Faridabad, 5 August: फरीदाबाद सूरजकुन्ड स्थित होटल राजहंस में आयोजित भारतीय जनता पार्टी प्रदेश पदाधिकारी प्रशिक्षण शिविर के दौरान आज प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला की उपस्थिति में राष्ट्रीय महामन्त्री व हरियाणा प्रभारी डॉ अनिल जैन, हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष कंवरपाल गुर्जर व अशोक ठाकुर, निदेशक (नामित-नफैड) ने भाजपा प्रदेश पदाधिकारियों को अलग-अलग विषयों पर प्रशिक्षण दिया।
प्रशिक्षण सत्र के दौरान डॉ अनिल जैन ने देश के समक्ष चुनौतियों पर प्रदेश कार्यसमिति सदस्यों से संवाद किया और इन चुनौतियों पर उनसे प्रश्न लेने के बाद उनके विस्तार सहित उत्तर दिये। जिसमें डॉ अनिल जैन ने कहा कि देश के साथ नीति आधारित केवल एक चुनौती नहीं थी। देश में बाहरी चुनौतियों के साथ-साथ आन्तरिक चुनौतियों की भी भरमार थी। और अगर नेतृत्व दूरदर्शी व मजबूत न हो तो चुनौतियां बढ़ती ही चली जाती है। किन्तु देश ने जागरुक होकर एक मजबूत नेतृत्व का चुनाव माननीय प्रधानमन्त्री नरेन्द्र भाई मोदी के रूप में किया और उन्होने भी जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप चुनौतियों को अपना प्रोफाईल बनाया और दिखाया कि कैसे दुनिया को भारत के सामने झुकाया जा सकता है, चाहे वह चुनौती रक्षा के क्षेत्र में हो, आर्थिक क्षेत्र में, विदेशी क्षेत्र में, रोजगार क्षेत्र, चिकित्सा/शिक्षा का क्षेत्र हो माननीय प्रधानमन्त्री जी ने हर चुनौती से जुझते हुए देश को आगे ले जाने का कार्य किया।
इसी सत्र में अशोक ठाकुर ने कार्यसमिति सदस्यों को सहकारिता के महत्व की जानकारी दी। अपने सम्बोधन में उन्होने बताया कि हरियाणा में लगभग 40000 पंजीकृत सहकारी समितियां है, जिसमें चार लाख लोग सदस्य के रूप में जुड़े हुए है। लेकिन अदूरदर्शी नेतृत्व के चलते हरियाणा कभी भी अपने संसाधनों का पूर्ण उपयोग नहीं कर पाया। जैसे कि हरियाणा के पास बड़ा बाजार व पशुओं का चारा होने के बावजूद दुग्ध उत्पादन में उन प्रदेशों से बहुत पीछे रहा, जिनके पास न तो चारा था व ना ही बाजार। सहकारिता समितियों के कम प्रभाव के चलते ही इस प्रदेश की यह दुर्दशा रही। जिसे पूरे संगठन को मिलकर मजबूत बनाते हुए हरियाणा के संसाधनों व बाजार का उपयुक्त उपयोग किया जा सके।
सत्र में हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष कंवरपाल जी ने भारतीय जनता पार्टी का इतिहास व आजादी के बाद से देश में राजनैतिक परिवर्तनों पर विस्तार से व्याख्यान दिया।प्रशिक्षण शिविर में अभी तीन सत्र और चलेगें। जिसमें सामाजिक समरसता पर श्री हृदयनाथ सिंह जी, विदेश नीति पर श्री भूपेन्द्र यादव, सत्ता व संगठन में समन्वय पर प्रभात झा जी अपने विचार रखेगें।
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