हथीन: झोलाछाप डॉक्टरों में छापेमारी का भय इस तरह बना हुआ है कि जरा सी भी अफवाह उड़ते ही धडल्ले से अपनी अपनी दुकानें बंद कर रफू चक्कर हो जाते हैं। आज एक प्रत्यक्ष उदारहण हथीन में उस समय देखने को मिला जब झोलाछाप डॉक्टरों में यह अफवाह फैली कि हथीन-पलवल रोड स्थित एक निजी अस्पताल में चण्डीगढ से आई स्वास्थय विभाग की टीम ने छापा मारा है। अफवाह फैलते ही हथीन शहर के सभी झोलाछाप डॉक्टर अपनी अपनी दुकानों पर ताला जड़कर गायब हो गए।
हथीन-पलवल रोड स्थित उक्त निजी अस्पताल के डॉक्टर से सम्पर्क साधकर जब अस्पताल में छापेमारी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि ऐसी कोई बात नहीं हैं। मेरे पास दो आदमी आए थे, जिन्होंने मुझसे डिग्री दिखाने को कहा। जोकि मैंने उन्हें दिखा दी और वे चले गए। उक्त दोनों व्यक्ति किस डिपार्टमेंट के थे और किस पोस्ट पर थे इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
उल्लेखनीय है कि हरियाणा सरकार ने झोलाछाप डॉक्टरों के विरूद्ध विशेष अभियान छेड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री उडनदस्ता, गुप्तचर विभाग और स्वंय स्वास्थय विभाग झोलाछाप डाक्टरों पर विशेष नजर रखे हुए हैं और समय समय पर छापेमारी कर झोलाछाप डॉक्टरों के विरूद्ध मुकदमें दर्ज कराए जा रहे हैं।
गत दिनों गांव मलाईऔर हथीन में स्वास्थय विभाग ने छापेमारी कर दो झोलाछाप डॉक्टरों के विरूद्ध मुकदमें दर्ज कराए हैं। इससे पहले भी मुख्यमंत्री उडनदस्ता और गुप्तचर विभाग झोलाछाप डॉक्टरों के विरूद्ध मुकदमें दर्ज करा चुके हैं।
लगातार हो रही छापेमारी की वजह से झोलाछाप डॉक्टरों में भय बना हुआ है। बताया जाता है कि झोलाछापों का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री के राजनैतिक सचिव दीपक मंगला से मिलकर गुहार लगा चुका है कि सरकार से हमारे अनुभव के आधार पर रजिस्ट्रेशन कराया जाए। जिस पर मुख्यमंत्री के राजनैतिक सचिव दीपक मंगला ने उन्हें आश्वासन दिया कि वे उनकी मांग को मुख्यमंत्री तक पहुंचा देंगे।
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