फरीदाबाद, 13 अगस्त। लोगों ने इस उम्मीद के साथ हरियाणा में बीजेपी की सरकार बनायी थी कि कांग्रेस सरकार के समय भ्रष्टाचार में डूबे बिजली अधिकारियों को बीजेपी सुधार देगी, फरीदाबाद की जनता ने मोदी के नाम पर इसलिए बीजेपी विधायकों को वोट दिया था कि ये लोग जिले में भ्रष्टाचार नहीं होने देंगे लेकिन लोगों की उम्मीदों को धोखा पहुंचा और बीजेपी सरकार में भी भ्रष्ट अधिकारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं, इस वजह से एक गरीब परिवार फरीदाबाद ओल्ड से विधायक और राज्य में कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल के ऑफिस के बाहर सपरिवार धरने पर बैठ गया है।
फरीदाबाद के बीजेपी नेता लाख सुशासन के दावे करें लेकिन शहर की जनता भ्रष्टाचार से तंग हो चुकी है, सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार बिजली विभाग में हैं, बिजली अधिकारीयों की खाने की आदत जाने का नाम ही नहीं ले रही है, बिजली अधिकारीयों की घूसखोरी से तंग आकर मधु नाम की एक महिला अपने पूरे परिवार के साथ कैबिनेट मनिस्टर विपुल गोयल के कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गई हैं। पीडित महिला का आरोप है बिजली अधिकारियों ने उसके परिवार को बिजली चोरी के झूठा केस में फंसाकर वापस निकालने के लिए मोटी रिश्वत मांग रहे हैं।
सेक्टर 16 स्थित हरियाणा सरकार में उद्योग मंत्री विपुल गोयल के कार्यालय के बाहर समयपुर कालोनी की रहने वाली मधू अपने पूरे परिवार के साथ धरने पर बैठ गई हैं। पीडित परिवार में एक आटो चलाता है दूसरा फैब्रीकेटर का काम कर अपने परिवार का गुजर बसर करते हैं। उक्त पीडित परिवार बिजली विभाग एवं प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर काट काटकर परेशान हो गया लेकिन जब कहीं भी सुनवाई नही हुई तो ये परिवार मंत्री के कार्यालय के बाहर धरना देने के लिए मजबूर हुआ है।
पीडित महिला मधु एवं उसके परिवार का कहना है कि बिजली विभाग के जेई प्रेम, जेई सुनील, हरीश कुक्कू एएलएम ने उनपर झूठा बिजली चोरी का मामला दर्ज कर उन्हें उत्पीडित कर रहे हैं। पीडित परिवार मुख्यमंत्री मनोहर लाल एवं उद्योगमंत्री विपुल गोयल से गुहार लगा रहा है कि उनके साथ न्याय किया जाए। भ्रष्टाचारी बिजली विभाग के अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। जश्रे आजादी के 70 वें साल पर भी यदि पीडित परिवार को न्याय नही मिलता तो किस बात की देश व प्रदेश में सरकारें हैं और किस तरह चल रही हैं यह एक बडा प्रश्न है।
यहाँ पर ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर पीढ़ियों से सच में बिजली चोरी की है तो बिजली अधिकारियों को फोटो खींचकर उन्हें तुरंत ही पुलिस के हवाले करना था, लेकिन शिकायत के अनुसार वे पीड़ितों से रिश्वत मांगने लगे, बिजली चोरी अपराध है लेकिन चोरों को बचाना या छुपाने के लिए रिश्वत माँगना उससे भी बड़ा अपराध है।
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