नई दिल्ली: मोदी सरकार के स्वास्थय एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण आर्डर जारी करते हुए कई जगहों पर फंसे दूसरे राज्यों के मजदूरों, छात्रों, टूरिस्टों और अन्य परेशान लोगों को उनके होम स्टेट और घर जाने की परमीशन दी है लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें हैं, लोग अपने आप मूवमेंट नहीं कर सकते, एक सिस्टम के जरिये उन्हें उनके घर तक पहुँचाने की व्यवस्था खड़ी की गयी है. नीचे आदेश की कॉपी दी गयी है और शर्तें भी बतायी गयी हैं.
क्या हैं शर्तें?
क्या हैं शर्तें?
- सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इसके लिए एक नोडल अफसर नियुक्त करना पड़ेगा, फंसे हुए लोगों के आदान प्रदान के लिए एक प्रोटोकॉल बनाना पड़ेगा और पहले उनका रजिस्ट्रेशन करना पड़ेगा।
- मान लो कोई ग्रुप एक राज्य से दूसरे राज्य में जाना चाहता है तो इसके लिए दोनों राज्यों को राजी होना पड़ेगा और सिर्फ रोड से आवागमन होगा।
- मूवमेंट करने वाले लोगों का स्क्रीनिंग होगी और सिर्फ बिना कोरोना के लक्षणों वाले लोगों को ही मूवमेंट की अनुमति मिलेगी।
- आवागमन के लिए बसों का इस्तेमाल किया जाएगा, पहले उन्हें सैनिटाइज किया जाएगा और बस के अंदर भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना पड़ेगा। सीटों पर दूर दूर बैठना पड़ेगा।
- अगर एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच में मूवमेंट करते समय बीच में कोई और राज्य पड़ेगा तो उसे मूवमेंट की अनुमति देनी पड़ेगी।
- होम स्टेट पहुँचने पर ऐसे लोग स्थानीय स्वास्थय अधिकारियों द्वारा रिसीव किये जाएंगे, उन्हें होम क्वारंटाइन किया जाएगा, उनका समय समय पर हेल्थ चेकउप किया जाएगा, ऐसे लोगों को फोन में आरोग्य सेतु एप भी इस्टाल करने के लिए कहा जाएगा और उन्हें ट्रैक किया जाएगा।
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