फरीदाबाद, 2 मई: NIT 2 के रहने वाले कोरोना पॉजिटिव ऑटो ड्राइवर के परिवार की मदद हुई है और भोजन पानी की दिक्कत दूर हो गयी है, कल मरीज के परिवार से बातचीत में परिवार ने अपना दुखड़ा सुनाया था, राशन पानी और दूध की काफी दिक्कत थी जिसकी सूचना हमने प्रशासन तक पहुंचाई और आज परिवार की मदद हो गयी.
ऑटो ड्राइवर के परिवार में करीब 20 सदस्य है जो आसपास के 4 मकानों में रहते हैं, इन्हें दूध और पानी की सबसे अधिक प्रॉब्लम थी, ये लोग कम से कम 25 दिनों तक क्वारंटाइन रखे गए हैं इसलिए बाहर निकलकर पानी और दूध नहीं ला सकते थे, आज सुबह ऑटो ड्राइवर की पत्नी ने बताया कि उनके घर पर पीने का पानी भी नहीं है, कूड़ा भी कोई नहीं उठा रहा है, चाय के लिए दूध नहीं है, खैर अब प्रशासन ने परिवार की काफी मदद की है.
यह भी जानकारी मिली है कि ऑटो ड्राइवर, उसकी पत्नी और बच्चे एक टैक्सी के जरिये मथुरा से आये थे, अब टैक्सी ड्राइवर जो NIT-2 में ही रहता है, उसका भी कोरोना टेस्ट होगा। ऑटो ड्राइवर की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है लेकिन परिवार के अन्य सदस्यों की रिपोर्ट निगेटिव आयी है जो राहत की बात है.
ऑटो ड्राइवर के परिवार में करीब 20 सदस्य है जो आसपास के 4 मकानों में रहते हैं, इन्हें दूध और पानी की सबसे अधिक प्रॉब्लम थी, ये लोग कम से कम 25 दिनों तक क्वारंटाइन रखे गए हैं इसलिए बाहर निकलकर पानी और दूध नहीं ला सकते थे, आज सुबह ऑटो ड्राइवर की पत्नी ने बताया कि उनके घर पर पीने का पानी भी नहीं है, कूड़ा भी कोई नहीं उठा रहा है, चाय के लिए दूध नहीं है, खैर अब प्रशासन ने परिवार की काफी मदद की है.
यह भी जानकारी मिली है कि ऑटो ड्राइवर, उसकी पत्नी और बच्चे एक टैक्सी के जरिये मथुरा से आये थे, अब टैक्सी ड्राइवर जो NIT-2 में ही रहता है, उसका भी कोरोना टेस्ट होगा। ऑटो ड्राइवर की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है लेकिन परिवार के अन्य सदस्यों की रिपोर्ट निगेटिव आयी है जो राहत की बात है.
हरीश की पत्नी ने बताया कि हम लोग मथुरा से साथ में ही आये थे, मेरा और बच्चों का भी टेस्ट हुआ था लेकिन हमारा रिजल्ट नार्मल आया है.
पत्नी ने बताया कि हरीश को कोरोना का कोई लक्षण नहीं है, उसे कोई जुखाम, खांसी और बुखार नहीं है.
Asymptomatic मरीजों में नहीं दिखते लक्षण
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कोरोना संक्रमण दो तरह के लोगों को होता है, किसी में संक्रमण में कुछ दिनों बाद जुखाम, खांसी, बुखार और सांस लेने में समस्या पैदा होती है. अन्य लोगों में कोई लक्षण नहीं दिखते जिन्हें वैज्ञानिक भाषण में Asymptomatic कहा जाता है, ऐसे लोगों के अंदर भले ही कोरोना के लक्षण नहीं होते लेकन ये लोग दूसरों में कोरोना संक्रमण फैला सकते हैं. इसलिए दोनों तरह के लोगों का इलाज करके उन्हें ठीक किया जाता है. Asymptomatic लोग आइसोलेशन में रखकर ठीक किये जाते हैं. इसलिए कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट होने पर डरना नहीं चाहिए और डटकर बीमारी का सामना करना चाहिए।
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