फरीदाबाद 9 अगस्त। पक्का करने और छंटनी बंद करने की मांग को लेकर आशा वर्करों ने फरीदाबाद के सिविल अस्पताल परिसर में धरना- प्रदर्शन किया। आशा वर्करों ने बताया कि अभी उनका दो दिवसीय सांकेतिक धरना-प्रदर्शन है, अगर सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो यह अनिश्चितकालिन भी हो सकता है।
बड़ी संख्या में सरकार के खिलाफ नारे लगा रही ये वहीं आशा वर्कर है, जिन्हे गांवों में आशा बहनजी के नाम से जाना जाता है। लेकिन अपनी नौकरी खतरे में देख और मानदेय के नाम पर अधिक न मिलने से नाराज ये आशा वर्कर आज स्वंय धरना-प्रदर्शन करने पर मजबूर है।
इनकी मांग है कि उन्हे भी दूसरे कर्मचारियों की तरह नियमित किया जाएं और छंटनी बंद की जाएं। सातवे वेतन आयोग के तर्ज पर उनका मानदेय भी दो गुणा किया जाएं। अभी सरकार की ओर से उन्हे जो मानदेय मिलता है, उसमें गुजारा चलाना भी मुश्किल है। एनआरएचएम के तहत काम करने के कारण उनकी नौकरी पर सदैव छंटनी की तलवार लटकी रहती है। जबकि वे दूसरे कर्मचारियों से अधिक काम करती है। उन्होने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो यह धरना-प्रदर्शन अनिश्चितकालिन भी हो सकता है।
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