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बदतर है ESI अस्पताल की हालत, ना खुद इलाज की सुविधा, ना रिफर की व्यवस्था, धक्के खिलाते हैं बस


फरीदाबाद: फरीदाबाद NIT स्थित ESI हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज, नाम का तो मेडिकल कॉलेज है लेकिन यहाँ पर ना उचित इलाज की सुविधा है और ना ही रेफर की उचित व्यवस्था है, 8 जून 2019 को सेक्टर 21D, हाउस नंबर 1093 निवासी जय प्रकाश पाण्डेय को ESI अस्पताल में दिन भर दौड़ भाग के बाद शाम को इमरजेंसी में भर्ती कराया गया, उन्हें ट्यूमर और अन्य सम्बंधित बीमारियाँ थी और सुगर 400 के आसपास पहुँच चुका था, उनकी हालत काफी सीरियस थी.

ESI में गंभीर बीमारियों के इलाज की सुविधा ना होने के कारण जय प्रकाश पाण्डेय को इमरजेंसी में बैठे डॉक्टरों ने पार्क हॉस्पिटल रेफर कर दिया लेकिन मरीज के मरिजनों ने पार्क हॉस्पिटल के निगेटिव माहौल की वजह से वहां जाने से इनकार कर दिया.


उसके बाद मरीजों के परिजनों ने पता किया कि कौन कौन से हॉस्पिटल ESI के पैनल में हैं तो नीचे वाली लिस्ट अस्पताल में चिपकी मिली. इस समय पैनल में सिर्फ 6 प्राइवेट अस्पताल हैं - पार्क हॉस्पिटल, मेट्रो हॉस्पिटल, QRG हॉस्पिटल, सर्वोदय हॉस्पिटल, एशियन हॉस्पिटल और फोर्टिस हॉस्पिटल.

लिस्ट में सर्वोदय, एशियन और फोर्टिस पर क्रोस का निशान लगा था, इसलिए मरीज के परिजनों को सिर्फ पार्क और मेट्रो हॉस्पिटल में जाने का आप्शन था, मेट्रो में सिर्फ हार्ट के मरीज भेजे जा सकते हैं इसलिए मरीज के पास सिर्फ पार्क हॉस्पिटल का आप्शन था.

काफी हंगामे के बाद मरीज के परिजनों को बोल दिया गया कि 6 अस्पतालों में किसी में भी रेफर करवा लो, इसके बाद मरीज के परिजनों ने सभी अस्पतालों में फोन करना शुरू किया तो वहां पता चला कि हमारे यहाँ बेड खाली नहीं हैं, कुछ ने कहा कि हमारा बिल नहीं पे किया जा रहा इसलिए हम नहीं लेंगे.


मरीज के परिजन काफी देर तक परेशान रहे, मरीज की तवियत बिगडती जा रही थी, इसके बाद काफी कोशिशों के बाद मरीज को सर्वोदय हॉस्पिटल रेफर करवाया गया लेकिन वहां जाने के बाद सर्वोदय हॉस्पिटल ने नखरे दिखाना शुरू किया और मरीज के परिजनों को बोले - मरीज को लेकर जाओ और पर्ची में ट्यूमर लिखवाकर लाओ, मरीज के परिजनों ने कहा कि इसके लिए मरीज को वापस ESI क्यों लेकर जाएं, आप एडमिट कर, हम पर्ची में लिखवाकर ले आएँगे.

इस मौके पर वरिष्ठ वकील एल एन पाराशर भी मौजूद थे, काफी हंगामे के बाद सर्वोदय ने इलाज शुरू किया. वकील एल एन पाराशर ने कहा कि अस्पताल के मैनेजमेंट की कमीं की वजह से मरीजों को बहुत परेशानी हो रही है, इतने बड़े अस्पताल में भी इलाज की बढ़िया सुविधा नहीं है, मरीजों को धक्के खाना पड़ता है, सरकार को इसपर एक्शन लेना चाहिए.
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