चंडीगढ़, 9 अगस्त: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाले राज्य के 13 जिलों में नई ‘एनसीआर टैक्सी स्कीम 2016’ लागू करने के राज्य परिवहन विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। एक सरकारी प्रवक्ता ने आज यहां जानकारी देते हुए बताया कि यह स्कीम जिला गुडग़ांव, फरीदाबाद, झज्जर, रोहतक, भिवानी, सोनीपत, पानीपत, करनाल, मेवात,पलवल, रेवाड़ी, जींद और महेन्द्रगढ़ में लागू होगी।
उन्होंने बताया कि यह स्कीम रेडियो कैब स्कीम 2006 का स्थान लेगी और संचालन के लिए मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 74 एवं 76 के तहत लाइसेंस प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि लाइसेंस व्यक्तियों या फर्म या सोसायटी या कम्पनी को प्रदान किए जाएंगे जिनमें फर्मों एवं सोसायटियों के मामले में हरियाणा सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 2012 और कम्पनी के मामले में कम्पनी अधिनियम, 2013 के तहत सार्वजनिक परिवहन सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए पंजीकृत आईटी आधारित एग्रीगेटर भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि लाइसेंस धारक टैक्सी सेवा आप्रेटर होगा तथा मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत बनाए गए नियमों और समय-समय पर संशोधित आईटी अधिनियम, 2000 एवं उसके तहत बनाए गए नियमों सहित सभी लागू प्रासंगिक विधानों का पालन करेगा।
उन्होंने बताया कि व्यक्तिगत श्रेणी के मामलों में लाइसेंस धारक वाहन के लिए पर्याप्त पार्किंग सुविधा और वाहन का जीपीएस या जीपीआरएस डिवाइस से लैस होना भी सुनिश्चित करेगा। लाइसेंस धारक समूह श्रेणी लाइसेंस धारकों के साथ समझौता करके वैध लाइसेंस प्राप्त समूह श्रेणी लाइसेंस धारकों के साथ भी अपने वाहन को जोड़ सकता है। यदि व्यक्तिगत लाइसेंस धारक अपना वाहन समूह श्रेणी लाइसेंस धारक को देता है तो उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि किराए पर देते समय टैक्सी में लगा जीपीएस या जीपीआरएस डिवाइस लाइसेंस धारक के नियंत्रण कक्ष से जुड़ा हो।
प्रवक्ता ने बताया कि समूह श्रेणी के मामले में लाइसेंस धारक को सभी टैक्सियों के लिए पर्याप्त पार्किंग स्थल उपलब्ध होना और हरियाणा में उसका पंजीकृत कार्यालय होना चाहिए और आवेदन करते समय उसे कार्यालय प्रभारी के दूरभाष नम्बर, ई-मेल आईडी तथा अन्य जानकारियों सहित अपने कार्यालय की विस्तृत जानकारी परिवहन विभाग को उपलब्ध करवानी होगी। वह कॉल सैन्टर स्थापित कर सकता है या प्राधिकृत कॉल सेन्टर या वैबपोर्टल या एप के माध्यम से एक एग्रगेटर के तौर संचालन कर सकता है लेकिन इसकी जानकारी विभाग को उपलब्ध करवानी होगी। उसे अपनी स्वयं की या व्यक्तिगत टैक्सी परमिट धारकों के साथ समझौता करके कम से कम पांच टेक्सियों का बेड़ा स्थापित करना होगा। व्यक्तिगत लाइसेंस धारकों के अलावा अन्य लाइसेंस धारकों को एक वैबपोर्टल स्थापित करना होगा जिस पर उसकी मलकियत, पंजीकृत पता, प्रदान की जा रही सेवाओं, किराए, बीमा दायित्व, नियंत्रण कक्ष का नम्बर तथा विधिवत नियुक्त शिकायत निवारण अधिकारी का नाम और सम्पर्क विवरण उपलब्ध करवाने होंगे।
लाइसेंस धारक कार्यस्थल पर महिला यौन उत्पीडऩ (रोकथाम, निषेध एवं निवारण) अधिनियम, 2013 के अनुसार महिला कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक नियत तंत्र सुनिश्चित करेगा। इसके अतिरिक्त, टैक्सी के बाहर और भीतर महिला हैल्प लाइन नम्बर 1091 और पुलिस हैल्प लाइन नम्बर 1073 प्रमुखता से प्रदर्शित किए जाएंगे। टैक्सी में काले शीशे या पर्दे या फिल्म नहीं लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि लाइसेंस धारक टैक्सी में पेनिक बटन की सुविधा सुनिश्चित करेगा ताकि किसी भी संकट के समय लाइसेंस धारक के नियंत्रण कक्ष में और वहां से निकटतम पुलिस थाने या पुलिस नियंत्रण कक्ष में एक सिग्नल पहुंच सके और दुर्घटना के मामले में सहायता प्राप्त करने के लिए टैक्सी में हुटर भी लगाएगा। लाइसेंस धारक द्वारा ग्राहकों की प्रतिक्रिया एवं शिकायतें प्राप्त करने की व्यवस्था भी की जाएगी।
लाइसेंस धारक यह भी सुनिश्चित करेगा कि प्रत्येक टैक्सी एक मोटर कैब हो, जिसके पास परिवहन विभाग द्वारा जारी वैध फिटनेस प्रमाणपत्र हो, वह सीएनजी या एलपीजी या बैटरी चालित हो तथा उसके ईंजन की क्षमता 600 सीसी या इससे अधिक हो और चालक के अलावा उसमें छ: लोगों के बैठने की क्षमता हो। ओपन या नॉन हार्ड टॉप वाले वाहनों का उपयोग टैक्सी के रूप में करने की अनुमति नहीं होगी।
टैक्सी परिवहन विभाग द्वारा समय-समय पर निर्धारित उत्सर्जन मानकों को पूरा करती हो। प्रत्येक टैक्सी अच्छी तरह कार्य कर रहे तापमान नियंत्रण डिवाइस से लैस हो और उसके आगे के पैनल पर इलैक्ट्रॉनिक डिजिटल फेयर मीटर लगा होगा चाहिए। टैक्सी का भारत में लागू कानूनों के तहत वाणिज्यिक रूप से बीमा किया गया हो। प्रत्येक टैक्सी के पास राज्य परिवहन प्राधिकारी द्वारा जारी वैध अनुबंध कैरिज परमिट होना चाहिए।
टैक्सी का रंग सफेद होगा और उसके दोनों ओर नीले रंग की पट्टी बनी होगी, जिस पर लाइसेंस धारक का नाम प्रदर्शित होगा। टैक्सी की छत पर आगे और पीछे से दिखने वाला एक एलईडी डिस्पले पैनल भी लगाया जाना चाहिए। टैक्सी को राज्य परिवहन प्राधिकरण द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार विज्ञापन लिखवाने की अनुमति होगी और वह मोबाइल रेडियो वैब या एप्लीकेशन से भी लैस होगी। टैक्सी में फस्र्ट एड बॉक्स होना चाहिए। आठ वर्ष पूरे होने के उपरांत टैक्सी को नई टैक्सी के साथ या वर्तमान टैक्सी का रूपांतरण करके बदला जाएगा। टैक्सी में चालक की फोटो, लाइसेंस नम्बर, पीएसवी बैंज नम्बर और वाहन का पंजीकरण चिह्नï प्रमुखता से प्रदर्शित किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि चालकों की कार्यावधि मोटर परिवहन वर्कर अधिनियम, 1961 के अनुसार सीमित होगी। लाइसेंस धारक दूरभाष कॉल, मोबाइल या वैब आधारित एप्लीकेशन के माध्यम से या सडक़ पर बुलाकर यात्रियों को टैक्सी में बिठा सकता है। लाइसेंस धारक द्वारा डैड माइलैज के लिए शुल्क नहीं लिया जाएगा लेकिन यात्री के टैक्सी में बैठने के बिंदु से किराया लेगा। गु्रप लाइसेंस धारक चौबीसों घंटे टैक्सी सेवा उपलब्ध करवा सकते हैं।
प्रत्येक यात्रा की समाप्ति पर एक बिल तैयार करके यात्री को सौंपा जाएगा। चालक के पास वैध वाणिज्यिक या परिवहन ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए तथा कम से कम मिडल स्कूल पास या समकक्ष हो। उसके पास परिवहन विभाग द्वारा जारी वैध पब्लिक सर्विस व्हीकल बैच होना चाहिए। डयूटी के समय चालक को विभाग या कम्पनी द्वारा अनुमोदित वर्दी पहननी होगी।
उन्होंने बताया कि ग्रुप श्रेणी लाइसेंस के लिए आवेदन के साथ परिवहन आयुक्त, हरियाणा के पक्ष में और चंडीगढ़ में देय डिमांड ड्राफ्ट के रूप में 25,000 रुपये की प्रोसेसिंग फीस देनी होगी। व्यक्तिगत लाइसेंस के मामले में प्रोसेसिंग फीस के तौर पर 5,000 रुपये नकद या डिमांड ड्राफ्ट के रूप में जमा कराने होंगे। आवेदन संबंधित सचिव, क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण को प्रेषित करने होंगे। आवेदनों की जांच के उपरांत और पात्र पाए जाने पर गु्रप श्रेणी के लिए 15 लाख रुपये की बैंक गारंटी देने पर पांच वर्ष की अवधि के लिए लाइसेंस प्रदान किया जाएगा और वह लाइसेंस साढ़े पांच वर्ष के लिए वैध होगा। व्यक्तिगत लाइसेंस धारक के मामले में बैंक गारंटी की आवश्यकता नहीं होगी। लाइसेंस का एक बार में अगले पांच वर्ष के लिए नवीनीकरण किया जाएगा।
लाइसेंस धारक परिवहन विभाग द्वारा समय-समय पर निर्धारित किया जाने वाला किराया ही वसूल करेगा और किराए का विवरण टैक्सी के भीतर प्रदर्शित करना होगा। वह विभाग द्वारा अनुमोदित प्रतीक्षा शुल्क, फ्लैग डाउन चार्जिज़ एवं रात्रि शुल्क वसूल कर सकता है। गु्रप श्रेणी के मामले में लाइसेंस प्राप्त करने के समय उनके पास कम से कम पांच टैक्सियां और अधिकतम 250 टैक्सियां प्रति लाइसेंस होनी चाहिए।
योजना के तहत न्यायालय के माध्यम से किसी विवाद के निपटान के लिए अधिकार क्षेत्र चण्डीगढ़ में होगा। विभाग के पास जनहित में किसी भी नियम या शर्त या समस्त नियमों एवं शर्तों को बदलने का अधिकार होगा।
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