हथीन: आली में दो दिवसीय ब्राह्मण युवा चरित्र निर्माण शिविर में युवाओं को आचार्य महेश ने क्रांतिकारी विचारधारा का अनुसरण करने का उपदेश दिया। शिविर में वैदिक सिंद्धातों के बारे में युवाओं को ज्ञान दिया गया। कार्यक्रम में युवाओं को नशा मुक्ति के संदेश के साथ - साथ सभी को जनेऊ धारण करने के नियम एवं जनेऊ के महत्व के बारे में पूरी जानकारी दी गई। शिविर की अध्यक्षता विकास आर्य ने की।
गांव में आयोजित दो दिवसीय शिविर में आचार्य महेश ने बताया कि हमारे राष्ट्र की रक्षा केवल आर्य निर्माण से ही हो सकती है।
कार्यक्रम में आचार्य चरण सिंह ने बताया की ईश्वर को अष्टांग योग विधि से पाया जा सकता है। उन्होंने उपासना का वर्णन करते हुए बताया की मनुष्य ईश्वर को उपासना के माध्यम से पा सकता है। उन्होंने उपासना विधि यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान एवं समाधि के बारे में विस्तारपूर्वक वर्णन किया। शिविर में युवाओं को नशा छोडऩे के लिए प्रेरित किया गया।
उन्होंने कहा कि नशा युवाओं को खोखला कर रहा है। नशा से शरीर का तो नुकसान होता ही है, घर भी उजड़ जाता है। जिस देश के युवा नशे की लत में पड़ जाते हैं उस देश का सर्वनाश हो जाता है।
युवाओं को शिविर में जनेऊ में तीन धागों के महत्व के बारे में विस्तार बताया। शिविर में आर्य समाज पलवल के प्रधान राजपाल दहिया, भूपेन्द्र आर्य भिवानी, राष्ट्रीय आर्य निर्मात्री सभा के जिला अध्यक्ष विकास आर्य, गजेन्द्र आर्य, राष्ट्रीय आर्य क्षत्रिय सभा पलवल के जिलाध्यक्ष गजराज आर्य, रोहताश आर्य, मुखाराम आर्य, महेंद्र आर्य, योगेश आर्य, राकेश आर्य व लोकेश आर्य व युवाओं ने उपस्थित होकर व्यवस्था में अपना विशेष योगदान दिया।
Post A Comment:
0 comments: