फरीदाबाद: अरावली पर बने कान्त एन्क्लेव में 1992 के बाद बने निर्माणों को तोड़ने की आज अंतिम तारीख है, अगर आज इन निर्माणों को ध्वस्त नहीं किया जाएगा तो हरियाणा सरकार पर कंटेम्प का केस लग जाएगा, सरकार ने PL/PA एक्ट में संसोधन करके धन्ना सेठों के महलों को बचाने के लिए पूरी ताकत लगा दी लेकिन सुप्रीम कोर्ट के सामने हरियाणा सरकार की एक ना चली.
1992 के बाद बने महलों को तोड़ने के लिए प्रशासन अपनी फ़ौज लेकर कान्त एन्क्लेव पर पहुँच गया है, मौके पर सैकड़ों पुलिसकर्मी और सुरक्षाबल मौजूद हैं, जल्द ही तोड़फोड़ की कार्यवाही शुरू हो जाएगी.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अरावली पर कान्त एन्क्लेव के अलावा सैकड़ों अवैध फार्म हाउस भी हैं जो 1992 के बाद बने हैं, फरीदाबाद के समाजसेवी और पर्यावरण प्रेमी इन फार्म हाउसों के खिलाफ भी कार्यवाही की मांग कर रहे हैं, वरिष्ठ वकील एल एन पाराशर भी अरावली को बचाने के लिए कई महीनों से संघर्ष कर रहे हैं और उन्होंने हाईकोर्ट में PIL भी डाली है, यही नहीं उन्होंने कान्त एन्क्लेव मामले में पार्टी बनने की अपील भी डाली है.
अरावली के पहाड़ और जंगल फरीदाबाद और एनसीआर को प्रदूषण से बचाते हैं लेकिन बीते कुछ वर्षों में दबंगों, धन्ना सेठों और भूमाफियाओं ने जंगल की जमीन पर कब्जा करके, अवैध तरीके से खरीद-फरोख्त दिखाकर कब्जा कर लिया लेकिन कान्त एन्क्लेव टूटने के बाद इनकी भी बारी आएगी.
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