने का वादा किया था। मगर 2015 में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर अपने किए गए वादे से मुकर गयी केंद्र सरकार।

जून 2017 में मंदसौर में किसान आंदोलन पर हुई गोलीबारी में मारे गए किसानों की शहादत ने देश के किसान आंदोलन को नई दिशा दी और देशभर के अब तक 192 किसान संगठन एक मंच पर आकर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति का गठन कर दो मांग पर अपने आंदोलन को केंद्रित कर सक्रिय हुए। 20-21 नवंबर दिल्ली के संसद मार्ग पर किसान मुक्ति संसद का आयोजन कर समन्वय समिति ने "कर्जा मुक्ति" व "फसल की पूरी लागत" का बिल पारित किया। स्वराज इंडिया व जय किसान आंदोलन देश भर में इन दोनों बिल के समर्थन में जनमत जुटाने में सक्रिय भूमिका का निर्वाह करते हुए हस्ताक्षर अभियान शुरू कर चुका है।

देशभर में किसानों की जोरदार मांग के सामने देश के वित्त मंत्री को संसद में इस मुद्दे पर बोलने को मजबूर होना पड़ा। परंतु देश के वित्त मंत्री देश की संसद के सामने झूठ बोलकर बच निकलने की जुगाड़ में लग गए। जय किसान आंदोलन के साथियों ने उनके झूठ को पकड़कर जनता के सामने रख दिया, देश भर की मीडिया ने उठाया।

देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में कहा कि किसानों को फसल की लागत का डेढ़ गुना देने को संकल्पबद्ध है और यह भी दावा कर दिया की रबी फसल का डेढ़ गुना दाम तय कर चुके हैं और खरीफ फसल का भाव इसी तर्ज पर जल्दी तय करेंगे। अरुण जेटली ने देश के किसानों व जनता को गुमराह करने के लिए यह नहीं बताया कि किस लागत का ढेड़ गुणा देंगे । 

असल में देश भर के किसान मांग कर रहे हैं कि पूरी लागत (सरकारी भाषा में जिसे सी 2 कहा जाता है) का डेढ़ गुना दाम दें। जेटली जिस लागत से 50 प्रतिशत अधिक भाव देने की बात कह रहे हैं उस लागत में किसान का बीज, खाद, सप्रे व मजदूरी की लागत को ही शामिल किया गया है। स्वामीनाथन आयोग ने जिस डेढ़ गुना भाव की बात की थी व किसान जिस भाव की मांग कर रहे कर रहे हैं, उस पूरी लागत में जमीन का किराया व जमीन में लगने वाली पूंजी का ब्याज भी शामिल है।

अरुण जेटली जिस भाव को दे कर किसानों को धोखा देने की कोशिश कर रहे हैं, वह भाव तो किसानों को यूपीए सरकार के समय से मिल रहा है। अरुण जेटली किसानों को गुमराह करने का जुमला दे रहे हैं, सरकारी खजाने का पैसा नहीं। 
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Faridabad News

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