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बुंदू खान को किडनैप कर रातभर बदमाशों से पिटवाने वाले पप्पू कुरैशी समेत 3 पर मुकदमा दर्ज

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पल्ला के रहने वाले बुंदू खान नामक स्क्रैप कारोबारी को किडनैप करके रातभर पिटवाने वाले पप्पू कुरैशी, फज्जू कुरैशी और शमी अहमद के खिलाफ डबुआ थाने में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है, इन तीनों आरोपियों पर आईपीसी की धारा 147, 149, 323, 365 और 506 लगी है. आपको बता दें कि जेजेपी नेता पप्पू कुरैशी डबुआ में रहता है और खुद को समाजसेवी कहता है लेकिन अब इसकी असली करतूत सामने आ गई है. 

पुलिस को दी अपनी शिकायत में बुंदू खान ने लिखा, मैं बुन्दू खान पुत्र स्माईल खान दिनांक - 12-01-2024 को फज्जू पहलवान निवासी निवासी - सेहतपुर फरीदाबाद डबुआ जोकि कबाड़े को खरीदने व बेचने का काम करता है कमीशन पर। मैं भी कबाड़े को खरीदने व बेचने का कमीशन पर काम करता हूं। दिनांक: 12-01-2024 को शाम 5 बजे फज्जू कुरेशी का फोन मेरे पास आया। ई-रिक्शा के स्पेयर पार्टस दिलवा दो खरीददार पार्टी मेरे पास पैसे लेकर बैठी है और आप अभी आ जाओ मैंने कहा नहीं मैं घर जा रहा हूं। वो कहने लगा नहीं आप डबुआ मण्डी आ जाओ, मैं ओल्ड चौक से ऑटो पकड़कर डबुआ मण्डी पहुंचा। वहां जाकर मैने देखा 2 शख्स बैठें हैं, वो मुझसे बोले क्या तुम मुझे जानते हो, मैने कहा मैं आपको नहीं जानता, उनमें से एक शख्स बोला, मैं पप्पू कुरेशी हूं। इतनी देर में उन्होने मुझे सिगरेट पीने के लिए बोला। 

मैने कहा मैं सिगरेट नहीं मैं बीड़ी पीता हूं। उसी दौरान 2 गाड़ी स्कोरपियो रंग सफेद वहां आयी और उसमें से 10 से 15 लोग उतरे और मेरे पास आकर कहने लगे बुन्दू खान कौन है, मैने कहा मैं बुन्दू खान हूं। उन्होने मुझे पकड़कर गाड़ी में पटक दिया, उसके बाद मुझे गाड़ी में लात-घूसे से पीटा और मुझसे माँ और बहन की गाली-ग्लोच की, मैने कहा मेरा कसूर क्या है? वो वहां से गाड़ी को बीपीटीपी के जंगल की तरफ ले गये। वहां 2 कमरे बने हुए थे, मुझे वहां जाकर मेरे सारे कपड़े उतरवा दिये और मुझको बहुत मारा उसके बाद मुझसे कहने लगे कि आज तेरी जिन्दगी का आखिरी दिन है, इसके बाद दूसरे कमरे में 5 से 6 गाय बंधी हुई थी और वो कहने लगे गाय कांटने के इल्जाम में जेल में मिजवा दो, इतने में एक शख्स ने रिवॉल्वर निकाली और मेरे सिर पर रख दी और कहने लगा, आज तेरी जिन्दगी खत्म, उसके बाद उनके पास एक फोन आता है और फिर मुझे गाड़ी में दोबारा डालकर ओल्ड बड़खल चौक के पास पैट्रोल पम्प पर किसी का इंतजार करते रहे। फिर उसके बाद मुझे ओखला सब्जी मण्डी दिल्ली ले जाया गया, वहां गाड़ी खराब हो गयी और मुझे गाड़ी में से उतारा और कहने लगे अगर शोर मचाया तो यहीं जान से मार देंगे फिर उसके बाद एक बेसमेन्ट में ताला खुलवाकर मुझे उसमें धक्का देकर जमीन पर पटक दिया और वहां ले जाकर मुझसे कहने लगे कि हम 2 शख्स पुलिस वाले हैं और इसके बाद मेरे सारे कपड़े उतरवाकर मुझसे कहने लगे कि इसके गुप्तांग में पैट्रोल डाल देते हैं इतने में एक शख्स ने पिस्टल निकालकर मेरे सिर पर दे मारी और मुझे लात-घूंसों से फिर मारा और इसके बाद मेरी गर्दन को एक शख्स ने टांगो के बीच पर दबाकर मेरी पीठ पर कोहनी से वार किये। 

उसके बाद मेरे साथ गाली ग्लोच, माँ-बहन की गाली दी और मुझे लगातार दी जा रही थी वहां मौके पर फज्जू पहलवान और पप्पू कुरेशी और इनके साथ शम्मी पहलवान भी मौजूद थे, मैं पप्पू कुरेशी और फज्जू कुरेशी के सामने गिड़गिडाने लगा कि मुझे छोड़ दो लेकिन जैसे ही ये शब्द बोलता मेरे गाल पर थप्पड़, लात-घूंसे मारते, इन 3 लोगों के साथ करीब 15-16 लोग और थे। मैं वहां गिडगिड़ाता रहा लेकिन मेरी एक ना सुनी मेरी पत्नी फोन करती तो कहते कि उसको बोल दे तू गुडगांव सैक्टर-14 है तू कल आयेगा और मेरा फोन छिन लिया, मेरे फोन पे कोई भी फोन आता तो मुझे मारते, फिर फोन म्यूट करवाकर फिर मारते उसके बाद मारते और मेरे बेटे ने फज्जू पहलवान से फोन पर बात की कि मेरे पापा कहां हैं, उन्होने कहा कि मेरी आज उनसे कोई बात नहीं हुई। फज्जू पहलवान का नंबर एक शख्स अनसार कुरेशी से लिया और वो कहने लगा मेरी बुन्दू खान से कोई बात नहीं हुई। 

उसके बाद पप्पू कुरेशी और उनके साथी मेरे कोरे कागज पर हस्ताक्षर और अंगूठे के निशान लिए और कहने लगे कि तू फरीदाबाद में किसको जानता है। मैंने कहा मेरे बड़े भाई के दामाद कि 5 नंबर एनआईटी में चिकन की दुकान है जिसका नाम उमरदीन है जिसके बाद उन्होने उमरदीन से बात की और उमरदीन कहने लगा ये मेरे चाचा ससुर हैं। पप्पू कुरेशी बोला कि आप तो रिश्तेदार निकल आये अब इसको मत मारो जाने दो इतने में 2 शख्स मुझे फिर मारने लगे और वहां से मुझे पकड़कर बाहर ले आये और बोला कि अगर तूने कम्पलैंड की तो तुझे और तेरे पूरे परिवार को जान से मार दूंगा, मैंने कहा कि मैं अब सीधा घर जा रहा हूँ उसके बाद मैं सीधा ऑटो पकडकर बॉर्डर आया बॉर्डर आने के बाद मेरा बेटा मुझे वहां खड़ा मिला और मैं सराये में अपने दोस्त के घर गया और वहां से डायल 112 करके पुलिस की मदद ली उसके बाद सैक्टर-37 की पुलिस को भी मौके पर बुलाया और उन्होने मुझे पूरा आश्वासन देकर मुझे गाड़ी में बिठाकर डबुआ थाने में तैनात पुलिसकर्मी ने मेरी बात नहीं सुनी और मुझसे कहने लगा सुबह आना जब एसएचओ साहब आ जाये जिसके बाद हमने आज दिनांक-13-01-2024 सीपी ऑफिस में कम्पलेन्ड दी और सीपी साहब से मिले इस दौरान सीपी साहब ने हमें बहुत ही अच्छे से शांति पूर्वक हमारी बात सुनी और न्याय का भरोसा दिया और जिसके बाद हम वहां से डबुआ थाने में पहुंचे और अपनी कम्पलेन्ड़ दी। 

बुंदू खान ने पुलिस से मांग की है कि आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाये। उन्होंने कहा, मुझे और मेरे परिवार को पूरा जान का खतरा है। अतः हम चाहते हैं कि पुलिस इसमें हमारा पूरा सहयोग करे और हमें इन्साफ मिले। 

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Faridabad News

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