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मंत्री गुर्जर के जनता दरबार में महिला सरपंचों के बजाय उनके बेटे-पति को देख भड़के DC मनीराम शर्मा

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पलवल: उपायुक्त मनी राम शर्मा केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर के जनता दरबार कार्यक्रम में महिला सरपंचों के स्थान पर आए उनके पति व बेटों की उपस्थिति को लेकर भड़क गए। उन्होंने महिला सरपंच के स्थान पर आए उनके सगे संबंधियों को दलाल की संज्ञा दी। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि अगर आगे से कोई महिला सरपंच के स्थान पर उसका बेटा या पति आया तो उसके काम नहीं होंंगे। 

उपायुक्त के सगे संबंधियों को दलाल संज्ञा दिए जाने पर सरपंच एसोसिएशन ने कड़ा ऐतराज जताया है। एसोसिएशन के प्रधान फिरोजपुर राजपूत के सरपंच उदय सिंह ने कहा कि उपायुक्त द्वारा सरपंचों के पति व बेटों के लिए दलाल की संज्ञा देना ठीक नहीं। दलाल की संज्ञा दिए जाने पर मानपुर की सरपंच मिथलेश के जेठ जगपाल रावत ने त्याग पत्र देने तक की धमकी भी दे डाली। 

बाद में केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने मामले को संभाला।  दरअसल, यूं हुआ कि केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर बुधवार को हथीन के खंड कार्यालय में जनता की शिकायतें सुनने आए हुए थे। उनके साथ प्रशासनिक अधिकारी भी थे। जिनमें उपायुक्त मनी राम शर्मा भी मौजूद थे। शिकायतों को मनीराम शर्मा पढ़कर सुना रहे थे। एक-एक शिकायतकर्ता को बुलाया जा रहा था। कुकरचाटी की सरपंच आयशा के स्थान पर उनके पति आए हुए थे। उपायुक्त ने कहा कि खुद सरपंच क्यों नहीं आई। उन्होंने बताया कि उन्हें डिलीवरी हुई है। इसलिए वे नहीं आ पाई। उसके बाद में जैनपुर की सरपंच के स्थान पर उनके ससुर शिकायत बताने आए। इस क्रम में रींडका, बुराका तथा कई अन्य गांवों के महिला सरपंचों के स्थान पर उनके पति या बेटे तथा सुसर पहुंचे। इनके बाद मानपुर गांव का नंबर आया। मानपुर से महिला सरपंच मिथलेस के स्थान पर उनके जेठ जगपाल रावत जब शिकायत सुनाने लगे तो उपायुक्त भड़क गए। 

उन्होंने कहा कि महिला सरपंच को जब चुनाव लड़ा सकते हैं तो उन्हें कामों के लिए क्यों नहीं भेजा जाता। इतना ही नहीं उपायुक्त ने कहा कि ये लोग दलाल हैं। ऐसे लोगों का दलाल समझा जाए। उन्होंने आगे से ऐसा न करने की ताकीद भी की। मानपुर के जगपाल भी इस बात से गुस्से में आ गए। उन्हें उपायुक्त द्वारा की गई यह टिप्पणी नागवार गुजरी। बाद में केंद्रीय मंत्री ने मामले को शांत कराया। बता दें कि हथीन में लगभग 24 महिला सरपंच हैं। लेकिन जनता दरबार में केवल रनसीका गांव की महिला सरपंच आशा देवी के अलावा सभी महिला सरपंचों के स्थान पर उनके सगे संबंधित आए थे। उपायुक्त द्वारा की गई टिप्पणी सरपंचों में चर्चा का विषय बनी रही। 
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Hathin

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