फरीदाबाद, 12 दिसंबर: असली किसान सिर्फ किसानी करता है, कभी फसलों का दाम ज्यादा मिलता है, कभी कम मिलता है, कभी मुनाफा होता है और कभी घाटा होता है, देशवासियों का पेट भरकर किसान खुश होता है, किसान के पास पैसे भले ही नहीं होते लेकिन उनका दिल बहुत बड़ा होता है.
सर्दी का मौसम आ गया है, किसानों ने ताजा ताजा सब्जियां उगाकर मंडियों और बाजारों में बेचना शुरू कर दिया है, किसानों द्वारा उगाई गयी सब्जियों से देशवासियों का पेट भर रहा है. सब्जी मंडी में आलू, गोभी, टमाटर, पालक, मटर, प्याज सब कुछ सस्ता मिलने लगा है.
आज कुछ लोगों ने सवाल उठाया, लोगों ने कहा जब किसान ताजी ताजी सब्जियां उगाकर मंडियों में भेज रहे हैं तो दिल्ली की सड़कों पर बैठकर धरना कौन लोग दे रहे हैं, अगर किसान धरना दे रहे हैं तो सब्जियां कौन उगा रहा है और सब्जियां इतनी सस्ती क्यों हैं, सब्जियां इतनी सस्ती इसलिए हैं क्योंकि सब्जियों की पैदावार बहुत अधिक हुई है, यह पैदावार किसानों ने ही की है, अब सवाल यही उठता है कि आखिर धरने पर कौन लोग बैठे हैं और इनके लिए काजू-बादाम का लंगर, पिज्जा का लंगर कौन चला रहा है.
आप लोग हमसे इस सवाल का जवाब चाहते होंगे लेकिन अभी हम यह सवाल आपके विवेक पर छोड़ते हैं. जल्द ही इस बात का खुलासा हो जाएगा कि धरने पर कौन लोग बैठे हैं और इनकी मंशा क्या है. फिलहाल धरनेवालों की पहचान आप लोग खुद कीजिये।
किसानों की जय हो, खूब पैदा की हैं हरी सब्जियां
हरी सब्जियां काफी सस्ती हैं, मटर भी 25 रुपये प्रति किलो आ पहुंची है, अच्छी क्वालिटी की गोभी 10 रुपये प्रति किलो है और पुरानी गोभी 10 रुपये में डेढ़ किलो मिल रही है.
अगर टमाटर की बात करें तो 30 रुपये प्रति किलो है, प्याज भी 30 रुपये प्रति किलो है, आलू 25 रुपये प्रति किलो है और इसके दामों में और नरमी आएगी।
इसके अलावा पालक, धनियां, मेथी, सोया सब कुछ बहुत सस्ता है, हरी मिर्च, अदरक भी काफी सस्ता है. लहसुन थोड़ा मंहगा है लेकिन कुछ दिनों बाद लहसुन भी सस्ता हो जाएगा।
मशरूम कुछ दिनों पहले 50 रुपये का एक पैकेट मिल रहा था लेकिन अब 20-30 रुपये पैकेट है, ज्यादा मात्रा में लेने पर और सस्ता मिल जाता है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मंडी से बाहर हो सकता है आपको सब्जियां थोड़ी मंहगी मिलें लेकिन हमने आपको डबुआ सब्जी मंडी के अंदर का रेट बताया है. यह सभी रेट आज के हैं.
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