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दहेज की लालच में टूटा रिश्ता, बल्लभगढ़ में महिला ने पति, सास-ससुर, देवर और ननद पर लगाए गंभीर आरोप

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नारी सशक्तिकरण की बात करने वाले समाज में आज भी दहेज की मांग, घरेलू हिंसा और मानसिक प्रताड़ना जैसे मामले महिलाओं की जिंदगी को नर्क बना रहे हैं। ऐसा ही एक मामला बल्लभगढ़ की रहने वाली मंजू के साथ घटित हुआ है, जिन्होंने अपने पति विष्णु और ससुराल पक्ष के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए पुलिस और प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।

बल्लभगढ़ के नाहर सिंह कॉलोनी में रहने वाली शिकायतकर्ता मंजू ने बताया कि उनकी शादी 24 नवम्बर 2023 को दिल्ली के यमुना विहार स्थित एक बैंक्वेट हॉल में हिन्दू रीति रिवाजों से सम्पन्न हुई थी। विवाह एक मैट्रिमोनियल साइट के माध्यम से तय हुआ था और शुरुआत में किसी भी प्रकार की दहेज की मांग नहीं की गई थी। लेकिन शादी की तारीख नजदीक आने पर ससुराल पक्ष की ओर से नगदी, सोने के आभूषण और अन्य सामान की मांग की जाने लगी।

मंजू के अनुसार, उनके घरवालों ने सामाजिक दबाव और रिश्तेदारों की उपस्थिति को देखते हुए मांगें पूरी कीं, लेकिन इसके बावजूद शादी के कुछ ही दिनों बाद उनका उत्पीड़न शुरू हो गया। छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा, मानसिक रूप से बीमार कहकर अपमानित करना, मकर संक्रांति पर जबरदस्ती उपहारों की मांग और फिर न देने पर मारपीट तक की नौबत आ गई।

25 जनवरी 2024 को बहाने से उन्हें मायके भेज दिया गया और वादा किया गया कि कुछ दिनों में ससुराल ले जाया जाएगा। लेकिन इसके बाद ससुराल पक्ष की ओर से कोई संपर्क नहीं किया गया। जब मञ्जू ने खुद 12 मई को अपने पिता के साथ ससुराल वापस आने की कोशिश की, तो वहां से उन्हें गाली-गलौच और मारपीट कर निकालने की कोशिश की गई।

उन्होंने बताया कि 2 जून 2024 को जब उनके मामा और भाई खाने-पीने का सामान देने आए, तो उनके पति विष्णु और ममिया ससुर अशोक ने उनके भाई के साथ मारपीट की, जिससे उनका कान का पर्दा फट गया। यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद है, लेकिन पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।

मंजू ने बताया कि उन्होंने राष्ट्रीय महिला आयोग, स्थानीय थाना, और एसीपी कार्यालय तक शिकायत की, लेकिन पुलिस की लापरवाही और ससुराल पक्ष की मिलीभगत के चलते आज तक कोई उचित कार्यवाही नहीं हुई। उल्टा, उनके खिलाफ झूठी शिकायतें दर्ज कर दी गईं।

मंजू का आरोप है कि उन्हें जानबूझकर मानसिक और सामाजिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है, ताकि वह खुद ही ससुराल छोड़कर चली जाएं। उनके दहेज का सामान, जैसे कि टीवी, फ्रिज, आभूषण और नगदी, ससुरालवालों के पास है, जिसका वह उपयोग तक नहीं कर सकतीं।

वर्तमान में,मंजू अकेले एक कमरे में किरायेदारों के बीच रह रही हैं, जबकि उनके पति विष्णु नीचे अपने माता-पिता के साथ रहते हैं। घर में जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनसे उनकी निजता में भी हस्तक्षेप किया जा रहा है।

मंजू ने पुलिस आयुक्त से अपील की है कि उनके ससुराल पक्ष, सास, ससुर, देवर, ननद और पति, के खिलाफ दहेज प्रताड़ना, घरेलू हिंसा और मारपीट के तहत सख्त कानूनी कार्यवाही की जाए। साथ ही, उनकी जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और उन्हें उनके दहेज का सारा सामान वापस दिलवाया जाए।

शिकायतकर्ता मंजू का कहना है कि वह अपने पति के साथ शांतिपूर्वक रहना चाहती हैं, लेकिन ससुरालवालों की प्रताड़ना और पुलिस की निष्क्रियता ने उनकी जिंदगी को पूरी तरह से दुखद बना दिया है। पुलिस ने इस शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ आईसीसी की धारा 323, 34, 406, 498-A, 506 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है. 

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